अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के भाषाविज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर एमजे वारसी को ‘बिहार टॉक-2021 कार्यक्रम के दौरान अंतरराष्ट्रीय युवा अवार्ड से सम्मानित किया गया है। यह पुरस्कार उन्हें उनके धर्मार्थ एवं मानव सेवा से जुड़े परोपकारी कार्यों तथा बिहार को वैश्विक मानचित्र पर लाने के उनके प्रयासों के लिए प्रदान किया गया है।
पुरस्कार वितरण कार्यक्रम में बिहार विधानसभा के अध्यक्ष श्री विजय कुमार सिन्हा, बिहार के उपमुख्यमंत्री श्री तारकिशोर प्रसाद और, बिहार के स्वास्थ्य मंत्री श्री मंगल पांडे उपस्थित थे।
प्रशस्ति पत्र में कहा गया है कि प्रोफेसर वारसी ने एक मूक कार्यकर्ता के रूप में अपने शिक्षण के व्यावहारिक दृष्टिकोण से छात्रों के दृष्टिकोण को बदलने का कार्य किया है तथा उन्होंने कमला, कोसी और करेह नदियों के संगम के पास स्थित अपने पैतृक गांव में जों तीन महीने पानी में डूबा रहता है, के विकास के लिये विशेष प्राक्रम किये हैं।
प्रो वारसी ने अपनी माता के सपने को पूरा करने के लिए बिहार सरकार की मदद से गांव में एक स्वास्थ्य केंद्र भी स्थापित किया है।
ज्ञात हो कि प्रोफेसर वारसी ने संयुक्त राज्य अमेरिका के विश्वविद्यालयों में भी शिक्षण कार्य किया है तथा उन्हें उनके विशिष्ट कार्यों के लिये वाशिंगटन विश्वविद्यालय के जेम्स ई मैक्लॉड फैकल्टी रिकॉग्निशन अवार्ड समेत यूपी हिंदी-उर्दू लिटरेरी अवार्ड और पश्चिम बंगाल उर्दू अकादमी अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है।
प्रो वारसी ने भाषा, संस्कृति और समाजिक पहचान में संपर्क को रेखांकित करने के लिए कई किताबें प्रकाशित की हैं जिनमें लिनकॉम यूरोपा, जर्मनी द्वारा प्रकाशित पुस्तक ‘मैथिली उर्दू’ शामिल हैं। इसके अतिरिक्त वह साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता दो उपन्यासों की अनुवाद परियोजनाओं पर भी कार्य कर रहे हैं।
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