Saturday, August 5, 2023

जेएन मेडिकल कालिज चिकित्सक डा. हामिद का पोस्टमेनोपॉजल ऑस्टियोपोरोसिस पर व्याख्यान

         अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के राजीव गांधी सेंटर फॉर डायबिटीज़ एंड एंडोक्रिनोलॉजी के निदेशक, डाक्टर हामिद अशरफ ने अलीगढ़ मेनोपॉज सोसाइटी द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में रजोनिवृति ऑस्टियोपोरोसिस पर व्याख्यान दिया।

डॉ. अशरफ ने पोस्टमेनोपॉजल और सेनील ऑस्टियोपोरोसिसइसके लक्षणोंरोकथाम और नियमित व्यायाम के साथ स्वस्थ जीवन शैली और संतुलित आहार की आवश्यकता के बारे में जागरूकता फैलाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया महिलाओं में 45 से 50 वर्ष की उम्र के आस पास होती है और महिलाओं में ऑस्टियोपोरोटिक हिप फ्रैक्चर के होने का जोखिम के साथ स्तनगर्भाशय और डिम्बग्रंथि कैंसर विकसित होने की संभावना भी बढ़ जाती है।

उन्होंने कहा कि दुनिया भर में दो सौ मिलियन और भारत में लगभग 50 मिलियन लोग ऑस्टियोपोरोसिस से पीड़ित हैं और वर्ष 2050 तक हर दूसरा ऑस्टियोपोरोटिक फ्रैक्चर से प्रभावित व्यक्ति एशिया में होगा। उन्होंने कहा कि ऑस्टियोपोरोसिस एक साइलेंट किलर है और ऑस्टियोपोरोटिक फ्रैक्चर वाले मरीजों में रुग्णता और मृत्यु दर अधिक होती है। हिप फ्रैक्चर वाले लगभग 20-30 प्रतिश्ज्ञत मरीज एक वर्ष के भीतर मर जाते हैंऔर 5 वर्षों में मृत्यु दर 50 प्रतिशत से अधिक होती है।

डाक्टर अशरफ ने उम्ररजोनिवृत्तिग्लूकोकार्टोइकोड्स जैसी दवाएंएंटीपीलेप्टिक दवाएंआनुवंशिक कारककैल्शियम और विटामिन डी की कमीहाइपोगोनाडिज्ममधुमेह और मैलाबॉस्पशन सिंड्रोम सहित फ्रैक्चर के कई जोखिम कारकों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि ऑस्टियोपोरोसिस के निदान के लिए डेक्सा स्कैन सहित विभिन्न नैदानिक तरीकों का उपयोग किया जा सकता है।

उन्होंने ऑस्टियोपोरोटिक फ्रैक्चर को रोकने के औषधीय और गैर-औषधीय तरीकों के बारे में भी बात की।

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