Sunday, October 3, 2021

Gandhi ji ko qatal karne wala GODSE, aur Gnadhi ji ko bachane wala BATAK MIYAN ANSARI


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गांधी जी के हत्यारे को तो सब जानते है लेकिन उनकी जान बचाने वाले क्रांतिकारी बटक मियां अंसारी को भुला दिया गया। वो क्रांतिकारी जिसने अपने बेटे की जान देकर गांधी जी की जान बचाई थी। 1917 में जब गांधी जी चम्पारण सत्याग्रह पर मोतिहारी में किसानों के बीच गए थे उनके समर्थन में इतनी भीड़ देखकर अंग्रेजों ने समझौते के लिए गांधी जी को खाने पर बुलाया।  

गांधी जी को खाना खिलाने की जिम्मेदारी बावर्ची बटक मियां अंसारी की थी। बटक मियां ने गांधी जी को खाना परोसा लेकिन जैसे ही गांधी जी ने खाना शुरू किया बटक मियां छीन लिया और रोते हुए बोले इस खाने में ज़हर है। अंग्रेजों ने कल मेरे बच्चे की लाश भिजवाई है अगर आज मैंने आज आपको ज़हर नही दिया तो कल परिवार से कोई दूसरा होगा। और वही हुआ गांधी जी के जाने के बाद उनके अंग्रेजों ने उनके घर को तबाह कर fदया ।

देश आजद होने के बाद जब प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेन्द्र प्रसाद मोतिहारी पंहुचे तो उनका भाषण सुनने भीड़ के बीच मे बटक मियां भी पहुचे। डॉ राजेंद्र प्रसाद ने भीड़ खड़े बटक मियां को पहचान लिया उन्हें स्टेज पर बुलाया और अपने बगल में बिठाया और कहा ^^ मोतिहारी के लोगों मैं उस वक़्त मौजूद था जब इन्होंने अपने परिवार की परवाह किये बिना वो ज़हर मिला हुआ खाना गांधी जी के हाथों से छीन लिया था अंग्रेजों ने उसके बाद इनका घर तबाह कर दिया था। आज मैं आपके बीच राष्ट्रपति बनकर आया हूँ जिस शख्स ने घर परिवार कुर्बान कर दिया आज मैं इन्हें 50 एकड़ जमीन मोतिहारी में देना चाहता हूं । 

बटक मियां अंसारी दुनिया से चले गए लेकिन उनके जीते जी सरकार उन्हें वो जमीन नही दिला पाई। पता नही बाद में भी उनके घर वालो को मिली या नही ये तो मोतिहारी के लोग ही जानते होंगे...

 







 

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