Friday, May 12, 2023

AMU VC Prof Mohd Gulrez addressing the seminar at dept of Urdu

Guest and faculty members with students during the international conference at dept of Urdu 

उर्दू विभाग के शताब्दी समारोह पर तीन दिवसीय संगोष्ठी संपन्न

        उर्दू सिर्फ एक भाषा नहीं बल्कि एक सभ्यता और संस्कृति बन गई हैजिसका एक सुंदर इतिहास और एक मजबूत परंपरा हैजिसे बनाने में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के उर्दू विभाग ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यह शब्द अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के उर्दू विभाग के शताब्दी समारोह में वक्ताओं द्वारा कहे गए थे।

तीन दिनों तक चली तकनीकी बैठक में विद्वानों एवं लेखकों ने उर्दू विभाग की शताब्दी सेवाओं की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय के भाषा और विकास में उर्दू विभाग की भूमिका साहित्य और सभ्यता और संस्कृति को भुलाया नहीं जा सकता।

उर्दू विभाग के अध्यक्ष प्रो. मोहम्मद अली जौहर ने कहा कि अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय का उर्दू विभाग एक ऐसा विभाग है जिसका अपनी अकादमिक और साहित्यिक सेवाओं के कारण विश्व में विशिष्ट स्थान है। इसने हर युग में नवप्रवर्तन का पक्ष लिया और नई शुरुआत की रास्तेइस क्षेत्र ने उर्दू को ऐसे रचनाकारकलाकारकथाकारउपन्यासकार और कवि दिए। इसी तरह आलोचना और शोध में भी इस विभाग ने भी महत्वपूर्ण कार्य किया है।

इस अवसर पर ऑनलाइन गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें कई महत्वपूर्ण हस्तियों ने भाग लिया और शोधपत्र प्रस्तुत किए। विभिन्न तकनीकी बैठकों में उर्दू विभाग और साहित्य की विधाओं जैसे नाटककथाउपन्यासकवितानिबंधस्केच के अलावा भाषा विज्ञानसैद्धांतिक और व्यावहारिक आलोचनारूमानियतप्रगतिवादआधुनिकतावादउत्तर-आधुनिकतावादनव-जनसंख्या और उत्तर-नव-जनसंख्या आलोचना और उर्दू विभाग के सौंदर्यशास्त्र में शिक्षकों और छात्रों की सेवाओं की विस्तार से समीक्षा की गई। महिला शिक्षकों की शैक्षणिक और साहित्यिक उपलब्धियों पर भी चर्चा की गई।

आले अहमद सुरूर की आलोचनाउनकी शायरी और आंदोलनों और विचारों के प्रति प्रतिबद्धताखलीलुर्रहमान आजमीमोइन अहसान जज़बीअशुफता चिंगीजीअसद बदायुनी और शहरयार की काव्य महानता पर विशेष चर्चा हुई।

प्रो. सगीर इफ्राहिमप्रो. ख्वाजा इकरामुद्दीनप्रो. अनवर पाशाप्रो. कौसर मझारीप्रो. इमरान अंदालिबप्रो. नदीम अहमदप्रो. मुहम्मद अली जौहरप्रो. सैयद सिराजुद्दीन अजमलीडॉ. इम्तियाज अहमदडॉ. सुल्तान अहमदडॉ. आफताब आलम नजमीडॉ. उमर रजाडॉ. मोईद रहमानडॉ. मोईद रशीदीडॉ. मुहम्मद शारिकडॉ. मामून रशीदप्रो. अबू बकर इबादप्रो. मुहम्मद काजिमडॉ. गजाला फातिमाडॉ. हुमैरा अफरीदीडॉ. अफसाना खातूनडॉ. मुहम्मद कैफ फरशुरीडॉ. खालिक उज्जमानडॉ. शाहब उद्दीन. डॉ. सरफराज खालिदडॉ. हामिद रजा सिद्दीकीडॉ. मुहम्मद हनीफमुहम्मद ताहिरयासरा सोहेलअदीबा सिद्दीकीराशिद कादरीडॉ. नाजिया संबल आदि ने अपने लेख प्रस्तुत किए।

तीन दिवसीय बैठक के तकनीकी सत्र की अध्यक्षता उर्दू की प्रमुख हस्तियों प्रो. खालिद महमूदप्रो. ख्वाजा इकरामप्रो. अनवर पाशाप्रो. शाफे किदवईप्रो. शहाबुद्दीन साकिबप्रो. काजी ओबैदुर रहमान हाशमीप्रो. प्रो गजनफर अली और प्रो तारिक छतारी आदि ने की।

संगोष्ठी संयोजक डॉ. खालिद सैफुल्लाह ने सभी प्रतिनिधियोंपेपर लेखकों और प्रतिभागियों को धन्यवाद दिया।

शताब्दी समारोह में देश के कोने-कोने से आए प्रतिनिधियों ने भाग लियाजिनमें भारत के महत्वपूर्ण विश्वविद्यालयोंजामिया मिलिया इस्लामियाजवाहरलाल विश्वविद्यालयदिल्ली विश्वविद्यालयबनारस हिंदू विश्वविद्यालयगोरखपुर विश्वविद्यालयआगरा विश्वविद्यालयकोटाराजस्थान विश्वविद्यालय और उर्दू सेवाओं के प्रतिनिधि शामिल थे।

 

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