जेएन मेडिकल कॉलेज में लेटेंट टीबी की जांच के लिए उन्नत ‘सीवाई-टीबी’ टेस्ट अब निःशुल्क उपलब्ध होगा
Prof. Mohammad Shameem is the Chairperson of the Department of TB and Respiratory Diseases at Aligarh Muslim University (AMU). He is also known for organizing patient education camps, free medical checkups, and leading a Smoking Cessation Clinic, where he has helped many people quit smoking. He is regularly featured in local media for his expert opinions on health issues.
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज (जेएनएमसी) ने भारत सरकार के दिशानिर्देशों के अनुरूप लेटेंट टीबी (छिपी हुई तपेदिक) की जांच के लिए एक नई और उन्नत जांच प्रणाली ‘ सीवाई-टीबी’ टेस्ट की शुरुआत की है। यह पहल देश में टीबी उन्मूलन अभियान को मजबूती देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
जेएनएमसी के चेस्ट और टीबी विभाग के अध्यक्ष प्रो. मोहम्मद शमीम ने जानकारी दी कि यह टेस्ट अब जेएनएमसी के ओपीडी-15 में सभी कार्य दिवसों पर सुबह 9 बजे से दोपहर 1 बजे तक हाई-रिस्क (अधिक जोखिम वाले) मरीजों के लिए पूरी तरह निःशुल्क उपलब्ध होगा। इसका उद्देश्य टीबी संक्रमण को समय रहते पहचानकर गंभीर बीमारी में बदलने से रोकना है।
‘सीवाई-टीबी’ टेस्ट एक आधुनिक स्किन टेस्ट है, जो माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस के संक्रमण की अधिक सटीक पहचान करता है, खासकर उन लोगों में जिन्हें पहले बीसीजी का टीका लगाया गया हो या जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो। पारंपरिक मंटू टेस्ट की तुलना में यह टेस्ट ज्यादा भरोसेमंद है क्योंकि यह बीसीजी वैक्सीन में न पाए जाने वाले विशेष एंटीजन - ईएसएटी-6 और सीएफपी-10 का उपयोग करता है, जिससे जांच की सटीकता और संवेदनशीलता बढ़ती है।
विभाग के डॉ. नफीस ए. खान ने बताया कि यह टेस्ट खासकर एचआईवी, मधुमेह जैसी बीमारियों से ग्रसित अथवा कमजोर इम्यून सिस्टम वाले मरीजों में टीबी की प्रारंभिक पहचान के लिए एक प्रभावी साधन है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह एक स्क्रीनिंग टेस्ट है, और यदि रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो टीबी की पुष्टि के लिए छाती का एक्स-रे या बलगम की जांच जैसे अन्य परीक्षण आवश्यक हैं।
इस टेस्ट की प्रक्रिया सरल है, त्वचा में हल्का इंजेक्शन दिया जाता है और 48 से 72 घंटे बाद प्रतिक्रिया देखी जाती है। अगर 5 मिमी या अधिक की सूजन आती है, तो इसे टीबी संक्रमण का संकेत माना जाता है।
राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) के तहत भारत सरकार के मिशन को आगे बढ़ाते हुए जेएनएमसी में ‘सीवाई-टीबी’ टेस्ट की शुरुआत एएमयू की ओर से जनस्वास्थ्य नवाचार और समय रहते उपचार की दिशा में एक बड़ी पहल है। लेटेंट टीबी के मामलों की पहचान से संक्रमण की श्रृंखला को तोड़ने और उच्च जोखिम वाले लोगों की रक्षा करने में मदद मिलेगी।
जेएनएमसी की टीम ने पात्र मरीजों से आग्रह किया है कि वे इस अत्याधुनिक और निःशुल्क जांच सुविधा का लाभ उठाएँ, जिससे टीबी उन्मूलन की दिशा में एएमयू का योगदान और भी प्रभावी हो सके।
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