
अलीगढ़ शहर ने हर मैदान में दुनिया को बेगिनती अनमोल और बेमिसाल लोगों से नवाज़ा है।ऐसी ही एक बड़ी शख्स़ियत का नाम है पद्मश्री प्रो.ज़िल्लुरहमान साहब।कुछ अरसा पहले मैं और प्रो.मुश्ताक़ सदफ़ साहब,एक फ़ंक्शन की बाबत,उन से मिलने घर गये तो चाय पीते हुए आर्ट,कल्चर,शायरी वग़ैरह पर लंबी गुफ़्तगू का सिलसिला चला।उन्होंने अपनी ज़िंदगी भर की जमा-पूंजी लगा कर इब्ने सिना एकैडमी(लाइब्रेरी और म्यूज़ियम)क़ायम की ताकि अलीगढ़ में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स और दीगर लोगों को तालीम और दीगर दुनियावी मालूमात का फ़ायदा पहुंच सके।इस अकैडमी में दुनिया भर से जमा किया,हैरत में डालता,तारीख़ी कलैक्शन है जो किसी ख़ज़ाने से कम नहीं।हज़ारों बेशक़ीमती किताबें यहां की शान हैं।यहां विज़िट करने वालों में काफ़ी स्टूडेंट्स और आम-ओ-ख़ास लोग हैं।वक़्त के पाबंद,आप सादगी मुहब्बत और इंसानियत की जीती जागती मिसाल हैं।हम सब की दुआ है परवरदिगार उन को सेहतमंद लंबी उम्र अता करे।Foster
उन को सेहतमंद लंबी उम्र अता करे।
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