| Jan 25, 2022, 5:46 PM (2 days ago) | |||
अमुवि कुलपति ने किशनगंज केंद्र पर अल्पसंख्यक बालिका छात्रावास का शिलान्यास किया
अलीगढ़, 25 जनवरीः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने आज वीडियोकांफ्रेंसिंग के जरिए बिहार के किशनगंज केंद्र में अल्पसंख्यक बालिका छात्रावास का शिलान्यास किया। नए छात्रावास का निर्माण अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्वारा उपलब्ध कराए गए 10.50 करोड़ रुपये की राशि से किया जाएगा।
कुलपति ने कहा ने कहा कि “मैं बिहार के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार तथा बिहार सरकार के अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय को उनके उदार वित्तीय सहायता के लिए हृदय की गहराई से आभार व्यक्त करता हूं तथा हम उनके अटूट उपकार के लिए ऋणी हैं।
उन्होंने कहा कि हमने केंद्र के लिए पदों के सृजन और धन की मंजूरी के लिए भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के समक्ष एक विस्तृत प्रस्ताव भी प्रस्तुत किया है, जिस पर हाल ही में मंत्रालय की एक बैठक में विचार किया गया। उन्होंने कहा कि भारत सरकार के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने मुर्शिदाबाद और मलप्पुरम केंद्रों में छात्रों के आवासीय हास्टल के निर्माण के लिए 50-50 करोड़ रुपये दिए हैं।
प्रो मंसूर ने कहा कि नए छात्रावास से अल्पसंख्यक छात्राओं, विशेष रूप से सीमांचल क्षेत्र की छात्राओं को बहुत मदद मिलेगी क्योंकि महिला शिक्षा के लिए इस क्षेत्र में कई और शैक्षणिक संस्थानों की आवश्यकता है।
कुलपति ने कहा कि किशनगंज केंद्र में वर्तमान में बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन पाठयक्रम चल रहा है और हम बीएड पाठ्यक्रम को फिर से प्रारंभ करने तथा बीएएलएलबी कार्यक्रम शुरू करने का इरादा रखते हैं।
उन्होंने कहा कि एएमयू सर सैयद अहमद खान द्वारा शुरू किए गए शिक्षा आंदोलन का एक हिस्सा है, और उम्मीद है कि किशनगंज, मुर्शिदाबाद और मलप्पुरम में स्थित अमुवि के केंद्र आने वाले समय में पूर्ण विश्वविद्यालयों में विकसित हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि समाज के पिछड़े वर्गों को शिक्षित करने के लिए ऐसे कई विश्वविद्यालयों की आवश्यकता है।
स्वागत भाषण में प्रोफेसर हसन इमाम (निदेशक, किशनगंज केंद्र) ने कहा कि एएमयू भारतीय विश्वविद्यालयों के बीच एक अद्वितीय स्थान रखता है और इसके केंद्र विश्वविद्यालय की बहुलवादी और समावेशी पहचान को आगे बढ़ाते हैं।
एएमयू रजिस्ट्रार, श्री अब्दुल हमीद-आईपीएस, प्रोफेसर एम मोहसिन खान (वित्त अधिकारी) और प्रोफेसर अफीफुल्ला खान (ओएसडी डेवेलपमेंट) ने भी आनलाइन कार्यक्रम में भाग लिया।
कार्यक्रम का संचालन यासिर इमाम (इवेंट कोआर्डिनेटर) ने किया, जबकि डा. ज़ेबा नाज़ ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
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कुलपति ने कहा ने कहा कि “मैं बिहार के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार तथा बिहार सरकार के अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय को उनके उदार वित्तीय सहायता के लिए हृदय की गहराई से आभार व्यक्त करता हूं तथा हम उनके अटूट उपकार के लिए ऋणी हैं।
उन्होंने कहा कि हमने केंद्र के लिए पदों के सृजन और धन की मंजूरी के लिए भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के समक्ष एक विस्तृत प्रस्ताव भी प्रस्तुत किया है, जिस पर हाल ही में मंत्रालय की एक बैठक में विचार किया गया। उन्होंने कहा कि भारत सरकार के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने मुर्शिदाबाद और मलप्पुरम केंद्रों में छात्रों के आवासीय हास्टल के निर्माण के लिए 50-50 करोड़ रुपये दिए हैं।
प्रो मंसूर ने कहा कि नए छात्रावास से अल्पसंख्यक छात्राओं, विशेष रूप से सीमांचल क्षेत्र की छात्राओं को बहुत मदद मिलेगी क्योंकि महिला शिक्षा के लिए इस क्षेत्र में कई और शैक्षणिक संस्थानों की आवश्यकता है।
कुलपति ने कहा कि किशनगंज केंद्र में वर्तमान में बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन पाठयक्रम चल रहा है और हम बीएड पाठ्यक्रम को फिर से प्रारंभ करने तथा बीएएलएलबी कार्यक्रम शुरू करने का इरादा रखते हैं।
उन्होंने कहा कि एएमयू सर सैयद अहमद खान द्वारा शुरू किए गए शिक्षा आंदोलन का एक हिस्सा है, और उम्मीद है कि किशनगंज, मुर्शिदाबाद और मलप्पुरम में स्थित अमुवि के केंद्र आने वाले समय में पूर्ण विश्वविद्यालयों में विकसित हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि समाज के पिछड़े वर्गों को शिक्षित करने के लिए ऐसे कई विश्वविद्यालयों की आवश्यकता है।
स्वागत भाषण में प्रोफेसर हसन इमाम (निदेशक, किशनगंज केंद्र) ने कहा कि एएमयू भारतीय विश्वविद्यालयों के बीच एक अद्वितीय स्थान रखता है और इसके केंद्र विश्वविद्यालय की बहुलवादी और समावेशी पहचान को आगे बढ़ाते हैं।
एएमयू रजिस्ट्रार, श्री अब्दुल हमीद-आईपीएस, प्रोफेसर एम मोहसिन खान (वित्त अधिकारी) और प्रोफेसर अफीफुल्ला खान (ओएसडी डेवेलपमेंट) ने भी आनलाइन कार्यक्रम में भाग लिया।
कार्यक्रम का संचालन यासिर इमाम (इवेंट कोआर्डिनेटर) ने किया, जबकि डा. ज़ेबा नाज़ ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
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