Dr. Qurratul Aein Ali being honoured during the lecture at international seminar
डा. कुर्रतुल ऐन अली द्वारा विश्व सामाजिक कार्य दिवस पर राष्ट्रीय संगोष्ठी में व्याख्यानअलीगढ़, 19 मार्चः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के सामाजिक कार्य विभाग में सहायक प्रोफेसर डॉ. कुर्रतुल ऐन अली को विश्व सामाजिक कार्य दिवस पर राष्ट्रीय संगोष्ठी में व्याख्यान देने के लिए अतिथि के रूप में आगरा के डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के सामाजिक विज्ञान संस्थान के सामाजिक कार्य विभाग द्वारा आमंत्रित किया गया।
डॉ. अली ने ‘केएपी मॉडल के माध्यम से स्थायी कल्याण के लिए अंतर-पीढ़ीगत एकजुटता को मजबूत करना’, पर बोले हुए पीढ़ियों के बीच निर्भरता की अवधारणा पर जोर दिया और पारस्परिक सहयोग, देखभाल और ज्ञान और संसाधनों के हस्तांतरण के महत्व को रेखांकित किया।
भारत में बढ़ती बुजुर्ग आबादी और युवा पीढ़ियों के बीच शहरी प्रवास के रुझान के साथ जनसांख्यिकीय बदलावों को देखते हुए, डॉ. अली ने अलगाव को कम करने और सामाजिक लचीलापन सुनिश्चित करने के लिए मजबूत अंतर-पीढ़ीगत बंधनों को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।
डॉ. अली के व्याख्यान के बाद, एक चर्चा हुई, जिसमें प्रतिभागियों ने सामाजिक कार्य प्रथाओं में केएपी मॉडल के अनुप्रयोग में गहरी रुचि व्यक्त की। संगोष्ठी ने भारत की उभरती जनसांख्यिकीय चुनौतियों का समाधान करने में अंतर-पीढ़ीगत एकजुटता के महत्व पर बहुमूल्य अंतर्दृष्टि प्रदान की।
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