जेएन मेडिकल कालिज के एमबीबीएस 1995 बैच के छात्रों के पुर्नमिलन कार्यक्रम में कालिज में बिताये दिनों की यादों को ताज़ा किया।
अलीगढ, 26 दिसंबरः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज (एएमयू) से 27 साल के लंबे अंतराल के बाद स्नातक की उपाधि प्राप्त करने वाले 1995 बैच के एमबीबीएस छात्र एक बार फिर एकत्र हुए और पुराने दिनों को याद किया। अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और भारत के विभिन्न क्षेत्रों सहित दुनिया के अन्य हिस्सों से ये स्नातक ‘रूबरू‘ शीर्षक के तहत आयोजित ‘रीयूनियन‘ कार्यक्रम में शामिल हुए।
समारोह के मुख्य अतिथि एएमयू के कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने इस अवसर पर कहा कि‘ 1995 के बाद से लेकर पिछले 27 वर्षों में जेएन मेडिकल कालिज में बहुत कुछ बदल गया है। यहां आपके अल्मा मेटर में नए विभाग और नए कोर्स शुरू हुए हैं, इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार हुआ है। एएमयू बिरादरी को आपकी उपलब्धियों पर गर्व है।‘
कुलपति ने पूर्व छात्रों के सम्मेलन को बैठक के नियमित रूप से आयोजित करने पर जोर दिया और विशेष रूप से कोविड-19 के कठिन समय के दौरान उनके बहुमूल्य सहयोग के लिए पूर्व छात्रों के पूरे नेटवर्क को धन्यवाद दिया।
उन्होंने कहा कि “हमारे पूर्व छात्रों ने महामारी के दौरान जेएन मेडिकल कालिज में सुविधाओं को बढ़ाने में हमारी मदद की बहुत से लोगों की जाने बची. हमें उम्मीद है कि एमबीबीएस 1995 बैच के छात्र ब्रांड एंबेसडर के रूप में दुनिया भर में अपने अल्मा मेटर का प्रतिनिधित्व करना जारी रखेंगे और बेहतरीन तरीके से इस संस्था के विकास में योगदान देंगे।‘
गेस्ट ऑफ ऑनर, एएमयू प्रो-वाइस चांसलर प्रोफेसर मुहम्मद गुलरेज़ ने कहा कि ‘पुरानी यादें हमें एक ही समय में हंसाती और रुलाती हैं। निश्चित रूप से आप सभी का यहाँ गहरा संबंध है, आपके दिल यहाँ हैं, और घर वह है जहाँ दिल है।‘
उन्होंने कहा कि हमारे पूर्व छात्रों ने अनेक सम्मान हासिल किये हैं। उन्होंने एक सफल डॉक्टर और एक अच्छे इंसान होने की विश्व भर में मिसाल पेश की है और छात्रों की एक पीढ़ी को ईमानदारी और दृढ़ संकल्प के साथ कड़ी मेहनत करने के लिए प्रेरित किया है। एएमयू समुदाय पूर्व छात्रों के योगदान को स्वीकार करता है और उनके सभी प्रयासों के लिए आभारी है।
फैकल्टी ऑफ मेडिसिन के डीन, प्रोफेसर एम.यू रब्बानी ने कहा कि “हालांकि इन छात्रों को अपनी संस्था को छोड़े एक लंबा समय हो गया है, लेकिन आपके चेहरे अभी भी ताजा हैं। हम यह देखकर खुश हैं कि आप सभी ने करियर में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। एमबीबीएस 1995 बैच जेएनएमसी के गौरवशाली अतीत का एक अभिन्न हिस्सा है और इस बैच के छात्रों ने स्वास्थ्य सेवा और सामाजिक सेवाओं में अपनी सफलता की कहानी रची है। मातृ संस्था के लिए उनकी सेवाएं अमूल्य हैं।‘
जेएन मेडिकल के प्रिंसिपल, प्रोफेसर राकेश भार्गव ने कहा कि “यह एक अद्भुत क्षण है। यह कार्यक्रम पूर्व छात्रों कि लिए एमबीबीएस 1995 बैच के छात्रों के लिए अपने सहपाठियों, दोस्तों और शिक्षकों से मिलने और जीवन की पुरानी यादों को ताजा करने का एक मंच है। यह वर्तमान छात्रों के लिए पूर्व छात्रों की सफलता की कहानियां सुनने का अवसर भी है।
कार्यक्रम की आयोजन सचिव डा उजमा फिरदौस (बाल रोग विभाग, जेएनएमसी) ने अपने स्वागत भाषण में कहा, ‘ऐसा लगता है जैसे कल की ही बात हो, जब 1995 में हम जेएनएमसी में एमबीबीएस प्रथम वर्ष के छात्रों से मिले और उत्साह के साथ प्रवेश किया। हममें से कुछ लोगों के लिए चीजें आज भी वैसी ही हैं। मुझे आशा है कि यह मुलाकात कई सुखद और अद्भुत पलों को वापस लाएगी और मातृत्व के प्रति हमारी जिम्मेदारियों को पूरा करने के हमारे संकल्प को मजबूत करेगी।‘
कार्यक्रम का संचालन एराज़ लखनऊ मेडिकल कालेज एंड हास्पिटल, के डा. श्रेष्ठ भटनागर एवं पीजीआई, चंडीगढ, के डा. दिव्या जैन ने किया। डा. शारिका यूनुस खान ने धन्यवाद ज्ञापन दिया।
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