Prof Naima Khatoon, Prof. Panch Ramalingam, Prof. Habib Ahmad, Prof. Zokaitluangi, Prof. Ikram Hussain, Prof. Mehraj Uddin Mir and Prof. Shah Alam releasing the souvenir at the International Conference
एएमयू में 15वां अंतरराष्ट्रीय इंस्पा सम्मेलन आरम्भः बच्चों को जीवन कौशल से सशक्त बनाने का वैश्विक आह्वान
अलीगढ़, 4 अक्टूबरः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के यूनिवर्सिटी पॉलिटेक्निक ऑडिटोरियम में इंडियन स्कूल साइकोलॉजी एसोसिएशन का 15वां अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन शुरू हुआ। एएमयू के मनोविज्ञान विभाग और इंस्पा द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित तीन दिवसीय सम्मेलन का विषय “स्कूल साइकोलॉजीः बच्चों को जीवन कौशल से सशक्त बनाना” है। इसमें देश-विदेश से आए शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं, मनोवैज्ञानिकों और विशेषज्ञों ने बाल विकास, शिक्षा और मानसिक स्वास्थ्य के महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार-विमर्श किया।
अपने अध्यक्षीय संबोधन में प्रो. खातून ने मानसिक स्वास्थ्य, समावेशिता और बच्चों के सशक्तिकरण के प्रति एएमयू की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा कि शिक्षा केवल रटने तक सीमित न हो, बल्कि बच्चों के भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक विकास पर केंद्रित होनी चाहिए।
इंस्पा अध्यक्ष प्रो. पंच रामलिंगम ने संगठन के कार्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि शिक्षा केवल अकादमिक स्तर तक सीमित न होकर बच्चों को सार्थक जीवन जीने की शक्ति देने पर आधारित होनी चाहिए। मुख्य वक्ता प्रो. हबीब अहमद (एएमयू पूर्व छात्र) ने बदलते शैक्षिक परिदृश्य की ओर इशारा करते हुए कहा कि आज बच्चों के सामने पहले से कहीं अधिक जटिल चुनौतियाँ हैं और शिक्षकों व मनोवैज्ञानिकों का दायित्व है कि वे उन्हें अनुकूलन और नवाचार की राह दिखाएँ।
सम्मेलन में प्रो. जोकैतलुआंगी (उपाध्यक्ष, इंस्पा), प्रो. इकराम हुसैन (डीन, सामाजिक विज्ञान संकाय, एएमयू), तथा प्रो. मेहराजुद्दीन मीर (पूर्व कुलपति, सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ कश्मीर) ने भी विचार व्यक्त किए। ईरान के डॉ. बहमन कॉर्ड और फिलिस्तीन के डॉ. वाएल एम. एफ. अबुहसन ने वैश्विक सहयोग और अंतरसांस्कृतिक संवाद की आवश्यकता पर बल दिया।
आयोजन सचिव एवं मनोविज्ञान विभागाध्यक्ष प्रो. शाह आलम ने स्वागत भाषण में कहा कि बच्चों को मानसिक दृढ़ता, भावनात्मक बुद्धिमत्ता और जीवन कौशल देने में स्कूल मनोविज्ञान की अहम भूमिका है। उन्होंने सोशल मीडिया और स्क्रीन टाइम से जुड़े खतरों पर भी चिंता व्यक्त की।
इस अवसर पर 17 श्रेणियों में इंस्पा एवार्ड 2025 प्रदान किए गए, जिनमें यंग साइंटिस्ट अवार्ड, एजुकेशनल एक्सीलेंस अवार्ड, इंटरनेशनल लीडरशिप अवार्ड और प्रो. जी. पी. ठाकुर मेमोरियल अवार्ड शामिल हैं।
पहले दिन चार समानांतर तकनीकी सत्रों में 35 शोध-पत्र प्रस्तुत किए गए, जिनमें मानसिक स्वास्थ्य संवर्धन, भावनात्मक बुद्धिमत्ता, शिक्षा में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, समावेशी शिक्षा और मनोसामाजिक हस्तक्षेप जैसे विषय शामिल थे।
कार्यक्रम का संचालन कामिनाह बेग और शीजा जमशेद ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन डॉ. हीना परवीन ने प्रस्तुत किया।
इस अवसर पर एएमयू कुलपति प्रो. नइमा खातून ने अन्य मेहमानों के साथ मिलकर स्मारिका का विमोचन भी किया।
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