Agha Mehdi Mehdavipur addressing the Ali Day celebrations at Kennedy Hall
एएमयू में अली दिवस समारोह का आयोजन
अलीगढ़ 6 फरवरीः अली सोसाइटी, अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय द्वारा इस्लाम के चैथे खलीफा हजरत अली की जयंती के रूप में आयोजित वार्षिक अली दिवस समारोह कैनेडी ऑडिटोरियम में आयोजित किया गया।
अपने अध्यक्षीय भाषण में, एएमयू के कुलपति प्रोफेसर मोहम्मद गुलरेज़ ने हज़रत अली को श्रद्धांजलि अर्पित की और सभी से हज़रत अली की शिक्षाओं को अपनाने का आग्रह किया, जिन्होंने जीवन भर ज्ञान प्राप्त करने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि हजरत अली को ज्ञान का प्रवेश द्वार ‘बाब-अल-इल्म’ कहा जाता था और आज के युग में ज्ञान ही जीत की माध्यम है।
उन्होंने कहा हर मुसलमान के लिए हज़रत अली की शिक्षाओं में अटूट विश्वास बनाए रखना और इस तरह ज्ञान प्राप्त करना अनिवार्य है।
मुख्य अतिथि, भारत में इस्लामी गणतंत्र ईरान के सर्वाेच्च लीडर के मुख्य प्रतिनिधि, महामहिम आगा मेहदी मेहदवीपुर ने कहा कि मानवता आंतरिक शांति की तलाश कर रही है। यदि किसी व्यक्ति का हृदय ईश्वर के प्रेम से भर जाए तो उसके सभी दुख और परेशानियां दूर हो जाएंगी। ईश्वर के साथ संबंध स्थापित करने से दर्द और परेशानियां कम हो जाती हैं।
विशिष्ट अतिथि, भिनगा के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, न्यायाधीश शारिब अली ने कहा कि इस्लाम ज्ञान का दीपक जलाने का संदेश देता है, और इमाम अली ने कहा कि दुनिया का ज्ञान दूसरों के साथ ज्ञान साझा करने से आता है।
सम्मानित अतिथि, लखनऊ विश्वविद्यालय के उर्दू विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर अब्बास रज़ा नैय्यर ने अपनी काव्यात्मक शैली में इमाम अली के महान कद पर प्रकाश डाला।
मौलाना सैयद ज़रग़ाम हैदर रिज़वी ने हज़रत अली के बौद्धिक व्यक्तित्व के विशेष संदर्भ में ज्ञान प्राप्त करने के लाभों को बताया। उन्होंने उल्लेख किया कि धन, शक्ति और सम्मान हर किसी के द्वारा प्राप्त नहीं किया जा सकता है, लेकिन ज्ञान में धन, शक्ति और सम्मान शामिल है, जिसे कोई भी अपनी इच्छा से प्राप्त कर सकता है।
डॉ. हफ़ीज़ उर रहमान ने कहा कि इमाम अली का जीवन सिर्फ एक विशिष्ट समुदाय या संप्रदाय के लिए एक उदाहरण नहीं है, बल्कि मानवता की भलाई के लिए काम करने वाले सभी लोगों के लिए एक मॉडल के रूप में कार्य करता है।
श्री ज़ीशान अली आज़मी ने कहा कि जब व्यक्ति अपनी जड़ों से जुड़ा रहता है तो प्रगति ही उसकी नियति बन जाती है।
श्री सैयद सलीम हैदर नकवी ने सभी से हज़रत अली के अनुकरणीय जीवन को जीवन में अपनाने और यहां और इसके बाद सफल होने का आग्रह किया।
इस अवसर पर अली डे समारोह के तहत आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजयी प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया। निबंध लेखन प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार सकीना को मिला, जबकि दूसरा और तीसरा पुरस्कार क्रमशः सिब्ते सुग़रा और रमशा फातिमा को दिया गया।
भाषण प्रतियोगिता में बसरा हसन ने प्रथम पुरस्कार जीता जबकि फ़िज़ा हुसैन और अरीशा मलिक को दूसरा और तीसरा पुरस्कार मिला।
पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता में पहला पुरस्कार आसिया मासूम ने जीता, जबकि दूसरा पुरस्कार वारिशा खालिद और निमरा खानम ने साझा किया। तीसरा पुरस्कार भी मिदहत रईस और सैयदा अलाय ज़हरा अहसन को मिला, जबकि सिमसम अहमद को सांत्वना पुरस्कार दिया गया।
अली सोसायटी के अध्यक्ष प्रो. आबिद अली खान ने धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने कार्यक्रम के सफल आयोजन में सफी अब्बास (कार्यक्रम समन्वयक) और सैयद फैजुल हसन (कार्यक्रम संयुक्त समन्वयक) और उनके सहयोगियों की कड़ी मेहनत की सराहना की।
इस भव्य समारोह में इस अवसर पर आयोजित विभिन्न प्रतिस्पर्धी कार्यक्रमों के विजेताओं को पुरस्कार वितरित भी किया गये।
एएमयू में अली दिवस समारोह का आयोजन
अलीगढ़ 6 फरवरीः अली सोसाइटी, अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय द्वारा इस्लाम के चैथे खलीफा हजरत अली की जयंती के रूप में आयोजित वार्षिक अली दिवस समारोह कैनेडी ऑडिटोरियम में आयोजित किया गया।
अपने अध्यक्षीय भाषण में, एएमयू के कुलपति प्रोफेसर मोहम्मद गुलरेज़ ने हज़रत अली को श्रद्धांजलि अर्पित की और सभी से हज़रत अली की शिक्षाओं को अपनाने का आग्रह किया, जिन्होंने जीवन भर ज्ञान प्राप्त करने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि हजरत अली को ज्ञान का प्रवेश द्वार ‘बाब-अल-इल्म’ कहा जाता था और आज के युग में ज्ञान ही जीत की माध्यम है।
उन्होंने कहा हर मुसलमान के लिए हज़रत अली की शिक्षाओं में अटूट विश्वास बनाए रखना और इस तरह ज्ञान प्राप्त करना अनिवार्य है।
मुख्य अतिथि, भारत में इस्लामी गणतंत्र ईरान के सर्वाेच्च लीडर के मुख्य प्रतिनिधि, महामहिम आगा मेहदी मेहदवीपुर ने कहा कि मानवता आंतरिक शांति की तलाश कर रही है। यदि किसी व्यक्ति का हृदय ईश्वर के प्रेम से भर जाए तो उसके सभी दुख और परेशानियां दूर हो जाएंगी। ईश्वर के साथ संबंध स्थापित करने से दर्द और परेशानियां कम हो जाती हैं।
विशिष्ट अतिथि, भिनगा के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, न्यायाधीश शारिब अली ने कहा कि इस्लाम ज्ञान का दीपक जलाने का संदेश देता है, और इमाम अली ने कहा कि दुनिया का ज्ञान दूसरों के साथ ज्ञान साझा करने से आता है।
सम्मानित अतिथि, लखनऊ विश्वविद्यालय के उर्दू विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर अब्बास रज़ा नैय्यर ने अपनी काव्यात्मक शैली में इमाम अली के महान कद पर प्रकाश डाला।
मौलाना सैयद ज़रग़ाम हैदर रिज़वी ने हज़रत अली के बौद्धिक व्यक्तित्व के विशेष संदर्भ में ज्ञान प्राप्त करने के लाभों को बताया। उन्होंने उल्लेख किया कि धन, शक्ति और सम्मान हर किसी के द्वारा प्राप्त नहीं किया जा सकता है, लेकिन ज्ञान में धन, शक्ति और सम्मान शामिल है, जिसे कोई भी अपनी इच्छा से प्राप्त कर सकता है।
डॉ. हफ़ीज़ उर रहमान ने कहा कि इमाम अली का जीवन सिर्फ एक विशिष्ट समुदाय या संप्रदाय के लिए एक उदाहरण नहीं है, बल्कि मानवता की भलाई के लिए काम करने वाले सभी लोगों के लिए एक मॉडल के रूप में कार्य करता है।
श्री ज़ीशान अली आज़मी ने कहा कि जब व्यक्ति अपनी जड़ों से जुड़ा रहता है तो प्रगति ही उसकी नियति बन जाती है।
श्री सैयद सलीम हैदर नकवी ने सभी से हज़रत अली के अनुकरणीय जीवन को जीवन में अपनाने और यहां और इसके बाद सफल होने का आग्रह किया।
इस अवसर पर अली डे समारोह के तहत आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजयी प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया। निबंध लेखन प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार सकीना को मिला, जबकि दूसरा और तीसरा पुरस्कार क्रमशः सिब्ते सुग़रा और रमशा फातिमा को दिया गया।
भाषण प्रतियोगिता में बसरा हसन ने प्रथम पुरस्कार जीता जबकि फ़िज़ा हुसैन और अरीशा मलिक को दूसरा और तीसरा पुरस्कार मिला।
पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता में पहला पुरस्कार आसिया मासूम ने जीता, जबकि दूसरा पुरस्कार वारिशा खालिद और निमरा खानम ने साझा किया। तीसरा पुरस्कार भी मिदहत रईस और सैयदा अलाय ज़हरा अहसन को मिला, जबकि सिमसम अहमद को सांत्वना पुरस्कार दिया गया।
अली सोसायटी के अध्यक्ष प्रो. आबिद अली खान ने धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने कार्यक्रम के सफल आयोजन में सफी अब्बास (कार्यक्रम समन्वयक) और सैयद फैजुल हसन (कार्यक्रम संयुक्त समन्वयक) और उनके सहयोगियों की कड़ी मेहनत की सराहना की।
इस भव्य समारोह में इस अवसर पर आयोजित विभिन्न प्रतिस्पर्धी कार्यक्रमों के विजेताओं को पुरस्कार वितरित भी किया गये।a Mehdi Mehdavipur addressing the Ali Day celebrations at Kennedy Hall
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