Thursday, July 28, 2022
Droupadi Murmu elected 15th President: 1st citizen of India
Saturday, July 23, 2022
MR. INDAR VIKRAM SINGH, D.M. ALIGARH (CHIEF GUEST) RELEASING THE BOOK "NEERAJ JI KE GEET". Report By SAMAN KHAN, Sub Editor SALAMEVATAN
WRITTEN BY SON OF NEERAJ JI MR. MILAN PRABHAT GUNJAN. PROGRAME WAS CONDUCTED BY SHRI RAKESH SAXENA AND PROF. SHAMBHU NATH TIWARI
Rt. to Lt. Dr. MASOOD AHMAD, EDITOR OF SALAMEVATAN, MR. GOVIND AGARWAL (EX D.I.G. of POLICE), CHIEF GUEST, MR. SHAURAJ JEEVAN, MR. VIVEK BANSAL SECRETARY OF AICC, MR. JOHNY FOSTER, MUSIC TEACHER OF AMU ALIGARH, JAVED SAID (NAWAB CHHTARI), MR. RAKESH SAXENA, SHRI MILAN PRABHAT GUNJAN ETC WELCMED TO CHIEF GUEST EX DIG SHRI GOVIND AGARWALP ETC.
SAMAN KHAN; L.LM
Monday, July 18, 2022
APPLICATION WANTED FOR ORAL AND MAXILOFACIAL SURGERY TRANING- PROF. G S HASHMI
ओरल और मैक्सिलोफेशियल सर्जरी में नैदानिक प्रशिक्षण के लिए आवेदन आमंत्रित
अलीगढ़, 15 जुलाईः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के डॉ जेड ए डेंटल कॉलेज के ओरल और
मैक्सिलोफेशियल सर्जरी विभाग में 1 अगस्त से शुरू
होने वाले ओरल और मैक्सिलोफेशियल सर्जरी में अवलोकन आधारित अल्पकालिक नैदानिक
प्रशिक्षण कार्यक्रम के अगले बैच के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए हैं।
मौखिक और मैक्सिलोफेशियल सर्जरी विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर गुलाम सरवर
हाशमी ने कहा कि भारतीय दंत चिकित्सा परिषद द्वारा मान्यता प्राप्त संस्थानों से
बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी (बीडीएस) स्नातक, जिन्होंने दो साल के भीतर अपनी
इंटर्नशिप पूरी कर ली है, कार्यक्रम के लिए आवेदन करने के पात्र
हैं। वेबसाइट से डाउनलोड किए गए विधिवत भरे हुए आवेदन पत्र www.amu.ac.in को 25 जुलाई, 2022 तक sarwarhashmi1@gmail.com और chairperson.om@amu.ac.in पर मेल किया जा सकता
है।
Report By SAMAN KHAN, Sub Editor, Salamevatan
NIRF-2022: JMI EMERGES AS 3RD TOP UNIVERSITY OF THE COUNTRY: REPORT BY SAMAN KHAN, Sub Editor, SALAMEVATAN
NIRF-2022: JMI emerges as 3rd top university of the country
Jamia Millia Islamia (JMI), a NAAC A++ accredited university, secured 3rd rank among all the universities in the Ministry of Education’s National Institutional Ranking Framework (NIRF)-2022 Rankings released by the Hon’ble Education Minister Shri Dharmendra Pradhan today. JMI significantly improved its position from 6th last year in the NIRF. The Ministry of Education, Government of India had initiated ranking of higher educational institutions in the country in 2016.
JMI Vice Chancellor Prof. Najma Akhtar received the award from the Hon’ble Education Minister Shri Dharmendra Pradhan today at an impressive function organised by the ministry to declare the rankings.
Expressing her delight on the landmark achievement, Vice-Chancellor Prof. Najma Akhtar said, “By the grace of Almighty JMI has been climbing up the ladder persistently. The university has been making consistent efforts to improve the quality of teaching, learning and research. In NIRF rankings we have progressed from 83rd rank in 2016 to 6th rank in 2021 and now figures among three top universities of the nation. This remarkable achievement was possible because of the relevant & focused research of highest quality and teaching by the dedicated & devoted faculty members of the university”.
Prof. Akhtar further said that the university is committed to realize the vision of the government and will continue to strive for further improvement in our national and international rankings.
The Vice Chancellor also attributed the achievement to the improved perception about the university with regard to teaching, placements, research etc. The university has become one of the sought after institutions by the students and the increase in the number of applications is a testimony to it. “We hope to do better in the coming years”, said the Vice Chancellor.
It is worth mentioning that the university has improved its position significantly in the 'research' category where it secured 19th rank improving its position from 30th in NIRF 2021. The university also improved its position in Architecture, Engineering, Dental and Management category and maintained its position in Law.
SUB EDITOR SAMAN KHAN
SYED AKBARUDDIN, FORMER PERMANENT REPRESENTATIVE OF INDIA TO THE UNITED NATIONS DELIVERED SIR SYED MEMORIAL LECTURE
REPORT BY SAMAN KHAN, SUB EDITOR SALAMEVATAN
ALIGARH MUSLIM UNIVERSITY VICE CHANCELLOR TARIQ MANSOOR IS AWARDING A MOMENTO TO MR. SYED AKBARUDDIN.
पूर्व राजनयिक सैयद अकबरुद्दीन ने दिया सर सैयद मेमोरियल लेक्चर
अलीगढ़, 16 जुलाईः एक बदली हुई दुनिया में जहां चीन वैश्विक व्यवस्था को फिर से आकार देने के लिए अधिक उत्सुक लगता है, भारत ने कूटनीति की अपनी पारंपरिक शैली को त्याग दिया है। भारत ने 2014 के बाद से अधिक गतिशील, सक्रिय, साहसी और जोखिम लेने वाला कूटनीतिक दृष्टिकोण अपनाया है, और अपने पड़ोसियों सहित विभिन्न देशों के साथ संबंध विकसित किए हैं, जैसा पहले कभी नहीं हुआ।
यह विचार सेवानिवृत्त आईएफएस अधिकारी और संयुक्त राष्ट्र में भारत के पूर्व स्थायी प्रतिनिधि श्री सैयद अकबरुद्दीन ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की सर सैयद अकादमी द्वारा आयोजित वार्षिक सर सैयद मेमोरियल लेक्चर 2022 में व्याख्यान के दौरान व्यक्त किये।
एएमयू के जेएन मेडिकल कॉलेज सभागार में श्री अकबरुद्दीन ने ‘भारत की वैश्विक कूटनीति का बदलता चेहरा’ विषय पर बोलते हुए अपने लंबे राजनियिक करियर और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अनुभवों से कई उदाहरण प्रस्तुत किये। उन्होंने कहा कि बदली हुई विश्व व्यवस्था में और साइबर स्पेस, जलवायु परिवर्तन के मुद्दे, ऊर्जा की जरूरतें और मुद्रास्फीति के कारण विदेश नीति अब शुद्व विदेशी नहीं रह गई है और कई स्थानीय मुद्दे भी कूटनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
श्री अकबरुद्दीन ने कहा कि हम एक वैश्विक उथल-पुथल देख रहे हैं जो हाल के दिनों में कभी नहीं देखा गया है, अमेरिका का एक ध्रुवीय प्रभुत्व समाप्त हो गया है और चीन हरित प्रौद्योगिकी, चिकित्सा और सौर ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में अपनी स्थिति को मजबूत कर रहा है। चीन के बाजार में अपर्याप्त पहुंच, सीमा पर झड़पें और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में बेल्ट एंड रोड पहल से पता चलता है कि भविष्य में भारत और चीन के बीच मतभेद बढ़ सकते हैं।
भारत की विदेश नीति में बदलाव की व्याख्या करते हुए, संयुक्त राष्ट्र के पूर्व दूत ने कहा कि चुनाव परिणामों के निहितार्थ और प्रभाव होते हैं, जो हमारी वर्तमान विदेश नीति में परिलक्षित होते हैं। अब हमारी नीति ‘बड़ा सोचो, साहसिक कार्य करो और जोखिम लो’ पर आधारित है। श्री अकबरुद्दीन ने कहा कि 2015 में, भारत-अफ्रीका शिखर सम्मेलन में 54 देशों के नेताओं ने भाग लिया, 2018 में गणतंत्र दिवस परेड में 10 आसियान नेताओं को अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था और आई2यू2 जो भारत, इजराइल, संयुक्त अरब अमीरात और संयुक्त राज्य अमेरिका का एक गठबंधन है हमारी विदेश नीति में इस मौलिक बदलाव को दर्शाते हैं।
श्री अकबरुद्दीन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चार बार यूएई का दौरा किया है जबकि पिछले 30 वर्षों में किसी भी पूर्व भारतीय प्रधानमंत्री ने उक्त देश का दौरा नहीं किया। संयुक्त अरब अमीरात और ऑस्ट्रेलिया के साथ विदेश व्यापार समझौते और यूरोपीय संघ के देशों, ब्रिटेन आदि के साथ साझेदारी ने दुनिया के अग्रणी देशों के साथ हमारे राजनयिक और आर्थिक संबंधों को आकार देने में मदद की है। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस से भारत की सॉफ्ट पावर को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिल रही है। यह निश्चित रूप से एक मजबूत विदेश नीति में मदद करता है।
पूर्व राजनयिक ने सर सैयद अहमद खान की प्रशंसा की और कहा कि सर सैयद का भावनाओं में बह जाने के बजाय असामान्य रूप से संतुलित रवैया था। लचीली मानसिकता, राजनीतिक जागरूकता, सतर्क दिमाग और बातचीत के माध्यम से बेहतर परिणाम प्राप्त करने की समझ सर सैयद के प्रमुख गुण थे, जो आधुनिक समय की कूटनीति के लिए आवश्यक हैं।
इस बात पर जोर देते हुए कि भारत विश्व स्तर पर अधिक सक्रिय है, उन्होंने एएमयू के छात्रों से संतुलन बनाए रखने, उच्च लक्ष्य रखने और देश के लिए विदेश नीति और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का आग्रह किया।
अध्यक्षीय सम्बोधन में एएमयू कुलपति प्रो तारिक मंसूर ने कहा कि विदेश नीति एक लचीला विषय है। अफगानिस्तान, नेपाल और श्रीलंका आदि को भारत की मानवीय सहायता, भारत को पड़ोस और वैश्विक मामलों में और अधिक सक्रिय बनाने का उदाहरण है। हाल के दिनों में खाड़ी देशों, विशेष रूप से संयुक्त अरब अमीरात और सऊदी अरब के साथ भारत के संबंधों में काफी सुधार हुआ है।
प्रोफेसर मंसूर ने कहा कि चीन वैश्विक व्यवस्था के लिए एक सुरक्षा खतरा है और वह क्षेत्र के अन्य पड़ोसी देशों की कीमत पर दक्षिण चीन सागर पर हावी होने की कोशिश कर रहा है।
उन्होंने कहा कि चीन के साथ सीमा विवाद पर भारत के रुख की सभी देशों ने सराहना की है।
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा के हम आधुनिकता और प्राच्यवाद का मिश्रण हैं और हम भविष्य की ओर सकारात्मक तरीके से देख रहे हैं।
प्रो. मंसूर ने विचारोत्तेजक व्याख्यान के लिए श्री सैयद अकबरुद्दीन की प्रशंसा की और आशा व्यक्त की कि एएमयू के साथ उनके निरंतर जुड़ाव से छात्रों और शिक्षकों को लाभ होगा।
इससे पूर्व सर सैयद अकादमी के निदेशक प्रो. अली मोहम्मद नकवी ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि एएमयू ने विशेष रूप से इस्लामी दुनिया के साथ देश के मजबूत संबंध स्थापित करने में मदद की है। प्रोफेसर नकवी ने सर सैयद अकादमी की गतिविधियों का भी परिचय कराया।
सर सैयद अकादमी के उप निदेशक डॉ. मुहम्मद शाहिद ने धन्यवाद ज्ञापित किया। डॉ फायजा अब्बासी ने कार्यक्रम का संचालन किया।
इस अवसर पर एएमयू के सहकुलपति प्रोफेसर मुहम्मद गुलरेज के अलावा बड़ी संख्या में शिक्षक व छात्र व्याख्यान के दौरान मौजूद रहे।
A REPORT BY SAMAN KHAN, SUB EDITOR SALAMEVATAN
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