Friday, September 9, 2022

Educational Conferece of All India Educational Movement, New Delhi

 


HOD , NCERT Delhi Smt Anita Nanoo

vkWy bafM;k ,twds’kuy ewoesaV ds 12वें शिक्षा सम्मेलन के प्रस्ताव

ऑल इंडियvkWy bafM;k एजूकेशनल मूवमेंट और मुस्लिम एजूकेशन सोसायटी जयपुर द्वारा 3&4 सितंबर 2022 को संयुक्त रूप से जयपुर में आयोजित 12वें अखिल भारतीय शैक्षिक सम्मेलन के हम सभी प्रतिनिधि, इस महत्वपूर्ण आयोजन के लिए मेजबान संगठनों की सराहना करते हैं और निम्नलिखित प्रस्तावों को स्वीकार करते हैं जिससे कि इन पर सभी संबंधित विभागों] अधिकारियों संस्थाओं और व्यक्तियों द्वारा संतोषजनक कार्यान्वयन हो सके। 1& जुलाई 2020 में जारी राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (एनईपी) भारतीय शिक्षा प्रणाली को अगले तीन दशकों तक नियंत्रित और विनियमित करेगी और यह दस्तावेज़ उन सभी लोगों के लिए जो इस क्षेत्र में लगे हुए हैं संविधान और शिक्षा संबंधी क़ानूनों के बाद एक प्रमुख संदर्भ बिंदु होगा।  इसलिए, शिक्षाविदों, स्कूल प्रबंधनों, शिक्षकों, तकनीकी विशेषज्ञों, कार्यकर्ताओं, अभिभावकों और छात्रों को भारत में शिक्षा के भविष्य के लिए इसके महत्व को समझना चाहिए और इसके व्यावहारिक लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए ईमानदार प्रयास करने और करवाने चाहिएं। 

2. प्रतिनिधि एनईपी से कई अवसरों की आशा करते हैं जैसे कि पाठ्य पुस्तकों में सांस्कृतिक विविधता की अवधारणा, शिक्षा का निजीकरण, स्वायत्त कॉलेज का गठन, विशेष शिक्षा क्षेत्र की स्थापना, समावेश कोष, लिंग समावेश कोष, अल्पसंख्यकों सहित वंचित वर्गों की एसईडीजी के तहत विशेष देखभाल, पाठ्यक्रम का लचीलापन मातृभाषा में प्राथमिक शिक्षा, वैकल्पिक शिक्षा प्रणाली के तहत मदरसे का प्रबंधन]ऑनलाइन शिक्षा, प्ले स्कूल के माध्यम से प्रारंभिक बाल्यावस्था शिक्षा की अवधारणा, आदि। आवश्यक जागरूकता, सक्रियता और संस्थागत प्रयासों के माध्यम से इन आशाजनक पहलुओं का बेहतर लाभ उठाया जा सकता है। इसलिए, प्रतिनिधि खुद अपने आप से और सभी संबंधितों से एनईपी के इन ऊंचे लक्ष्यों को सही ढंग से साकार करने के लिए काम करने का आग्रह करते हैं। 

 

3. प्रतिनिधियों द्वारा यह चिह्नित किया गया है कि एनईपी में निहित व्यावसायीकरण से मुसलमानों सहित सभी कमज़ोर वर्गों को शिक्षित करने के लिए बढ़ी हुई धनराशि की आवश्यकता होगी। इसलिए, समुदाय को हर स्तर पर शिक्षा निधि की स्थापना करनी चाहिए, संस्थागत निधि के लिए वक्फ संपत्तियों का प्रभावी ढंग से उपयोग करना चाहिए, बच्चों को शिक्षित करने के लिए धूमधाम से विवाह आदि जैसे अनुत्पादक उपयोग से संसाधनों को शिक्षा में लगाना चाहिए, जागरूकता और सरकारी जवाबदेही के माध्यम से अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति और अन्य योजनाओं का प्रभावी ढंग से लाभ उठाना और अन्य आवश्यक क़दम उठाने चाहिए। 

4&प्रतिनिधि समझते हैं कि एनईपी पर प्रभावी कार्यान्वयन के लिए, विभिन्न स्तरों पर सामाजिक-आर्थिक रूप से वंचित समूहों (एसईडीजी) के मज़बूत पारस्परिक सहयोग की आवश्यकता है। इसलिए, सभी हितधारकों को इस सहयोग को साकार करने का प्रयास करना चाहिए। 

5. प्रतिनिधि संतुष्टि महसूस करते हैं कि देश में मुस्लिम लड़कियों की शिक्षा के संबंध में एक सकारात्मक बदलाव दिखाई दे रहा है। इस तरह के प्रयासों को केवल जारी रखने की ज़रूरत है बल्कि बढ़ती चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए उन्हें और बढ़ाना भी आवश्यक है। मुस्लिम महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए, प्रतिनिधियों ने संबंधित अधिकारियों को यह सिफारिश करना उचित समझा है कि वक़्फ संपत्तियों का उपयोग जिला स्तरीय दस्तकारी प्रशिक्षण केंद्र के लिए भी किया जाना चाहिए ताकि विधवाओं, अनाथों और अन्य जरूरतमंद महिलाओं को सशक्त बनाया जा सके और जिन्हें एमपी और एमएलए विकास निधि के माध्यम से विकसित किया जा सके, अल्पसंख्यक मामलों के विभाग की सहायता से या इसकी अनुपस्थिति में समाज कल्याण विभाग के माध्यम से। 6& प्रतिनिधियों ने अल्पसंख्यकों को शिक्षित करने के लिए राजस्थान की मौजूदा सरकार के प्रयासों की सराहना की, जहां कि यह सम्मेलन आयोजित किया गया था और आशा की कि ये प्रयास भविष्य में भी ईमानदारी से जारी रहेंगे। 7. सम्मेलन की चर्चाएं यह स्पष्ट करती हैं कि भविष्य की शिक्षा प्रौद्योगिकी से संचालित होगी। अतः सभी सामुदायिक शिक्षा संस्थानों को इस आगामी चुनौती के लिए खुद को तैयार करने के लिए उचित प्रयास करने चाहिएं। 8& सम्मेलन में मुस्लिम समुदाय में पाये जाने वाले एक कारीगर वर्ग की क्षमता को बार-बार उजागर किया गया है, जो युवाओं में विभिन्न उपयोगी कौशल विकसित करने के लिए रचनात्मक और अभिनव तरीकों की मांग करता है। इस उद्देश्य के लिए बड़े पैमाने पर कौशल विकास के लिए हर स्तर पर प्रयासों की आवश्यकता को महसूस किया गया है। सभी संबंधितों से इस संबंध में उचित क़दम उठाने की अपेक्षा की जाती है। 9& 12वें अखिल भारतीय शिक्षा सम्मेलन के प्रतिनिधियों ने उपयुक्त वक़्फ संपत्तियों की पहचान करने और उनके शिक्षा संबंधी उद्देश्यों के लिए उपयोग में लाने को निश्चित करने के लिए शिक्षाविदों, विशेषज्ञों और कार्यकर्ताओं की एक उच्च-शक्ति संपन्न समिति के गठन का सुझाव दिया और अनुरोध किया] जिसमें अध्यक्ष स्थानीय वक्फ बोर्ड और सदस्य सचिव हों, जिससे कि जरूरतमंद और मेधावी छात्रों को स्थानीय और अखिल भारतीय छात्रवृत्ति के लिए सुविधाएं प्रदान करने और उनको व्यावसायिक प्रशिक्षण देने के लिए इनका समुचित लाभ उठाया जा सके। 10& प्रतिनिधि दीनी मदारिस से बड़ी संख्या में निकलने वाले छात्रों को आधुनिक/समकालीन दुनिया का सामना करने के लिए तैयार करने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रमों की आवश्यकता महसूस करते हैं। 

11& प्रतिनिधियों ने अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए सरकारी नीतियों, बजट और योजनाओं के बारे में उचित जानकारी और समुदाय के शैक्षिक उद्देश्यों की प्रभावी योजना और कार्यान्वयन के लिए अनुसंधान और आंकड़ों के महत्व को भी रेखांकित किया। इसलिए सभी संबंधितों को इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई करना चाहिए। 12& प्रzizतिiनिधियों को यह भी लगता है कि एनईपी में कुछ अस्पष्ट सांस्कृतिक शब्द

हैं और यह शिक्षा नीति शैक्षिक परंपराओं की ऐतिहासिक निरंतरता को अनदेखा करने का प्रयास करती है और अतीत में उनके नकारात्मक परिणामों को भुला कर शैक्षिक सिद्धांतों के एक विशेष समुच्चय को लागू करती प्रतीत होती है। इसलिए, प्रतिनिधियों द्वारा यह आग्रह किया जाता है कि एनईपी के कार्यान्वयन के दौरान उचित सावधानी रखी जानी चाहिए ताकि देश की सांस्कृतिक और धार्मिक विविधता के मद्देनजर ऐसे शब्दों की स्पष्ट रूप से व्याख्या की जा सके। 13& प्रतिनिधियों ने राज्य और जिला स्तरों पर एनईपी के बारे में व्यापक जागरूकता पैदा करने के लिए मेज़बान संगठनों और इस तरह के अन्य राष्ट्रीय प्लेटफार्मों को सुझाव दिया है कि यह सुनिश्चित किया जाए कि इसका व्यापक रूप से लाभ उठाया जा सके।

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