अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की आनलाइन एलुमनी मीट-2021 का आयोजन
अलीगढ़, 11 अप्रैलः “अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय मेरे खून में शामिल हैं। मैंने एएमयू के एसटीएस स्कूल (मिंटो सर्किल) से पढ़ाई करने के बाद इंजीनियरिंग में दाखिला लिया और जो कुछ भी मैंने एएमयू में कक्षा के अंदर और उसके खूबसूरत परिसर में सीखा इसने मेरी सोच और मेरे करियर को आकार देने में अहम भूमिका निभाई है। ”
ये उदगार कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, सांताक्रूज, यूएसए के डा० हसन कामिल ने व्यक्त किए। वह एएमयू के पूर्व छात्र सम्मेलन (एलुमनी मीट-2021) के ऑनलाइन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि मुझे अच्छी तरह से याद है कि मिंटो सर्कल में किस प्रकार से मेरे इतिहास के शिक्षक तौकीर सहाब ने मुझे जीवन में बेहतर करने के लिए प्रोत्साहित किया।
उच्च शिक्षा पर कोविड-19 के प्रभावों पर चर्चा करते हुए, डा० कामिल ने कहा कि उच्च शिक्षा का परिदृश्य लगातार बदल रहा है। पिछले साल कोविड महामारी ने छात्रों को प्रभावित किया जिससे उनके शमक्ष यह प्रश्न पैदा होने लगा कि कालेज का भविष्य कैसा होगा। ‘कई नए रुझान हैं जो सामने आए हैं जिनसे अंदाज़ा होता है कि भविष्य में और अधिक बदलाव होंगे।‘ सबसे बड़ा बदलाव आनलाइन लर्निंग का बढ़ना है। स्कूल, सामुदायिक कालेज, व्यापार पाठ्यक्रम और सभी प्रकार के शैक्षणिक संस्थान इस बदलाव से प्रभावित हो रहे हैं।‘
डा० हसन कामिल ने कहा कि कोविड संकट के चलते कई विश्वविद्यालयों में फंड की कमी हुई है, लेकिन महामारी ने शिक्षा और शिक्षण के क्षेत्र में नए तकनीकी नवाचारों का मार्ग प्रशस्त किया है। कुछ विश्वविद्यालय पूरी तरह से ऑनलाइन चल रहे हैं, जबकि कुछ ने ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों तरीकों को अपनाया है। उन्होंने जोर दिया कि जो विश्वविद्यालय नई तकनीक को अपनाएंगे वे सफल होंगे जबकि अन्य विश्वविद्यालय पीछे रह जायेंगे।
डा० कामिल ने कहा कि चिकित्सा शिक्षा में आभासी वास्तविकता के तरीकों को अपनाया जा रहा है और 3 डी प्रिंटिंग ने शिक्षकों और शिक्षकों को विचारों और अवधारणाओं के लिए बेहतर डिजाइन विकसित करने का अवसर प्रदान किया है ताकि शिक्षण सामग्री सीधे कंप्यूटर स्क्रीन से देखी जा सके। उन्होंने कहा कि ‘अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय इन नवीन तकनीकी नवाचारों को अपना सकता है और मुझे खुशी है कि विश्वविद्यालय इस दिशा में गंभीरता से काम कर रहा है।‘
डा० कामिल ने एएमयू शिक्षित लोगों को अधिक से अधिक एक जुट करने पर जोर दिया और कहा कि पूर्व छात्र अपनी मातृ संस्था एक ब्रांड बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
एएमयू के कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि पूर्व छात्र हमारे ब्रांड एंबेसडर हैं और उन्होंने संकट के समय हमेशा अपनी मातृ संस्था की मदद की है। एएमयू अपने पूर्व छात्रों की उपलब्धियों पर गर्व महसूस करती है।
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