Prof Naima Khatoon addressing the 30TH national seminar of IASLIC at University Polytechnic
एएमयू में आईएएसएलआईसी की 30वीं राष्ट्रीय संगोष्ठी-2024 का उद्घाटन
अलीगढ़, 21 नवंबरः आईएएसएलआईसी की 30वीं राष्ट्रीय संगोष्ठी-2024 का उद्घाटन आज यूनिवर्सिटी पॉलिटेक्निक ऑडिटोरियम में हुआ। विषय सूचना साक्षरता पर आयोजित इस संगोष्ठी का आयोजन अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान विभाग और भारतीय विशेष पुस्तकालय एवं सूचना केंद्र संघ (आईएएसएलआईसी) ने संयुक्त रूप से किया था।
मुख्य अतिथि इग्नू की कुलपति प्रो. उमा कांजीलाल ने मुख्य भाषण में ‘सूचना साक्षरता रुझानः डिजिटल परिदृश्य को नेविगेट करना’ पर बोलते हुए ब्लॉकचेन, वर्चुअल और संवर्धित वास्तविकता जैसी अत्याधुनिक तकनीकों और डिजिटल पुस्तकालयों के विकास पर प्रकाश डाला और डिजिटल युग में पुस्तकालयों की बदलती भूमिका को रेखांकित किया।
कुलपति प्रो. नईमा खातून ने अध्यक्षीय भाषण में वर्तमान शैक्षणिक चुनौतियों के अनुरूप विषय चुनने के लिए आयोजकों की सराहना की। उन्होंने इस तरह के विद्वत्तापूर्ण आयोजनों को जारी रखने का आह्वान किया।
समारोह में क्षेत्र में दूरदर्शी नेतृत्व के लिए डॉ. ए.एल. मूर्ति को लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड भी प्रदान किया गया। इसके अतिरिक्त, विशिष्ट अतिथियों द्वारा सेमिनार के सारांश का विमोचन किया गया। आईएएसएलआईसी के महासचिव अभिजीत कुमार ने सेमिनार के विषय पर विस्तार से प्रकाश डाला और इसके महत्व को रेखांकित किया, जबकि सेमिनार के सह-संरक्षक प्रो. शाफे किदवई ने समकालीन उदाहरणों के साथ सूचना प्रौद्योगिकी और मीडिया साक्षरता पर बोलते हुए हुए विषय का विचारोत्तेजक विश्लेषण प्रस्तुत किया। पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान विभाग के अध्यक्ष एवं आयोजन सचिव प्रो. एम. मासूम रजा ने स्वागत भाषण दिया। सेमिनार के निदेशक प्रो. एन आर सत्यनारायण ने अपने उद्घाटन भाषण में कौशल विकास की महत्वपूर्ण आवश्यकता पर बल दिया। आईएएसएलआईसी के अध्यक्ष प्रो. नरेंद्र लाहकर ने आज की डिजिटल दुनिया में सूचना साक्षरता के महत्व पर बल दिया। डॉ. किश्वर जहां द्वारा धन्यवाद दिया गया।
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