Thursday, January 28, 2021

American Society of Civil Engineering awarded "JC Stivans Award" to Prof. Sarfaraz Ansari, AMU Aligarh

 


अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर सरफराज अली अंसारी को अमेरिकन सोसाइटी आफ सिविल इंजीनियरिंग द्वारा ”जेसी स्टीवंस अवार्ड” से सम्मानित किया गया है।

ज्ञात हो कि प्रोफेसर अंसारी को यह एवार्ड ”जर्नल आफ हाइड्रोलिक इंजीनियरिंग, यूएसए” नामक पत्रिका में प्रकाशित एक शोधपत्र पर तकनीकी परिचर्चा के लिये दिया गया है।

Plantation at AMU Aligarh on Republic Day 2021

 

PLANTATION : Prof. Tariq Mansoor Vice Chancellor, AMU  Aligarh and  in IInd Photo

Dr. Hameeda Tariq and Prof. Suboohi Khan with her staff at Begam Azizunnisan Hall, AMU Aligarh  

VOTERS DAY : OATH at ADMINISTRATIVE BLOCK, AMU ALIGARH



अलीगढ़, 25 जनवरीः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के प्रशासनिक ब्लाक में अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर मतदान और लोकतांत्रिक परंपराओं के प्रति निष्ठा की शपथ ली। इस अवसर पर, एएमयू के रजिस्ट्रार श्री अब्दुल हमीद (आईपीएस) ने अपने संक्षिप्त संबोधन में उपस्थितजनों को शपथ दिलाने से पूर्व कहा कि बिना किसी भय या लालच के मतदान करना लोकतांत्रिक प्रणाली का एक बुनियादी हिस्सा है। उन्होंने कहा कि कई जगहों पर लोग कम वोट करते हैं जो लोकतंत्र के लिए अच्छा संकेत नहीं है। इस संबंध में लोगों में जागरूकता की आवश्यकता है। रजिस्ट्रार श्री अब्दुल हमीद आईपीएस ने शपथ ली जिसे उपस्थित विश्वविद्यालय कर्मचारियों ने दोहराया। उन्होंने शपथ लेते हुए कहा कि “हम, भारतीय नागरिक, लोकतंत्र में विश्वास करते हैं और अपने देश की लोकतांत्रिक परंपराओं और स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनावों की परंपरा को बनाए रखने और धर्म, जाति, भाषा अथवा पंथ के भेदभाव के बिना प्रत्येक चुनाव में भाग लेने की शपथ लेते हैं तथा हम किसी लालच से प्रभावित हुए बिना मतदान करेंगे।” इस अवसर पर वित्त अधिकारी प्रोफेसर एसएम जावेद अख्तर तथा अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे। राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर विश्वविद्यालय के अन्य कई विभागों में भी शपथ ग्रहण कार्यक्रम आयोजित किया गया।, यूनानी चिकित्सा संकाय में स्त्री एवं बाल रोग विभाग की अध्यक्ष, प्रोफेसर सबुही मुस्तफा ने सभी शिक्षकों, पीजी छात्रों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों को शपथ दिलाई। भाषा विज्ञान विभाग में अध्यक्ष प्रोफेसर एमजे वारसी ने, अरबी विभाग में प्रोफेसर फैजान अहमद ने, रिमोट सेंसिंग एण्ड जीआईएस एप्लीकेशन्स विभाग में डा. हारिस हसन खान ने तथा वीेमेन्स कालिज में प्रिन्सिपल प्रोफेसर नईमा गुलरेज ने शपथ दिलाई। सेंटर फार डिस्टेंस एण्ड आनलाइन लर्निंग में निदेशक प्रोफेसर नफीस अहमद अंसारी ने भी मतदाता दिवस की शपथ दिलाई। बेगम सुल्तान जहा हाल में प्रोवोस्ट डा० सायरा महनाज ने मतदाता शपथ दिलाई। इस अवसर पर वार्डन डा० देब श्री, डा० निगहत, डा० शीना, डा० शाजिया, डा० सना, डा० फरहीन और डा० नाजिया उपस्थित थे। एएमयू सिटी गल्र्स हाई स्कूल में पोस्टर निर्माण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें मतदाता जागरूकता पर बल दिया गया। प्रिन्स्पिल डा. एम आलमगीर सहित अन्य शिक्षको ंएवं गैर शिक्षक कर्मियों ने मतदान का शपथ लिया। ----------------------------------------------------------

TIME CAPSULE BURIALI in front of VICTORIA GATE ---by Vice ChancelloR PROF. TARIQ MANSOOR

 उच्च टेम्पर्ड स्टील से निर्मित टाइम कैप्सूल


गणतंत्र दिवस समारोह और विश्वविद्यालय के शताब्दी वर्ष के अवसर पर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के इतिहास के एक अध्याय को संरक्षित करने तथा विश्वविद्याय की समृद्ध विरासत को भविष्य के लिये एक रिकार्ड के रूप में अगली नस्लों तक पहंुचाने के उद्देश्य से आज विश्वविद्यालय के एतिहासिक भवन विक्टोरीया गेट के समक्ष पार्क में 30 फीट गहरे गड्ढे में एक 1.5 टन के ”टाइम कैप्सूल” को दफनाने का कार्यक्रम आयोजित किया गया।

उच्च टेम्पर्ड स्टील से निर्मित इस टाइम कैप्सूल में खलीक अहमद निजामी का सर सैयद एल्बम, 1875 से 1919 तक मोहम्मद एंग्लो-ओरिएंटल कालिज, अलीगढ़ से संबंधित लेख और भाषण (नवाब मोहसिन उल मुल्क द्वारा संकलित), थ्योडोर मॉरिसन द्वारा एमएओ कालिज का इतिहास, जीएफआई ग्राहम द्वारा सैयद अहमद खान का जीवन और कार्य, प्रोफेसर शान मोहम्मद द्वारा भारत में मुस्लिम शिक्षा की झलक - खंड 1 व 2, 1920 के अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय अधिनियम तथा विश्वविद्यालय के कानूनय, प्रोफेसर के ए निजामी द्वारा सैयद अहमद खान, प्रोफेसर मोहम्मद आसिम सिद्दीकी और डा० राहत अबरार द्वारा संकलित जहान-ए-सैयद, अल्ताफ हुसैन हाली द्वारा हयात-ए-जावेद (उर्दू), प्रोफेसर रफी अहमद अलवी द्वारा हयात-ए-जावेद (अंग्रेजी), डा० राजीव लोचन नाथ शुक्ल द्वारा हयात-ए-जावेद (हिंदी), एस के भटनागर द्वारा एमएओ कालिज का इतिहास, डा० एपीजे अब्दुल कलाम का दीक्षांत भाषण, अमुवि के दीक्षांत समारोह (1922-2018), मोहम्मडन एंग्लो-ओरिएंटल कालिज कैलेंडर (1911-1912), अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय कैलेंडर (1932), एएमयू डायरी -2020, 28 अक्टूबर, 2018 को कार्टोसैट-2 द्वारा ली गई अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय परिसर की सैटेलाइट तस्वीर, एएमयू के कुलाधिपतियों और कुलपतियों की सूची, अमुवि का कालानुक्रमिक इतिहास (1920-2020), 22 दिसंबर 2020 को शताब्दी समारोह में प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा जारी डाक टिकट तथा भाषण तथा टाइम कैप्सूल की सामग्री सुचि तथा प्रगति कार्य के विवरण को रखा गया है।
समारोह की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने कहा कि यह टाइम कैप्सूल भविष्य की पीढ़ियों के लाभ के लिए है और इसमें एएमयू के गौरवशाली इतिहास को संरक्षित किया गया है। उन्होंने कहा कि इसमें रखी गई दस्तावेजों को आधुनिकतम वैज्ञानिक तरीकों से संरक्षित किया गया है। कैप्सूल में रखी गई दस्तावेजों के लिये एसिड-मुक्त तथा रसायनविहीन कागज का प्रयोग किया गया है।
प्रोफेसर मंसूर ने कहा कि इतिहास परंपराओं के आचरण में आने के साथ शुरू होता हैं। उन्होंने कहा कि  अतीत की आदतों और भविष्य के लिये लिये गये पाठ का अर्थ ही परंपरा है।
कुलपति ने जार्ज संतायण का हवाला देते हुए कहा कि जो लोग अतीत को याद नहीं रखते, उन्हें इसे दोहराने का श्राप झेलना पड़ता है।
उन्होंने कहा कि 8 जनवरी 1877 को एमएओ कालिज की आधार शिला रखते समय उस समय के वायसराय तथा गवर्नर जनरल लार्ड लिटन द्वारा दफन किये गये कैप्सूल को बाहर निकालने संबन्धित तौर-तरीकों पर विचार विमर्श के लिये एक समिति का गठन किया गया है।
कुलपति ने टाइम कैप्सूल समिति के सदस्यों, एएमयू रजिस्ट्रार, श्री अब्दुल हमीद (आईपीएस), प्रो मिर्जा फैसल एस बेग (अध्यक्ष, मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग), प्रोफेसर एमके पुंडीर (इतिहास विभाग), डा० राहत अबरार, राजीव कुमार शर्मा (विश्वविद्यालय इंजीनियर), डा० मोहम्मद शाहिद (उप निदेशक, सर सैयद अकादमी), इशरत आलम (अध्यक्ष, इतिहास विभाग), डा० मोहम्मद यूसुफ (विश्वविद्यालय लाइब्रेरियन), डा० मोहम्मद नदीम (कंप्यूटर विज्ञान विभाग), डा० मोहम्मद इरफान (संग्रहालय विज्ञान विभाग), डा० रिजवान अहमद (रिमोट सेंसिंग एवं जीआईएस अनुप्रयोग विभाग), डा० परवेज महमूद (निदेशक, कंप्यूटर सेंटर) और श्री फूल चंद गोंड (आईआईटी कानपुर) का आभार व्यक्त किया।
एएमयू रजिस्ट्रार, श्री अब्दुल हमीद (आईपीएस) ने कार्यक्रम का संचालन किया।



AMU CELIBRATES 72nd REPUBLIC DAY

 


अमुवि में गणतंत्र दिवस समारोह आयोजित

अलीगढ़, 26 जनवरीः हमारा संविधान मौलिक कानूनों का मात्र एक संकलन नहीं है जो शासन के आधार का निर्माण करता है, बल्कि यह कुछ बुनियादी मूल्यों, दर्शन और उद्देश्यों का प्रतीक है। इन मूल्यों को संविधान की प्रस्तावना में भलीभांति परिकल्पित किया गया है जिसकी वस्तुतः अभिव्यक्ति प्रजातंत्र के उच्च आदर्शों - संप्रभुता, समाजवाद, धर्मनिरपेक्षता, लोकतंत्र, न्याय, स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व, मानवीय गरिमा और राष्ट्र की एकता और अखंडता में होती है।
यह बात अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने स्ट्रेची हाल में गणतंत्र दिवस के अवसर पर विश्वविद्यालय शिक्षकों एवं छात्रों को सम्बोधित करते हुए कही। उन्होंने 72 वें गणतंत्र दिवस समारोह के अवसर पर भारत का झंडा फहराने के बाद अपने सम्बोधन में कहा कि आज ही के दिन 1950 में भारत का संविधान लागू हुआ था और भारत को एक गणतंत्र का स्वरूप प्राप्त हुआ था।
प्रोफेसर मंसूर ने कहा कि हमारे राष्ट्र के संस्थापकों ने विभिन्न धर्मों, संस्कृतियों, नस्लों और भाषाओं के आपसी सह-अस्तित्व के साथ भविष्य की कल्पना की थी। एएमयू के संस्थापक सर सैयद अहमद खान ने भी विविधता में एकता के विचार को इस संस्था के आधारभूत सिद्धांतों में शामिल किया था। यही कारण है कि इस विश्वविद्यालय के द्वार जाति, पंथ, क्षेत्र और धर्म के भेदभाव के बिना हमेशा सभी के लिए खुले रहे हैं।
कुलपति ने कहा कि सभी वर्गों के अंथक प्रयासों से हम उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा के केन्द्र के रूप में एएमयू को विकसित करने में सफल रहे हैं। उन्होंने कहा कि गत 100 वर्षों के दौरान एएमयू ने विद्वेता तथा बौद्धिक संचरण के क्षेत्र में अपनी एक अलग पहचान बनाई है।
उन्होंने कहा कि यह बात हमारे लिये हर्ष का विषय है कि शताब्दी समारोह में विश्वविद्यालय बिरादरी को संबोधित करने के लिए माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने हमारे निमंत्रण को स्वीकार किया तथा अपने महान विचारों से हमें नवाजा़। प्रधान मंत्री के उत्साहवर्धक शब्दों ने राष्ट्र निर्माण के कार्य को एक नए जोश तथा क्षमता के साथ आगे बढ़ाने का हमें दृढ़ संकल्प दिलाया। एएमयू को ‘मिनी इंडिया’ के रूप में संदर्भित कर उन्होंने इसके महानगरीय और धर्मनिरपेक्ष स्वरूप की पुष्टि की है।
उन्होंने एसटीएस स्कूल के छात्र, एम शादाब को पीएम युवा पुरस्कार जीतने और माननीय प्रधान मंत्री के साथ बातचीत करने के लिए बधाई दी।
उन्होंने कहा कि एएमयू में भारत के विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के अतिरिक्त 20 विभिन्न देशों के छात्र भी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।
कुलपति ने कहा कि अमुवि के शताब्दी वर्ष को यादगार बनाने के लिये हमने सेंटेनरी गेट के निर्माण का कार्य जनवरी 2020 में प्रारंभ किया था जिसे युद्ध स्तर पर पूर्ण कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि यह शताब्दी गेट एएमयू की अद्वितीय सांस्कृतिक विरासत और सर सैयद की भावनाओं के अनुरूप हमारे लिये प्रेरणा का श्रोत साबित होगा।
उन्होंने कहा कि एएमयू के शानदार इतिहास को संरक्षित करने के लिए गणतंत्र दिवस समारोह के इस महान अवसर पर एक टाइम कैप्सूल को आज दफनाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि एएमयू ने कोविड-19 रोगियों के परीक्षण और उपचार और टीका परीक्षण के संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मैं इस प्रयास का श्रेय विशेष रूप से जेएन मेडीकल कालिज के डॉक्टरों, नर्सों और पैरामेडिकल स्टाफ सहित सम्पूर्ण एएमयू बिरादरी को देता हूं।
उन्होंने लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने तथा सामूहिक टीकाकरण कार्यक्रम में सहयोग करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि हमारे देश में दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीन कार्यक्रम चल रहा है, जो वैक्सीन उत्पादन में सबसे आगे रहा है।
कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने कहा कि नये शताब्दी वर्ष में रोजगार के अवसर प्रदान किये जाने के उद्देश्य से नए पाठ्यक्रम शुरू करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। इन पाठ्यक्रमों में डीएम (कार्डियोलाजी), पीजी डिप्लोमा इन पेन मैनेजमेंट, इंटेंसिव केयर और न्यूरो-एनेस्थीसिया, खाद्य प्रौद्योगिकी में बीटेक, सौर ऊर्जा, जैव-चिकित्सा इंजीनियरिंग, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, आपदा प्रबंधन, भूकंप इंजीनियरिंग तथा रोबोट इंजीनियरिंग में एम टेक, डेटा विज्ञान, फोरेंसिक और डिजिटल विज्ञान और कृषि विज्ञान में एमएससी शामिल हैं।
प्रो मंसूर ने कहा कि टीमवर्क, आपसी परामर्श, समन्वय तथा योजना विश्वविद्यालय की परियोजनाओं की सफलता की पहचान है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के सुचारू प्रबन्धन में शिक्षकों, सहायक कर्मचारियों, छात्रों, पूर्व छात्रों और शुभचिंतकों के समर्थन के लिए मैं उनका ऋणी हूं।
कुलपति ने सभी से एकजुट, निडर और सकारात्मक होकर भारतीय लोकतंत्र को मजबूत करने का आह्वान किया। इस अवसर पर उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम के नायकों के संघर्षों का भी स्मरण किया तथा महात्मा गांधी, डा बीआर अंबेडकर, जवाहरलाल नेहरू, सरदार पटेल, भगत सिंह, सुभाष चंद्र बोस, खान अब्दुल गफ्फार खान और मौलाना आजाद को श्रद्धांजलि अर्पित की।
प्रोफेसर मंसूर ने अपनी पत्नी डॉ हमीदा तारिक के साथ इस अवसर को यादगार बनाने के लिए वृक्षा रोपण भी किया। विश्वविद्यालय के छात्रों, नायला अल्वी और आसिफ सऊद ने इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त किये।
कार्यक्रम में एएमयू के सहकुलपति प्रोफेसर जहीरुद्दीन तथा रजिस्ट्रार, श्री अब्दुल हमीद (आईपीएस) भी उपस्थित थे। ध्वजारोहण समारोह का संचालन कुलसचिव श्री अब्दुल हमीद ने किया, जिन्होंने संविधान की प्रस्तावना भी पढ़ी और अखंडता शपथ दिलाई।
विश्वविद्यालय ने सभी कार्यालयों, संकायों, कॉलेजों, विभागों और स्कूलों में समारोह आयोजित किये गये। राष्ट्रीय ध्वज को प्रशासनिक ब्लाक भवन, कुलपति लाज, मौलाना आजाद लाइब्रेरी, कला संकाय, विश्वविद्यालय के सभी स्कूलों और कॉलेजों, सभी संकायों के डीन तथा डीएसडब्ल्यू के कार्यालयों, सभी प्रोवोस्ट कार्यालयों और प्रॉक्टर कार्यालय पर फहराया गया।
इसके अतिरिक्त कुलपति ने सर सैयद अकादमी में पांच पुस्तकों का विमोचन किया। जिनमें ‘‘अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटीः ए शाट इंट्रोडक्शन’’, अंग्रेजी विभाग की डा. विभाग शर्मा द्वारा लिखित ‘‘कर्नल बशीर हुसैन जै़दी’’, वीमेन्स कालिज की डा. सदफ फरीद द्वारा लिखित ‘‘नवाब सुल्तान जहा बेगम’’, अंग्रेजी विभाग के डा. सुनिज कुमार शर्मा द्वारा लिखित ‘‘राजा जयकिशन दास’’ तथा वीमेन्स कालिज के डा. रजा़ अब्बास द्वारा लिखित ‘‘सर रास मसूद’’ शामिल हैं। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में प्रोफेसर सैयद हकीम जिल्लुर रहमान (कोषाध्यक्ष), सर सैयद अकादमी के निदेशक प्रोफेसर अली मोहम्मद नक्वी, डिप्टी डायरेक्टर डा. मोहम्मद शाहिद, प्रोफेसर फरहत उल्लाह खान, प्रोफेसर नईमा खातून तथा प्रोफेसर शकील समदानी ने अपने विचार रखे। कार्यक्रम में सहकुलपति प्रोफेसर जहीर उद्दीन और डा. हमीदा तारिक भी मौजूद रहीं।
इस अवसर पर कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने सर सैयद हाउस के प्रांगण में बेगम मुशर्रफ जहां रोज़ गार्डेन का उद्घाटन किया।
गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर उर्दू विभाग द्वारा एक अंतर्राष्ट्रीय आनलाइन मुशायरा (काव्य संगोष्ठी) का आयोजन किया गया कुलपति, प्रोफेसर तारिक मंसूर ने मुशायरा की अध्यक्षता की जबकि मुख्य अतिथि के रूप में सहकुलपति प्रो जहीरुद्दीन ने कार्यक्रम में भाग लिया।

Thursday, January 14, 2021

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Saturday, January 9, 2021

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के मास कम्यूनिकेशन विभाग के 7 स्नातकोत्तर छात्रों को मुस्लिम एजूकेशन ट्रस्ट द्वारा छात्रवृत्ति




अलीगढ़, 8 जनवरीः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के मास कम्यूनिकेशन विभाग के 7 स्नातकोत्तर छात्रों को मुस्लिम एजूकेशन ट्रस्ट द्वारा छात्रवृत्ति प्रदान की गई है। छात्रवृत्ति प्राप्त करने वालों में नेहा गौतम, मोहम्मद हाशिम पीके, मोहम्मद यूसुफ शहरयार, सैयद शाजिया हुसैन, अशरफ अली, शाहबाज़ अली और मोहम्मद रियाज अहमद शामिल हैं।

सोशल साइंस संकाय के डीन प्रोफेसर निसार अहमद खान ने छात्रों को बधाई देते हुए आशा व्यक्त की कि वे जल्द ही मुख्यधारा की मीडिया से जुड़ेंगे और इस पेशे को उच्च स्तरीय मापदंडों पर ले जाएंगे। उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित नेहा गौतम, शाहबाज़ अली, अशरफ अली और मोहम्मद रियाज अहमद को चेक वितरित किए।
जनसंचार विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर शाफे किदवाई ने कहा कि विभाग ने कई प्रतिष्ठित पत्रकारों को जन्म दिया है जो बीबीसी, अल जजीरा, इंडिया टुडे, आजतक, एबीपी न्यूज, एनडीटीवी, टीवी 18 और 9, हिंदुस्तान टाइम्स, द इंडियन एक्सप्रेस, द टाइम्स आफ इंडिया, द हिंदू, द वायर, इंकलाब, टीवी 18 उर्दू, ईटीवी भारत, द पायनियर, जागरण, हिंदुस्तान, और अमर उजाला आदि के साथ कार्य कर रहे हैं।  
उन्होंने कहा कि हाल ही में आउटलुक मैग्ज़ीन द्वारा की गई नवीनतम रैंकिंग में विभाग को मीडिया शिक्षा का चैथा सर्वश्रेष्ठ संस्थान प्रदान किया गया है।
उन्होंने छात्रवृत्ति प्रदान करने के लिए ट्रस्ट का आभार जताया।

Wednesday, January 6, 2021

Padamshri Dr. Basheer Badar ne AMU se hasil PhD ki Degree ko seene se lagaya




 उर्दू के प्रख्यात शायर पदमश्री डा० बशीर बद्र को अलीगढ़ मुस्मिल विश्वविद्यालय द्वारा उनकी पीएचडी डिग्री जारी की गई है। ज्ञात हो कि वयोवृद्ध कवि बशीर बद्र ने 1973 में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से पीएचडी की डिग्री प्राप्त की थी।

वर्तमान में भोपाल, मध्य प्रदेश निवासी डा० बशीर बद्र पीएचडी डिग्री की प्राप्ति पर बहुत उत्साहित हैं तथा उन्होंने अपने परीवार जनों के साथ इस उपलब्धि पर प्रसन्नता प्रकट करते हुए विश्वविद्यालय में अपने बीते दिनों को याद किया।
उन्होंने एएमयू से ही एमए की डिग्री 1969 में प्राप्त की थी।
डा० बशीर बद्र को साहित्य अकादमी

उर्दू के प्रख्यात शायर पदमश्री डा० बशीर बद्र को अलीगढ़ मुस्मिल विश्वविद्यालय द्वारा उनकी पीएचडी डिग्री जारी की गई है। ज्ञात हो कि वयोवृद्ध कवि बशीर बद्र ने 1973 में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से पीएचडी की डिग्री प्राप्त की थी।

वर्तमान में भोपाल, मध्य प्रदेश निवासी डा० बशीर बद्र पीएचडी डिग्री की प्राप्ति पर बहुत उत्साहित हैं तथा उन्होंने अपने परीवार जनों के साथ इस उपलब्धि पर प्रसन्नता प्रकट करते हुए विश्वविद्यालय में अपने बीते दिनों को याद किया।

Monday, January 4, 2021

AMU ke PRO Dr. Rahat Abrar sb se meine "JOURNALISM" ke bareekian seekhien--Dr. Masood Ahmad


अलीगढ़ 1 जनवरीः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की उर्दू अकादमी के निदेशक डा राहत अबरार के सेवानिवृत होने पर एक एक विदाई समारोह का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता अकादमी के संस्थापक निदेशक प्रो. काजी अफजाल हुसैन ने की। अपने अध्यक्षीय भाषण में उन्होंने कहा कि डा राहत अबरार ने हमेशा जिम्मेदारी और लगन से विश्वविद्यालय की सेवा की है। जिस लगन से वह अलीगढ़ और सर सैयद दोनों को प्यार करते हैं उसे शब्दों में वर्णित नहीं किया जा सकता।

इस अवसर पर जनसंचार विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर शाफे किदवाई ने डा राहत अबरार की 40 वर्षों की सेवा का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने जो भी काम किया उसे बड़ी जिम्मेदारी के साथ निभाया। उन्होंने कहा कि विद्वान कभी सेवानिवृत्त नहीं होते।

प्रोफेसर काजी जमाल हुसैन ने कहा कि वह बड़प्पन का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। श्री तारिक हसन ने कहा कि उनकी 40 साल की दोस्ती इस बात का प्रमाण है कि राहत साहब को दोस्ती बनाए रखने की कला में महारत हासिल है। लोगों के प्रति उनकी सेवा की भावना भी सराहनीय है। प्रोफेसर मौला बख्श ने कहा कि वह एएमयू के लिए एक संपत्ति है। सर सैयद अध्ययन के क्षेत्र में उनकी सेवाओं को बहुत महत्व दिया जाता है।

प्रोफेसर मुहम्मद सज्जाद ने कहा कि डा. अबरार ऐतिहासिक दस्तावेजों के एक विश्वकोश है। श्री मेहर अली नदीम ने आशा व्यक्त की कि वह सेवानिवृत्त होने के बाद सर सैयद से संबंधित अधूरे कार्यों को निश्चित रूप से पूरा करेंगे। श्री जावेद सईद ने काम करने के उनके अनूठे तरीके का उल्लेख किया।

डा राहत अबरार ने अकादमी के सभी कर्मचारियों को धन्यवाद दिया और कहा कि वे अकादमी के काम में रुचि लेते रहेंगे।

अकादमी के कार्यवाहक निदेशक डा जुबैर शादाब ने प्रतिभागियों को धन्यवाद दिया और कहा कि अकादमी उर्दू भाषा और साहित्य के अध्ययन और भाषा और साहित्य के शिक्षण पर संदर्भ सामग्री तैयार करेगी जो अकादमी का मुख्य उद्देश्य है। प्रो. तारिक मंसूर की उर्दू भाषा और साहित्य के प्रचार में विशेष रुचि है। उनके संरक्षण मेंअकादमी बेहतर प्रदर्शन करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि जल्द ही ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किए जाएंगे।

डा मुश्ताक सदाफ ने कार्यक्रम का संचालन किया। डा राहत अबरार को गुलदस्ता और शॉल भेंट कर उन्हें सम्मानित किया गया। इस अवसर पर डा रफी-उद-दीनडा अबू बकरश्री काशिफ मुनीर और डा असद फैसल फारूकी भी उपस्थित थे।

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कालिज में आउट पेशेंट डिपार्टमेंट (ओपीडी) की सेवाएं 4 जनवरी से अनुवर्ती रोगियों के लिए फिर से शुरू की जाएंगी।


चिकित्सा अधीक्षक
] प्रोफेसर हरिस एम खान के अनुसार ईएनटी] पेडियाट्रिक्स] रेडियो डायग्नोसिस] आर्थोपेडिक सर्जरी] त्वचाविज्ञान] मनोरोग] सामान्य सर्जरी] जीएस फालो अप क्लिनि] कार्डियोलाजी-सुपर स्पेशलिटी] टीबी चेस्ट] प्लास्टिक सर्जरी] प्रसूति एवं स्त्री रोग] एएनसी तथा रेडियोथेरेपी की ओपीडी सभी कार्य दिवस में कार्य करेगी जबकि नेत्र विज्ञान] मधुमेह और एंडोक्रिनोलाजी सोमवार] मंगलवार] गुरुवार और शुक्रवार को और वेल बेबी क्लिनिक मंगलवार] गुरुवार और शनिवार को खुलेगी। इस ओपीडीज़ में प्रतिदिन केवल 70 रोगियों को प्रवेश दिया जाएगा।  

प्रोफेसर खान ने बताया कि स्पोर्ट्स एंड आर्थोस्कोपी-सुपर स्पेशिएलिटी ओपीडी मंगलवार को] ट्यूमर क्लिनिक-सुपर स्पेशलिटी (मंगलवार)] स्पाइन क्लिनिक-सुपर स्पेशलिटी (गुरुवार)] पीडियाट्रिक आर्थो क्लिनिक-सुपर स्पेशलिटी (सोमवार)] आर्थोप्लास्टी क्लिनिक हिप एंड नी-सुपर स्पेशलिटी (बुधवार)] फिजियोथेरेपी ध् कार्यशाला (सभी दिन)] दर्द क्लिनिक (सोमवार] बुधवार और शनिवार)] एनेस्थिसियोलाजी] जीएस फालो अप क्लिनिक (सभी दिन)] जीएस स्पेशल ओपीडी (मंगलवार बुधवार] गुरुवार और शुक्रवार)] न्यूरोसर्जरी (सोमवार] बुधवार और शनिवार)] सीटीवीएस (मंगलवार और शुक्रवार)] नेफ्रोलाजी-सुपर स्पेशियलिटी (सोमवार)] रुमेटोलाजी-सुपर स्पेशलिटी (शनिवार)] न्यूरोलाजी-सुपर स्पेशलिटी (बुधवार)] जीई क्लिनिक-सुपर स्पेशिएलिटी (शुक्रवार)] बाल चिकित्सा सर्जरी (मंगलवार और शनिवार) और इनफर्टिलिटी क्लिनिक-सुपर स्पेशलिटी (शनिवार) में 30 रोगियों को सेवाएं प्रदान की जाएंगी।
राष्ट्रव्यापी लाकडाउन के बाद से] कोविड-19 प्रबंधन के लिए नए और अनुवर्ती पंजीकरण के लिए सभी ओपीडी सेवाओं को बन्द कर दिया गया था। इस दौरान जेएनएमसी के डाक्टर रोगियों को सुविधा प्रदान करने के लिए टेली-कंसल्टेंसी प्रदान कर रहे थे। केंद्र सरकार द्वारा चरणबद्ध तरीके से प्रतिबंध हटाने की अनुमति के बाद ओपीडी को खोला जा रहा है।

 

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Aligarh Muslim University के गणित विभाग को हाल ही में जारी ”यूएस न्यूज एंड वर्ल्ड रिपोर्ट रैंकिंग 2020” में भारतीय विश्वविद्यालयों में वैश्विक स्तर पर विभिन्न गणित विभागों के मध्य शीर्ष 175 वां स्थान


अलीगढ़, 2 जनवरीः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के गणित विभाग को हाल ही में जारी ”यूएस न्यूज एंड वर्ल्ड रिपोर्ट रैंकिंग 2020” में भारतीय विश्वविद्यालयों में विभिन्न गणित विभागों के मध्य शीर्ष स्थान  प्रदान किया गया है। इस विभाग ने वैश्विक स्तर पर 175 वां स्थान हासिल किया है।
ज्ञात हो कि उक्त रैंकिंग में एएमयू को भारतीय विश्वविद्यालयों के बीच चैथा स्थान प्रदान किया गया है यह रैंकिंग ऐसे समय में आई है जब विश्वविद्यालय अपने शताब्दी वर्ष का समारोह मना रहा है।
गणित विभाग द्वारा प्राप्त की गई शीर्ष रैंक को एक गौरवशाली उपलब्धि बताते हुए कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने कहा कि इस रैकिंग से पता चलता है कि एएमयू देश के अति प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में से एक है जहां शिक्षण एवं शोध के उच्च मानकों पर कार्य होता है।
उन्होंने शिक्षकों और छात्रों को गणित विभाग की इस उपलब्धि के लिए बधाई दी।
प्रोफेसर मोहम्मद अशरफ (अध्यक्ष, गणित विभाग) ने कहा कि गणित विभाग अप्लाईड गणित के मुख्य क्षेत्र में शोध करने वाले छात्रों तथा शोधकर्ताओं का एक महत्वपूर्ण केन्द्र है।
गणित विभाग को 47.8 के विषय स्कोर और 41.5 के वैश्विक स्कोर के साथ भारत में पहले स्थान पर रखा गया है।

Saturday, January 2, 2021

यूएस न्यूज़ एंड वर्ल्ड रिपोर्ट ने अपनी नई रैंकिंग में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय को भारतीय विश्वविद्यालयों में चैथा स्थान

 


अलीगढ़, 28 दिसंबरः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय को एक बार फिर राष्ट्रीय महत्व के विश्वविद्यालयों में प्रमुख स्थान मिला है। विश्व विख्यात विश्वविद्यालय रैंकिंग एजेंसी यूएस न्यूज़ एंड वर्ल्ड रिपोर्ट ने अपनी नई रैंकिंग में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय को भारतीय विश्वविद्यालयों में चैथा स्थान प्रदान किया है। ज्ञात हो कि यह रैंकिंग ऐसे समय में आई है जब विश्वविद्यालय अपना शताब्दी वर्ष मना रहा है।

अमुवि कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने इस सफलता के लिये विश्वविद्यालय के सभी शिक्षकों एवं छात्रों को बधाई देते हुए कहा कि गत कई महीनों से कोविड-19 महामारी के दौरान विश्वविद्यालय को कई प्रकार की चुनौतियों का सामना करना पड़ाइसके बावजूद विश्वविद्यालय ने इन रुकावटों से जूझते हुए आगे कदम बढ़ाया है तथा यह निरंतर उच्च शिक्षा के शीर्ष केंद्र के रूप में उभरने के लिए लगातार आगे बढ़ रहा है।

प्रोफेसर एम सालिम बेग (अध्यक्षविश्वविद्यालय रैंकिंग समिति)  ने कहा कि एएमयू राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग में लगातार शीर्ष विश्वविद्यालयों में से एक के रूप में अपनी पहचान बना रहा है तथा इसने इस प्रकार की विभिन्न रैंकिंग्स में अपना महत्व साबित किया है।

उन्होंने कहा कि इस रैंकिंग में एएमयू को विभिन्न मापदंडों पर अच्छे अंक मिले हैं जिन में वैश्विक अनुसंधान प्रतिष्ठा (12.5%)क्षेत्रीय अनुसंधान प्रतिष्ठा (12.5%)प्रकाशन (10%)किताबें (2.5%)सम्मेलन (2.5%)सामान्यीकृत उद्धरण प्रभाव (10%)कुल उद्धरण (7.5%)सर्वाधिक उद्धृत 10% प्रकाशनों की संख्या (12.5%)कुल प्रकाशनों का प्रतिशत जो 10% सर्वाधिक उद्धृत (10%)अंतर्राष्ट्रीय सहयोग-संबन्धित देशों में (5%)अंतर्राष्ट्रीय सहयोग (5%)संबंधित क्षेत्र में सबसे अधिक उद्धृत किए गए 1% शोध पत्रों की संख्या में (5%) और सर्वाधिक 1% शीर्ष उद्धृत पत्रों में कुल प्रकाशनों का प्रतिशत (5%) शामिल है।



सह संपादक : साराह अंजुम 

पूर्व असिस्टेंट प्रोफेसर 

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय एक ”मिनी इंडिया” का प्रतिनिधित्व करता है : प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी


अलीगढ़, 22 दिसंबरः अलीगढ़  मुस्लिम विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में वीडियोकांफ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित करते हुए भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने कहा कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय एक ”मिनी इंडिया” का प्रतिनिधित्व करता है। इसका परिसर अपने आप में एक शहर जैसा है। हम विभिन्न विभागों, दर्जनों छात्रावासों, हजारों शिक्षकों और प्रोफेसरों के बीच एक मिनी इंडिया देखते हैं। जो विविधता हम यहां देखते हैं वह न केवल इस विश्वविद्यालय की बल्कि पूरे देश की ताकत है।

ज्ञात हो कि 1920 में स्थापित एएमयू ने उच्च शिक्षा के केंद्र के रूप में अपने 100 वर्ष पूरे कर लिए हैं तथा प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री, श्री रमेश पोखरियाल निशंक की उपस्थिति में एक विशेष स्मारक डाक टिकट भी जारी किया।
प्रधान मंत्री ने कहा कि एएमयू ने राष्ट्र-निर्माण में भरपूर योगदान दिया है तथा व्यापक और उच्च स्तरीय शोधों के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का नाम ऊंचा किया है।
उन्होंने कहा कि एएमयू में, यदि छात्र उर्दू में शिक्षा प्राप्त करते हैं, तो यहां वे हिंदी में पढ़ सकते हैं और यदि एक तरफ विश्वविद्यालय में अरबी का अध्ययन करते हैं, तो वे संस्कृत में भी अध्ययन और शोध करते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि विश्वविद्यालय की मौलाना आजाद लाइब्रेरी में हिंदू, मुस्लिम और अन्य धर्मों के धार्मिक ग्रंथों को एक साथ संजोकर रखा गया है। यही भारत की सही परिकल्पना है तथा एएमयू हर दिन इस सिद्धांत पर काम करता है।
उन्होंने कहा कि सर सैयद अहमद खान ने कहा था कि जब आप शिक्षा प्राप्त करते हैं और कार्य क्षेत्र में आते हैं, तो आपको जाति, पंथ या धर्म को देखे बिना सभी के लिए काम करना चाहिए। यह एक ऐसी सोच है जिसे हमें सदा अपने साथ रखना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें विविधता की इस शक्ति को नहीं भूलना चाहिए और न ही इसे कमजोर होने देना चाहिए। हमें यह सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए कि ”एक भारत, श्रेष्ठ भारत” की भावना अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय परिसर में दिन-प्रतिदिन बलवान हो।
उन्होंने कहा कि एएमयू ने लाखों लोगों को तैयार किया है और उन्हें आधुनिक और वैज्ञानिक सोच प्रदान कर समाज और राष्ट्र के लिए कुछ करने के लिए प्रेरित किया है।
कोविड-19 के विरूद्ध देश की लड़ाई में अमुवि की भूमिका को स्वीकार करते हुए प्रधान मंत्री ने कहा कि इस कठिन समय के दौरान, जिस तरह से एएमयू ने समाज की मदद की वह अभूतपूर्व है। हज़ारों लोगों का परीक्षण किया, आइसोलेशन वार्ड बनाए और पीएम-केयर फन्ड के लिए एक बड़ी धनराशि का योगदान दिया और यह दिखाया कि यहां से जुड़े लोग राष्ट्र के लिए कितने प्रतिबद्ध हैं।
उन्होंने कहा कि मुस्लिम लड़कियों में स्कूल छोड़ने की दर 70 प्रतिशत से अधिक थी और यह स्थिति भारत में 70 वर्षों तक बनी रही। इन परिस्थितियों में सरकार ने स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत की गाँवों में शौचालय का निर्माण किया और स्कूल जाने वाली लड़कियों के लिए शौचालय बनाए। अब यह दर गिरकर लगभग 30 फीसदी रह गई है।
उन्होंने कहा कि एएमयू में, उर्दू, अरबी और फारसी भाषा में किया गया शोध सराहनीय है। विशेष रूप से इस्लामी इतिहास में किए गए शोध, इस्लामी दुनिया में भारत की स्थिति को बढ़ाते हैं और उनके साथ भारत के संबंध को नई ऊर्जा देते हैं।
पीएम नरेंद्र मोदी ने जोर देकर कहा कि एएमयू के पूर्व छात्र जहां भी जाते हैं समृद्ध विरासत और भारत की संस्कृति का प्रतिनिधित्व करते हैंैं।
प्रधान मंत्री ने कहा कि यह देखकर अच्छा लगता है कि एएमयू के भवनों से शिक्षा का इतिहास भी जुड़ है जो भारत की मूल्यवान विरासत है। मैं अक्सर अपनी विदेश यात्राओं के दौरान एएमयू के पूर्व छात्रों से मिलता हूं, जो बहुत गर्व से कहते हैं कि उन्होंने एएमयू में अध्ययन किया है।
उन्होंने कहा कि देश उस रास्ते पर आगे बढ़ रहा है, जहां हर नागरिक को बिना किसी भेदभाव के देश में हो रहे विकास का लाभ मिलेगा तथा हर नागरिक को अपने संवैधानिक अधिकारों और उनके भविष्य के बारे में आश्वस्त होना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि कोई भी नागरिक धर्म, जाति और पंथ के आधार पर ”सबका साथ, सबका विकास” के रास्ते पर नहीं छोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि सभी को अपने सपनों को पूरा करने के लिए समान अवसर मिलेंगे।
प्रधानमंत्री ने एएमयू के छात्रों से ”वोकल फार लोकल”, न्यू इंडिया, आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सुझाव आमंत्रित किए। उन्होंने कहा कि एएमयू के पूर्व छात्रों ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय योगदान दिया था।
मानद अतिथि, केंद्रीय शिक्षा मंत्री, श्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि एएमयू ने 1920 में विश्वविद्यालय के रूप में अपनी स्थापना के बाद से एक लंबा सफर तय किया है और फ्रंटियर गांधी, खान अब्दुल गफ्फार खान तथा डा० जाकिर हुसैन जैसे भारत रत्न पैदा करने वाले राष्ट्र के प्रमुख भारतीय संस्थानों में से एक के रूप में उभरा है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि एएमयू के छात्रों और श्क्षिकों के ज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों में योगदान शामिल हैं तथा इसने राष्ट्र को कई वैज्ञानिक दिये हैं।
श्री निशंक ने कहा कि एएमयू ने 1920 में बेगम सुल्तान जहान को अपना पहला चांसलर बनाया था और यह उस समय में महिला सशक्तिकरण का एक अनूठा उदाहरण था, जब महिलाओं को सार्वजनिक सेवाओं में बहुत कम स्थान दिया जाता था।
श्री रमेश पोखरियाल ने कहा कि भारत के पास एक मजबूत नेतृत्व है और राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के कार्यान्वयन से देश बदल जाएगा। उन्होंने कहा कि एनईपी 2020 शैक्षिक, व्यावसायिक और व्यावसायिक शिक्षा के एकीकरण का स्रोत बनेगा जबकि यह नीति पाठ्यक्रम, शिक्षाशास्त्र, मूल्यांकन और छात्र के अनुभवों को बढ़ाने के लिए कला तथा ज्ञान की धारणा को जोड़ने का प्रयास करती है।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि एनईपी 2020 के सफल क्रियान्वयन के लिए हमें अपने उच्च शिक्षण संस्थानों से बहुत आशाएं हंै और हम उनके निरंतर समर्थन की उम्मीद करते हैं।
श्री रमेश पोखरियाल ने कहा कि भारत विश्व गुरु (विश्व नेता) बनने की ओर अग्रसर है और यह हमारे शिक्षण संस्थानों की जिम्मेदारी है कि वे शिक्षा और विचारों के दायरे में आगे बढ़ें और हमारी बौद्धिक विरासत की समझ को दृढ़ बनाएं। उन्होंने कहा कि एएमयू से निकलने वाली शिक्षा की रौशनी नए भारत (न्यू इंडिया) के लिए मार्ग प्रशस्त करेगी।
प्रधानमंत्री का स्वागत करते हुए एएमयू के कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने कहा कि आज का दिन ऐतिहासिक है क्योंकि हमारा विश्वविद्यालय न केवल अपनी स्थापना केे 100 गौरवशाली वर्ष पूरे कर रहा है बल्कि 56 वर्ष के अंतराल के बाद देश के वर्तमान प्रधानमंत्री विश्वविद्यालय के समारोह में भाग ले रहे हंै।
उन्होंने कहा कि आज सरकारी आंकड़ों के अनुसार मुसलमान शिक्षा और सामाजिक-आर्थिक विकास की  सीढ़ी के सबसे निचले पायेदान पर है जिनके उत्थान के लिए भारत सरकार तथा विभिन्न अन्य एजेंसियों की सहायता की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि एएमयू अधिनियम की धारा 5 (2) सी के अंतर्गत इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सभी संभव उपाय करने का प्रयत्न कर रहा है तथा शिक्षा के माध्यम से महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में भी एएमयू की अग्रणी भूमिका है।
कुलपति ने कहा कि श्री नरेंद्र मोदी एक दूरदर्शी नेता हैं जिन्होंने अपना पूरा जीवन देश की सेवा के लिए समर्पित किया है और भारत और सभी भारतीयों को एक साहस भरा तथा अभिमानी दृष्टिकोण प्रदान किया है। प्रधानमंत्री की उपस्थिति ने हम सभी के बीच संभावना और आशा का दीप प्रज्वलित किया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि विविधताओं के बावजूद सदियों से हम  एकता के सूत्र मंे बंधे है और यही विशेषता भारत  को अनूठा बनाती है और यह पूरी दुनिया के लिए एक संदेश है ।
प्रोफेासर तारिक मंसूर ने कहा कि प्रधानमंत्री के जीवन की कहानी हर भारतीय के लिए प्रेरणा दायक है। उनका जीवन अनुकरणीय कायांेर्, नैतिकता, समर्पण, कठिनाई तथा बाधाओं पर काबू पाने के उदाहरणों से भरा हुआ है। उन्होंने विश्व स्तर पर भारत की छवि को ऊंचा करने में अहम भूमिका निभाई और अपने विजन और दूरदर्शिता के बल पर ही भारत ने पड़ोस की विस्तारवादी नीतियों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है और इसकी दुनिया भर में काफी सराहना भी हुई है ।
उन्होंने कहा कि मोदी जी के कुशल नेतृत्व में भारत पश्चिम एशियाई देशों के साथ-साथ अन्य विश्व शक्तियों के साथ भी अपने पारंपरिक और ऐतिहासिक संबंधों को मजबूत करने में सफल रहा है। आर्थिक रूप से गरीबों का कल्याण हमेशा प्रधानमंत्री की सर्वोच्च प्राथमिकता है और उनके कार्यकाल के दौरान शुरू की गई विभिन्न योजनाओं तथा सबका साथ सबका विकास की नीति में हमने यह देखा भी है ।
कुलपति ने कहा कि वह इस अवसर पर माननीय प्रधानमंत्री और शिक्षा मंत्री को नई शिक्षा नीति के लिए बधाई देते हैं। इससे भारत में शिक्षा प्रणाली में बदलाव आएगा। प्रोफेसर मंसूर ने कहा कि शिक्षा मंत्री ने कोविड-19 महामारी के समय में शिक्षा के क्षेत्र में सक्षम नेतृत्व प्रदान किया है ।
उन्होंने आगे कहा कि इस ऐतिहासिक घटना पर हजारों पूर्व छात्रों सहित मुझे भी हमारे संस्थापक सर सैयद अहमद खान के प्रति गर्व और प्रेम की भावना महसूस होती है जो सच्चे देशभक्त थे। उन्हांेने कहा कि सर सैयद के जीवन के मार्गदर्शक सिद्धांतों के अनुरूप राष्ट्र की प्रगति के लिए समाज के सभी वर्गों के बीच भाईचारा और एकता पहली आवश्यकता है।
कुलपति ने कहा कि सर सैयद हिंदू मुस्लिम एकता के हिमायती थे जिसका उन्होंने व्यावहारिक रूप से प्रदर्शन भी किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि एएमयू पारंपरिक क्षेत्रों में सीखने का एक बड़ा केन्द्र होने के अलावा आधुनिक और वैज्ञानिक शिक्षा प्रदान करने में भी सबसे आगे है ।
कुलपति ने कहा कि राष्ट्रीय महत्व की संस्था एएमयू को राष्ट्र की भलाई के लिए अपने विशेष, ऐतिहासिक और संवैधानिक स्वरूप को बनाए रखने के लिए सभी से निरंतर सहयोग की आवश्यकता है। एएमयू ने अपने पूरे इतिहास में देश की आजादी और राष्ट्र निर्माण के संघर्ष में भरपूर योगदान दिया है।
प्रोफेसर मंसूर ने कहा कि इस संस्था ने असंख्य परिवारों के जीवन और नियति को बदल दिया है, जिनमें से अधिकांश समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों से ताल्लुक रखते हैं।
एएमयू के कुलाधिपति सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन ने कहा कि एएमयू ने न केवल खुद को प्रमुख भारतीय शिक्षा केंद्र के रूप में स्थापित किया है, बल्कि इसने अंतरराष्ट्रीय समुदाय में भारतीय शिक्षा प्रणाली के मापदंड को भी ऊॅचा उठाया है। उन्होंने कहा कि इस्लाम ज्ञान प्राप्त करने तथा इसे दूसरों तक पहुॅवचाने पर जोर देता है। मुसलमानों का कर्तव्य है कि वे अपने ज्ञान से समाज और राष्ट्र का कल्याण करें। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री मोदी के अनुकरणीय कार्यों की प्रशंसा की और उनके लंबे जीवन और अच्छे स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना की।
गत एक शताब्दी में एएमयू की उपलब्धियों पर बोलते हुए प्रोफेसर अली मोहम्मद नकवी (निदेशक, सर सैयद अकादमी) ने कहा कि एएमयू के प्रख्यात पूर्व छात्रों की सूची में भारत रत्न, पद्म पुरस्कार विजेता, राष्ट्राध्यक्ष, सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश, प्रख्यात वैज्ञानिक, लेखक, कवि और स्वतंत्रता सेनानी शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि एएमयू ने डा0 सी वी रमन, दलाई लामा और प्रोफेसर तजाकी कजिता सहित कई नोबेल पुरस्कार विजेताओं की मेजबानी की है।
प्रोफेसर नईमा खातून (प्राचार्य, महिला कालिज) ने कहा कि अमुवि की प्रथम चांसलर महिला होने से यह प्रमाणित है कि इस संस्था में महिला शिक्षा तथा महिलाअेां के सशक्तीकरण पर प्रारंभ से ही विशेष बल दिया जाता रहा है।
उन्होंने कहा कि महिला कालिज, महिला पॉलिटेक्निक तथा एक एडवांस महिला अध्ययन केंद्र महिलाओं को सशक्त बनाने में काफी योगदान दे रहे हैं ।
एएमयू के प्रो चांसलर नवाब इब्ने सईद खान तथा प्रो वाइस चांसलर प्रोफेसर जहीरुद्दीन भी आनलाइन कार्यक्रम में शामिल हुए। एएमयू रजिस्ट्रार श्री अब्दुल हमीद (आईपीएस) ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। डा० फायजा अब्बासी ने कार्यक्रम का संचालन किया।

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