Prof. Shan Mohammad speaking at symposium on Sir Syed and his work at Urdu Academy on dias Dr Rahat Abrar Prof Qamrul Huda and Dr Zubair Shadab
अलीगढ़ 12 अक्टूबरः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर प्रोफेशनल डेवलपमेंट ऑफ उर्दू टीचर्स (उर्दू अकादमी) द्वारा सर सैयद अहमद खान की जयंती के अवसर पर आयोजित व्याख्यान श्रृंखला के अंतर्गत ‘सर सैयद और उनके कार्य’ पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
मुख्य अतिथि, एक प्रख्यात सर सैयद विद्वान और राजनीति शास्त्री, प्रो. शान मोहम्मद ने सर सैयद के महत्वपूर्ण कार्यों पर प्रकाश डाला और उनके पत्रिकाओं और व्याख्यानों के माध्यम से समाज सुधार में उनके योगदान पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि सर सैयद को सीखने का बहुत शौक था और उन्होंने अपनी आखिरी सांस तक ज्ञान को बढ़ावा देने और जागरूकता फैलाने के लिए काम किया।
मानद अतिथि, उर्दू अकादमी के पूर्व निदेशक, डॉ राहत अबरार ने सर सैयद को 19वीं सदी की सबसे बड़ी शख्सियतों में से एक के रूप में याद किया, जिन्होंने भारतीय जनमानस के शैक्षिक सशक्तिकरण के लिए लगातार काम किया।
उन्होंने कहा कि सर सैयद का मानना था कि 1857 के विद्रोह से त्रस्त भारतीय लोगों के लिए प्रगति का एकमात्र तरीका आधुनिक शिक्षा हासिल करना और खुद को अपने यूरोपीय समकक्षों के स्तर तक ऊपर उठाना था, जो विज्ञान और प्रौद्योगिकी में उनसे कम से कम एक सदी आगे थे।
उन्होंने कहा कि एक अच्छे इंसान को हमेशा उसके कार्यों और गुणों के लिए याद किया जाता है और यही चीज सर सैयद के व्यक्तित्व का वह पहलू है जिसके बारे में हम उनकी मृत्यु के 125 साल बाद भी चर्चा करते हैं और उन्हें याद करते हैं।
इससे पूर्व, अतिथियों का स्वागत करते हुए केंद्र के निदेशक प्रोफेसर मोहम्मद कमरुल हुदा फरीदी ने कहा कि इस संगोष्ठी का उद्देश्य छात्रों के बीच सर सैयद अहमद खान और उनके योगदान के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। उन्होंने कहा कि विशेष रूप से इस विश्वविद्यालय के छात्रों पर जनता के शैक्षिक उत्थान को आगे बढ़ाने और एक ऐसे समाज का निर्माण करने की बड़ी जिम्मेदारी है जो ज्ञान, तर्क और न्याय पर आधारित हो।
कार्यक्रम का संचालन उपनिदेशक डॉ. जुबैर शादाब खान ने किया।
डॉ. रफीउद्दीन, डॉ. मेंहदी यासमीन, सबा बानो, गुलिस्तां रियाज, सबा मुनव्वर, डॉ. मो. मारूफ, डॉ. इरफान अहमद और हिना तबस्सुम ने सर सैयद अहमद खान से संबंधित विभिन्न विषयों पर पेपर प्रस्तुत किए।
प्रोफेसर फरीदी ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
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