Thursday, February 8, 2024

1991 के उपासना स्थल कानून


 Professor Emiratus Irfan habib, Aligarh Muslim University, Aligarh

प्रख्यात इतिहासकार प्रो. इरफान हबीब का कहना है कि वाराणसी-मथुरा में मंदिर थे, इन्हें तोड़ा गया यह बिल्कुल सही है। इसका जिक्र इतिहास की कई किताबों में किया गया है। यह साबित करने के लिए किसी सर्वे, कोर्ट-कचहरी की कोई जरूरत नहीं है। लेकिन 1991 के उपासना स्थल कानून के तहत इनका मौजूदा स्वरूप संरक्षित है। इसके मुताबिक 1947 की स्थिति बरकरार रखनी होगी। अगर कोई तब्दीली करनी है तो कानून बदलना होगा। तीन सौ, चार सौ साल बाद इन्हें दुरुस्त करने का औचित्य क्या है। इरफान हबीब उदाहरण देते हैं कि भारत में हजारों बौद्ध मठों को तोड़ कर मंदिर बनाए गए, क्या आप उन्हें भी तोड़ेंगे। गया का महाबोधि मंदिर इसी का उदाहरण है। वहां शैव मत के लोगों ने कब्जा कर लिया। हालांकि अब वहां हिंदू और बौद्ध दोनों ही पूजा करते हैं।प्रख्यात इतिहासकार प्रो. इरफान हबीब का कहना है कि वाराणसी-मथुरा में मंदिर थे, इन्हें तोड़ा गया यह बिल्कुल सही है। इसका जिक्र इतिहास की कई किताबों में किया गया है। यह साबित करने के लिए किसी सर्वे, कोर्ट-कचहरी की कोई जरूरत नहीं है। लेकिन 1991 के उपासना स्थल कानून के तहत इनका मौजूदा स्वरूप संरक्षित है। इसके मुताबिक 1947 की स्थिति बरकरार रखनी होगी। अगर कोई तब्दीली करनी है तो कानून बदलना होगा। तीन सौ, चार सौ साल बाद इन्हें दुरुस्त करने का औचित्य क्या है। इरफान हबीब उदाहरण देते हैं कि भारत में हजारों बौद्ध मठों को तोड़ कर मंदिर बनाए गए, क्या आप उन्हें भी तोड़ेंगे। गया का महाबोधि मंदिर इसी का उदाहरण है। वहां शैव मत के लोगों ने कब्जा कर लिया। हालांकि अब वहां हिंदू और बौद्ध दोनों ही पूजा करते हैं।

हिंदुस्तान शब्द अरबों की देन ः इरफान हबीब कहते हैं कि अब प्रचारित किया जा रहा है कि भारत लोकतंत्र की जननी है। यह ऐतिहासिक रूप से गलत है। जिस वैशाली का उदाहरण दिया जाता है, वह महाजनपद था। एक देश के रूप में भारत की निश्चित सीमा नहीं थी। हर छोटा-मोटा राजा कुछ भूभाग जीतकर खुद को भारत का सम्राट बताने लगता था। हिंदुस्तान शब्द तो अरबों की देन है।


इरफान हबीब कहते हैं कि लगभग सभी मुगल बादशाहों ने मंदिरों को संरक्षण दिया। अकबर ने मुहम्मद बिन कासिम (814) ईस्वी से गैर मुस्लिमों से लिया जाने वाला जजिया कर खत्म कर दिया था। अन्य किसी मुगल बादशाह, यहां तक कि औरंगजेब के भी जजिया कर लेने का सबूत नहीं है। ब्राह्मणों से जजिया नहीं वसूला जाता था। शाहजहां तो एक कदम आगे बढ़कर वृंदावन के एक मंदिर के बारे में कहता है कि यहां खुदा की पूजा होती है, इसे मदद दी जानी चाहिए। अकबर और जहांगीर ने मथुरा में मंदिरों को ग्रांट मुहैया कराईं। औरंगजेब के जमाने में भी उन्हें ये सब मिला। इसका जिक्र उन्होंने अपनी किताब-ब्रजभूमि इन मुगल टाइम्स में किया है।

नेहरू पर टिप्पणियों से आहत
राजनीतिक रूप से वामपंथी विचारधारा से जुड़े रहे प्रो. इरफान हबीब देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू पर टिप्पणियों से आहत हैं। कहते हैं कि जब नेहरू को सत्ता मिली तो देश के क्या हालात थे। उन्होंने कैसे-कैसे देश का संचालन शुरू किया और जरूरतों को पूरा करना शुरू किया। मगर अब लोग उन्हें भला बुरा कहते हैं, जो गलत है।

No comments:

Popular Posts