Tuesday, August 16, 2022

AMU CELEBRATES 76TH INDEPENDENCE DAY WITH PATRIONIC ZEAL AND FERVOUR


एएमयू ने हर्षाेल्हास से मनाया स्वतंत्रता दिवस

 भारत के एक स्वतंत्र लोकतांत्रिक गणराज्य के रूप में एक शताब्दी का तीन चौथाई भाग पूरा करने और राष्ट्रव्यापी ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ और कई अन्य गतिविधियों का जश्न मनाने के साथ, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति, प्रोफेसर तारिक मंसूर ने स्ट्रैची हॉल के समक्ष राष्ट्रीय ध्वज फहराया और उपस्थित छात्रों, शिक्षकों और मेहमानों को संबोधित किया।
76वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर अपने संबोधन में प्रोफेसर तारिक मंसूर ने महान स्वतंत्रता सेनानियों के संघर्षों और बलिदानों को याद करने और स्वशासन हासिल करने की दिशा में भारतीय राष्ट्र की कठिन यात्रा को याद करने का आह्वान किया।

कुलपति ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और अन्य महान दूरदर्शी स्वतंत्रता सेनानी आज भी हमारे लिए प्रेरणाश्रोत हैं। मैं स्वतंत्रता संग्राम में अलीगढ़ आंदोलन के महान सपूतों के उत्कृष्ट योगदान से विशेष रूप से सम्मानित और विनम्र महसूस करता हूं।
उन्होंने कहा कि जब आजादी के नारे बुलंद हो रहे थे तो इस संस्था के दर-ओ-बाम भी इन नारों से गूंज उठे। स्वतंत्रता आंदोलन के कई चमकते नाम जैसे फ्रंटियर गांधी, खान अब्दुल गफ्फार खान; हमारे तीसरे राष्ट्रपति डॉ जाकिर हुसैन और क्रांतिकारी उर्दू कवि हसरत मोहानी, जिन्होंने आजादी की मशाल जलाई थी, हमारे छात्र रहे हैं।
हाल ही में विश्वविद्यालय ने एमएओ कॉलेज की अग्रिम पंक्ति के एक महत्वपूर्ण ओल्ड बॉय राजा महेंद्र प्रताप सिंह को सम्मानित किया है।
आज ऐतिहासिक एएमयू सिटी स्कूल का नाम राजा महेंद्र प्रताप के नाम पर रखे जाने से इस स्कूल के सभी पूर्व छात्र गौरान्वित महसूस कर रहे हैं।
कुलपति ने कहा कि हम दुनिया के सबसे मजबूत लोकतंत्रों में से एक हैं और हमारी लोकतांत्रिक परंपराएं अपराज्य रही हैं। कानून के शासन के प्रति हमारी अडिग प्रतिबद्धता, लोगों के लिए एक उदाहरण है जिसे पूरी दुनिया देख रही है।
प्रोफेसर मंसूर ने कहा कि भारत ने विज्ञान, प्रौद्योगिकी और उद्योग के क्षेत्रों में अभूतपूर्व प्रगति की है और हम विश्व बाजार के एक बड़े हिस्से पर अपनी पकड़ रखते हैं और एक बढ़ती वैश्विक अर्थव्यवस्था हैं। हमारे पास अंतरिक्ष में भेजे गए उपग्रह हैं, हमारे जहाज और पनडुब्बियां महासागरों को भेद रही हैं और भारतीय प्रवासी अपनी प्रभावशाली प्रतिभा के साथ दुनिया के मंच पर विशिष्ट स्थान बनाये हुए हैं। अगर हमारे घरेलू शिक्षण संस्थानों से निकले सुंदर पिचाई, सत्या नडेला और इंद्रा नूयी जैसी प्रतिभाएं नहीं होतीं, तो कई बहुराष्ट्रीय कंपनियां गरीब हो जातीं।
उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत की नीतियां और कार्यक्रम हमेशा मानवता की भलाई के पक्ष में रही हैं। हमारा ध्यान शिक्षा में समानता, समावेशिता और समता पर है। हमारे एजेंडे में लैंगिक समानता महत्वपूर्ण है और हम स्वास्थ्य, स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण को विशेष महत्व देते हैं। भारत विश्व गुरु बनने के लिए वह सब कुछ प्रदान करता है, जिसकी दुनिया को युद्ध, जलवायु परिवर्तन और वैश्विक वायरल महामारी से सुरक्षा के लिए समय की जरूरत है।
कुलपति ने कहा की मुझे विश्वास है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 द्वारा प्रदान किया गया ढांचा भारत को वैश्विक शिक्षा नेतृत्व की भूमिका हासिल करने के करीब ले जाएगा। एनईपी 2020 के ऐसे विषयों जैसे बहु-विषयक उच्च शिक्षा, अकादमिक डिपॉजिटरी और डिजिलॉकर और अनुसंधान के लिए अकादमिक ईमानदारी की सराहना की जानी चाहिए और इसे लागू किया जाना चाहिए। तेजी से बदलते उच्च शिक्षा के माहौल में हमारे शैक्षणिक मानकों और समग्र प्रदर्शन को बढ़ाने के लिए यह आवश्यक है।
उच्च शिक्षा, अनुसंधान और राष्ट्र निर्माण के लिए एएमयू के योगदान पर बोलते हुए, कुलपति ने कहा कि हमने नए पाठ्यक्रम शुरू किए हैं, नए पेटेंट दर्ज कराये हैं और अपनी आउटरीच गतिविधियों का विस्तार किया है। ‘आज़ादी का अमृत महोत्सव’ के विषयों के अनुरूप, हमारे छात्र नए विचारों, संकल्प, कार्य और उपलब्धियों से भरे हुए हैं।



प्रोफेसर मंसूर ने जोर देकर कहा कि एएमयू प्रशासन छात्रों और शिक्षकों को शैक्षणिक उन्नति के लिए सभी उपलब्ध सुविधाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने छात्रों से व्यक्तित्व विकास के लिए आवासीय हॉल / संकाय / विश्वविद्यालय स्तर पर विभिन्न साहित्यिक, सांस्कृतिक और खेल गतिविधियों में भाग लेने के लिए आगे आने की अपील की।
उन्होंने जुलाई 2022 में विशाखापत्तनम, आंध्र प्रदेश में आयोजित अखिल भारतीय इंटरवर्सिटी टूर्नामेंट जीतने के लिए एएमयू रोलर स्केटिंग टीम को बधाई दी।
प्रोफेसर मंसूर ने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान हमने अपने कई प्रियजनों को खो दिया, लेकिन हमारा लचीलापन अनुकरणीय है। आज, फिर से व्यक्तिगत कक्षाओं, प्रयोगशालाओं और पुस्तकालयों में कार्य प्रारम्भ हो चुका है। हमारे खेल मैदान, रीडिंग रूम्स और छात्रावास छात्र गतिविधियों से गुलजार हैं। फिर भी, कोविड के समय में जिस तरह से ऑनलाइन शिक्षण कार्य आयोजित किए गए थे, उसे अब नया सामान्य माना जाता है। यह डिजिटल इंडिया के मिशन के अनुरूप है।
कुलपति ने कहा कि मैं सभी संबंधित लोगों को सावधान करना चाहता हूँ कि कुछ असामाजिक और स्वार्थी तत्व कभी-कभी परिसर के शांतिपूर्ण माहौल को बिगाड़ने की कोशिश करते हैं। कानून प्रवर्तन एजेंसियों के सहयोग से और देश के कानून के अनुसार ऐसे आपराधिक तत्वों से सख्ती से निपटा जाएगा।
उन्होंने कहा कि हमारे महान संस्थापक, सर सैयद अहमद खान के दिल में अपने देश के लिए बहुत प्यार और जुनून था। उन्होंने छात्रों, शिक्षकों और मेहमानों से संवैधानिक मूल्यों का पालन करते हुए, अपनी भारतीय पहचान पर गर्व करते हुए और अमुवि संस्थापक को याद करते हुए और उनकी विरासत को कायम रखते हुए देश की स्वतंत्रता की रक्षा करने का प्रयास करने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा कि एएमयू राष्ट्र निर्माण और विकास के लिए प्रतिबद्ध है और देश के सभी गौरवशाली रूपों में अपनी सांस्कृतिक, भाषाई, धार्मिक और जातीय विविधता का एक जीवंत उदाहरण है। मैं एक बार फिर आपको भारत की आजादी के 75 साल पूरे होने पर हार्दिक बधाई देता हूं।
प्रातः 9.11 बजे ध्वजारोहण के बाद एनसीसी सीनियर डिवीजन कैडेट्स ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया। बाद में, कुलपति ने इस अवसर को चिह्नित करने के लिए डॉ हमीदा तारिक, प्रोफेसर मोहम्मद गुलरेज़ (प्रो वाइस चांसलर) और प्रोफेसर एजाज मसूद (रजिस्ट्रार) के साथ सर सैयद हॉल (उत्तर और दक्षिण) के परिसर में पौधे लगाए और यूनिवर्सिटी हैल्थ सर्विस में दाखिल बीमार छात्रों को फल वितरित किये।
प्रोफेसर मुजाहिद बेग (डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर), प्रोफेसर मोहम्मद वसीम अली (प्रॉक्टर), प्रोफेसर मोहम्मद मोहसिन खान (वित्त अधिकारी) और डॉ मुजीब उल्लाह जुबेरी (परीक्षा नियंत्रक) और विश्वविद्यालय के अन्य पदाधिकारियों ने कार्यक्रम में भाग लिया।
इस दौरान विश्वविद्यालय के सभी महाविद्यालयों एवं विद्यालयों में भी ध्वजारोहण समारोह हर्षाेल्लास एवं उत्साह के साथ आयोजित किया गया। सभी आवासीय हालों के प्रोवोस्टों ने अपने-अपने प्रोवोस्ट कार्यालयों में ध्वजारोहण किया।
बाद में कुलपति ने मौलाना आजाद पुस्तकालय में ‘फ्रीडम फाइटर्स गैलरी’ का उद्घाटन किया।
उन्होंने जोर देकर कहा कि स्वतंत्रता सेनानी गैलरी दिसंबर 2020 में एएमयू शताब्दी समारोह में माननीय प्रधान मंत्री द्वारा दिए गए भाषण से प्रेरित है जिसमें प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने एएमयू को स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में शोध करने और उनके योगदान को उजागर करने की सलाह दी थी।

 

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