नव प्रवेशित एमबीबीएस एवं बीडीएस छात्रों के लिए व्हाइट कोट समारोह का आयोजन
अलीगढ़ 14 अक्टूबरः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज एवं डॉ. जियाउद्दीन अहमद डेंटल कॉलेज द्वारा संयुक्त रूप से नव प्रवेशित एमबीबीएस एवं बीडीएस छात्रों के लिए व्हाइट कोट समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि एएमयू कुलपति प्रोफेसर नईमा खातून ने कहा कि चिकित्सा पेशा दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित व्यवसायों में से एक है, तथा यह एक डॉक्टर पर अपने मरीजों का पूरी तरह से इलाज करने की जिम्मेदारी डालता है।
उन्होंने कहा कि आज भी देश में डॉक्टरों की संख्या जनसंख्या के अनुपात में कम है तथा स्वास्थ्य सुविधाओं में बुनियादी उपकरणों के लिए संसाधनों की कमी स्थिति को और भी गंभीर बना देती है। उन्होंने कहा कि ऐसे में यह हमारे लिए गर्व की बात है कि हमारे विश्वविद्यालय में एमबीबीएस एवं बीडीएस की अच्छी संख्या में सीटें हैं तथा हमें अच्छे डॉक्टर तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
उन्होंने आशा व्यक्त की कि एएमयू के मेडिकल पेशेवर मरीजों की पूरी देखभाल एवं समर्पण के साथ सेवा करेंगे तथा जेएन मेडिकल कॉलेज एवं विश्वविद्यालय का नाम रोशन करेंगे।
मानद् अतिथि, डॉ. बी. श्रीनिवास, सचिव, राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग, नई दिल्ली तथा महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार ने कहा कि चिकित्सा पेशा शायद देश में सबसे अधिक मांग वाला पेशा है और हर साल मेडिकल प्रवेश के लिए आने वाले छात्रों की संख्या कई गुना बढ़ रही है।
इससे पूर्व, अतिथियों का स्वागत करते हुए, प्रोफेसर वीणा माहेश्वरी, डीन, चिकित्सा संकाय और प्रिंसिपल और सीएमएस, जेएनएमसी ने कहा कि सफेद कोट सम्मान का प्रतीक है और मेडिकल छात्रों को व्यक्तिगत गरिमा बनाए रखते हुए अपने मरीज के साथ अत्यंत विनम्रता और स्नेह के साथ व्यवहार करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि मरीज दर्द में अस्पताल आते हैं और डॉक्टरों का स्नेहपूर्ण व्यवहार और मृदु भाषा उचित उपचार के साथ उनके दर्द को तेजी से कम करने में मदद करती है।
उन्होंने जोर देकर कहा कि जेएनएमसी देश के सबसे व्यस्त अस्पतालों में से एक है और हर साल लाखों मरीज इलाज के लिए यहां आते हैं। उन्होंने मरीजों के समर्पित और निस्वार्थ उपचार के लिए पारंपरिक हिप्पोक्रेटिक शपथ भी दिलाई।
डॉ. जेडए डेंटल कॉलेज के प्रिंसिपल प्रोफेसर आरके तिवारी ने छात्रों से कड़ी मेहनत करने और उन मरीजों की सेवा करने की बड़ी जिम्मेदारी उठाने के लिए मजबूत बनने का आग्रह किया, जिन्हें जीवन भर विषम परिस्थितियों में भी उनकी देखभाल की आवश्यकता होगी।
इस अवसर पर डॉ. सूफिया नसीम द्वारा संपादित एमबीबीएस और बीडीएस के लिए पुस्तिकाओं का अतिथियों द्वारा विमोचन किया गया।
चिकित्सा शिक्षा इकाई की समन्वयक प्रोफेसर सीमा हकीम ने इकाई द्वारा आयोजित कार्यक्रमों पर प्रकाश डाला।
डॉ. बुशरा सिद्दीकी और डॉ. रूही खान ने कार्यक्रम का संचालन किया, जबकि डॉ. रूही खान ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
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