Monday, January 4, 2021

AMU ke PRO Dr. Rahat Abrar sb se meine "JOURNALISM" ke bareekian seekhien--Dr. Masood Ahmad


अलीगढ़ 1 जनवरीः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की उर्दू अकादमी के निदेशक डा राहत अबरार के सेवानिवृत होने पर एक एक विदाई समारोह का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता अकादमी के संस्थापक निदेशक प्रो. काजी अफजाल हुसैन ने की। अपने अध्यक्षीय भाषण में उन्होंने कहा कि डा राहत अबरार ने हमेशा जिम्मेदारी और लगन से विश्वविद्यालय की सेवा की है। जिस लगन से वह अलीगढ़ और सर सैयद दोनों को प्यार करते हैं उसे शब्दों में वर्णित नहीं किया जा सकता।

इस अवसर पर जनसंचार विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर शाफे किदवाई ने डा राहत अबरार की 40 वर्षों की सेवा का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने जो भी काम किया उसे बड़ी जिम्मेदारी के साथ निभाया। उन्होंने कहा कि विद्वान कभी सेवानिवृत्त नहीं होते।

प्रोफेसर काजी जमाल हुसैन ने कहा कि वह बड़प्पन का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। श्री तारिक हसन ने कहा कि उनकी 40 साल की दोस्ती इस बात का प्रमाण है कि राहत साहब को दोस्ती बनाए रखने की कला में महारत हासिल है। लोगों के प्रति उनकी सेवा की भावना भी सराहनीय है। प्रोफेसर मौला बख्श ने कहा कि वह एएमयू के लिए एक संपत्ति है। सर सैयद अध्ययन के क्षेत्र में उनकी सेवाओं को बहुत महत्व दिया जाता है।

प्रोफेसर मुहम्मद सज्जाद ने कहा कि डा. अबरार ऐतिहासिक दस्तावेजों के एक विश्वकोश है। श्री मेहर अली नदीम ने आशा व्यक्त की कि वह सेवानिवृत्त होने के बाद सर सैयद से संबंधित अधूरे कार्यों को निश्चित रूप से पूरा करेंगे। श्री जावेद सईद ने काम करने के उनके अनूठे तरीके का उल्लेख किया।

डा राहत अबरार ने अकादमी के सभी कर्मचारियों को धन्यवाद दिया और कहा कि वे अकादमी के काम में रुचि लेते रहेंगे।

अकादमी के कार्यवाहक निदेशक डा जुबैर शादाब ने प्रतिभागियों को धन्यवाद दिया और कहा कि अकादमी उर्दू भाषा और साहित्य के अध्ययन और भाषा और साहित्य के शिक्षण पर संदर्भ सामग्री तैयार करेगी जो अकादमी का मुख्य उद्देश्य है। प्रो. तारिक मंसूर की उर्दू भाषा और साहित्य के प्रचार में विशेष रुचि है। उनके संरक्षण मेंअकादमी बेहतर प्रदर्शन करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि जल्द ही ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किए जाएंगे।

डा मुश्ताक सदाफ ने कार्यक्रम का संचालन किया। डा राहत अबरार को गुलदस्ता और शॉल भेंट कर उन्हें सम्मानित किया गया। इस अवसर पर डा रफी-उद-दीनडा अबू बकरश्री काशिफ मुनीर और डा असद फैसल फारूकी भी उपस्थित थे।

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