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taking the guard of honour after hoisting the national flag
एमयू में स्वतंत्रता दिवस उत्साह और धूमधाम से मनाया गया
अलीगढ 15 अगस्तः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर मोहम्मद गुलरेज ने भारत के 77वें स्वतंत्रता दिवस पर स्ट्रेची हॉल के समक्ष राष्ट्र ध्वज फहराने के बाद शिक्षकों, छात्रों और कर्मचारियों की एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि स्वतंत्रता कोई उपहार नहीं है, न ही यह किसी विदेशी शासन की अनुपस्थिति मात्र है। स्वतंत्रता मन की एक अवस्था और एक जीवन शैली है। यह हमारे अस्तित्व और भूमिका के प्रति सचेत रूप से जागरूक होने का बोध है। स्वतंत्रता चेतन मन कि स्थिति और जागरूक जीवन का आभास है।
प्रो गुलरेज ने कहा कि जैसे किसी देश की ताकत उसके नागरिकों की क्षमता में निहित होती है, वैसे ही किसी विश्वविद्यालय की शक्ति उसके छात्रों के प्रदर्शन और संकल्प पर निर्भर करती है। समय चुनौतीपूर्ण हो सकता है, लेकिन आपकी भूमिका प्रतिभा के लिए प्रयास करना, सर्वश्रेष्ठ बनना और अपराजेय बनना है।
प्रोफेसर गुलरेज ने कहा कि सर सैयद अहमद खान ने तर्क और वैज्ञानिक स्वभाव पर आधारित समाज की गहन दृष्टि और परिवर्तनकारी शैक्षिक प्रणाली के साथ मोहम्मडन एंग्लो ओरिएंटल कॉलेज की स्थापना की थी। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में, उस दृष्टिकोण को पूरा करना और देश के शैक्षिक विकास के साथ प्रगति करना हमारा संकल्प रहा है।
उन्होंने कहा कि केवल स्वतंत्रता सेनानी ही नहीं, बल्कि स्वतंत्रता संग्राम के दौरान भारत की आत्मा को आकार देने वाला बौद्धिक ढांचा प्रदान करने में भी अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
इस शुभ अवसर पर देशवासियों को बधाई देते हुए प्रोफेसर गुलरेज ने कहा कि मैं आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं। यह दिन, इसका इतिहास और महत्व वास्तव में ऐसा है जिसे हमें मनाने की जरूरत है। एक राष्ट्र के लिए संप्रभु होना एक गरिमा की बात है। यह एक लंबा संघर्ष था, और इसलिए केवल स्वतंत्रता ही नहीं, बल्कि स्वतंत्रता के संघर्ष का भी जश्न मनाने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि ‘न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के विचार भारतीय राष्ट्र को बांधते हैं। हमें यह स्वीकार करना चाहिए कि यह मजबूत आधार ही हमारे तेजी से आगे बढ़ने का कारण है।’
उन्होंने कहा कि उस समय के नेताओं ने विविधता में ताकत देखी, उन्होंने विविधता में एकता स्थापित करने की नींव रखी और पूरे भारत में प्रेम और अपनेपन का संदेश फैलाया।
प्रोफेसर गुलरेज ने कहा कि आज जब हम अपनी आजादी की सफलता की कहानी का जश्न मना रहे हैं, तो आइए हम आत्मनिरीक्षण भी करें क्योंकि सफलता स्थायी नहीं हो सकती है और इसे सचेत रूप से संरक्षित किया जाना चाहिए। हमारे लोकतांत्रिक मूल्य, व्यक्तिगत स्वतंत्रता और सामूहिक जिम्मेदारी हमारी एकता के मूल में हैं।
उन्होंने कहा कि आजादी के 76 वर्षों में भारत ने जबरदस्त विकास देखा है। ऐसे समय में जब वैश्विक अर्थव्यवस्था में उतार-चढ़ाव चल रहा है, भारत ने खुद को एक आशाजनक स्थिति में स्थापित किया है। विकास के साथ आर्थिक वृद्धि भी होती है और देश के संसाधनों का सभी नागरिकों की समृद्धि के लिए इष्टतम उपयोग किया जाता है।
उन्होंने कहा कि मजबूत मानव पूंजी के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य सामाजिक क्षेत्रों पर व्यय अनिवार्य है। बदलते समय के साथ हरित अर्थव्यवस्था, डिजिटल कौशल और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर भी ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए। माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार कौशल भारत पहल, डिजिटल इंडिया मिशन, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन और कई अन्य सामाजिक क्षेत्र की योजनाओं के साथ इस दिशा में लगातार प्रयास कर रही है।
उन्होंने कहा कि हमारी विदेश नीति राष्ट्रीय हित और सामूहिक वैश्विक विकास को कायम रखती है। आईबीएसए, ब्रिक्स और क्वाड की एक साथ सदस्यता और आसियान के साथ इसकी साझेदारी वैश्विक मामलों में भारत के बढ़ते महत्व और स्वीकार्यता को दर्शाती है।
उन्होंने कहा कि‘ष्चूंकि इस साल जी20 शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता भारत के पास है, इसलिए भारत के पास खुद को ग्लोबल साउथ के नेता के रूप में स्थापित करने और दुनिया को भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से जोड़ने का सुनहरा अवसर है। ‘वसुधैव कुटुंबकम’-‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ की थीम के साथ, भारत ने जी20 मंच से वैश्विक चर्चा का एजेंडा तय किया है। भारत निश्चित रूप से अमृत काल से गुजर रहा है, और अगर हम अपनी क्षमता का पूरी तरह से दोहन कर पाएं तो यह शताब्दी निस्संदेह भारतीय शताब्दी साबित होगी।
विश्वविद्यालय में विकास गाथा का संदर्भ प्रस्तुत करते हुए प्रोफेसर गुलरेज ने कहा कि हमारा विश्वविद्यालय उन कुछ संस्थानों में से एक है जिन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को सफलतापूर्वक लागू किया है। हमने बहु-विषयक और अंतःविषय दृष्टिकोण पर जोर देते हुए चार वर्षीय स्नातक कार्यक्रम को सफलतापूर्वक शुरू किया है।
उन्होंने कहा कि हाल ही में, हमने विशेष रूप से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, नवीकरणीय ऊर्जा और हरित प्रौद्योगिकी, बायोमेडिकल इंजीनियरिंग, डेटा साइंस और कई पैरामेडिकल पाठ्यक्रमों की विशेष धाराओं में बेहतर रोजगार, उद्यमिता और कौशल विकास प्रदान करने के उद्देश्य से कई नए पाठ्यक्रम शुरू किये हैं।
उन्होंने आगे कहा कि दूरस्थ और ऑनलाइन शिक्षा केंद्र किसी को भी, कभी भी और कहीं भी स्वतंत्र रूप से सीखने के लिए शिक्षा के लचीले और नवीन अवसर प्रदान कर रहा है, और हमारा ध्यान महिला शिक्षा पर भी है, और जी20 ‘महिला सशक्तिकरण शिखर सम्मेलन’ पर जोर देने के अनुरूप है जिसके अंतर्गत अब ‘महिला विकास’ से आगे ‘महिला नेतृत्व विकास’ के दृष्टिकोण की ओर आगे बढ़ना है।
उन्होंने कहा की कि शिक्षकों, छात्रों और कर्मचारियों के प्रयासों और सकारात्मक योगदान से, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय को एनएएसी रैंकिंग में ए स्थान प्राप्त हुआ है और 2023 के लिए एनआईआरएफ रैंकिंग में एएमयू को शीर्ष 10 विश्वविद्यालयों में शामिल किया गया है।
उन्होंने एएमयू बिरादरी से आग्रह किया कि वे विश्वविद्यालय को देश के पहले पूर्णतः हरित विश्वविद्यालय के रूप में विकसित करने के लिए प्रयास करें। यह राष्ट्रीय कर्तव्य और वैश्विक जिम्मेदारी निभाने में हमारा बड़ा योगदान होगा। उन्होंने कहा कि एएमयू केवल डिग्रियों की प्राप्ति का केंद्र नहीं है, यह विचारों की उत्पत्ति और सभी के लिए बेहतर भविष्य की आशा के विस्तार का संस्थान है।
प्रोफेसर गुलरेज ने शिक्षकों से युवा दिमागों को विकसित करने में अपना सर्वश्रेष्ठ देने का आग्रह करते हुए कहा कि शिक्षक के रूप में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ समग्र और मूल्य आधारित शिक्षण अनुभव प्रदान करना हमारा लक्ष्य और दृढ़ संकल्प होगा। हमारा मिशन राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान के साथ वैश्विक मानकों को पूरा करना है। अलीगढ़ में हम चुनौतियों को अवसर के रूप में देखते हैं और हमारे सामने रोमांचक समय है, मुझे अपने छात्रों के बीच सर्वोत्तम शैक्षिक मूल्यों को विकसित करने के लिए अत्यधिक प्रतिष्ठित शिक्षकों की एक टीम के साथ काम करने पर गर्व है।
एएमयू रजिस्ट्रार, श्री मोहम्मद इमरान (आईपीएस) ने कार्यक्रम का संचालन किया और धन्यवाद ज्ञापित किया।
स्वतंत्रता समारोह से संबंधित कार्यक्रम में, कुलपति ने विश्वविद्यालय के अन्य अधिकारियों के साथ, सर सैयद हॉल (दक्षिण) के लॉन में पौधे लगाए और विश्वविद्यालय स्वास्थ्य सेवा में बीमार छात्रों को फल वितरित किए।
उन्होंने डक प्वाइंट पर बिल्डिंग डिपार्टमेंट द्वारा बनाए गए जी20 सेल्फी प्वाइंट का भी उद्घाटन किया, जहां सभी 20 सदस्य देशों के झंडे प्रदर्शित किए गए हैं।
युवा छात्रों को उनके स्वर्णिम अतीत और देश के गौरवशाली इतिहास से परिचित कराने के लिए सांस्कृतिक शिक्षा केंद्र द्वारा 50 स्वतंत्रता सेनानियों की तस्वीरों की एक प्रदर्शनी भी आयोजित की गई।
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