Monday, October 27, 2025

रजिस्ट्रार ने सतर्कता जागरूकता सप्ताह, 2025 : दिलाई सत्यनिष्ठा की शपथ

 

जामिया मिल्लिया इस्लामिया के रजिस्ट्रार ने सतर्कता जागरूकता सप्ताह, 2025 के उपलक्ष्य में कर्मचारियों को दिलाई सत्यनिष्ठा की शपथ

 Registrar, JMI, administers integrity pledge to employees as part of observance of the Vigilance Awareness Week, 2025



     चूँकि भ्रष्टाचार देश की आर्थिकराजनीतिक और सामाजिक उन्नति में एक बड़ी बाधा हैइसलिए जामिया मिल्लिया इस्लामिया (जामिया मिल्लिया इस्लामिया) के कर्मचारियों ने आज एक सत्यनिष्ठा की शपथ ली जिसका उद्देश्य एक भ्रष्टाचार मुक्त संस्थान और देश का निर्माण करना है। यह शपथ जामिया मिल्लिया इस्लामिया के रजिस्ट्रार प्रो. मोहम्मद महताब आलम रिज़वी ने विश्वविद्यालय के मुख्य प्रशासनिक भवन के लॉन में हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में दिलाई। यह शपथ विश्वविद्यालय में मनाए जा रहे 'सतर्कता जागरूकता सप्ताहके तहत सार्वजनिक जीवन में सत्यनिष्ठा के महत्व पर ज़ोर देने और 'भ्रष्टाचार के विरुद्ध शून्य सहनशीलताकी नीति को लागू करने और लागू करने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता प्रदर्शित करने के लिए दिलाई गई।

 

जामिया मिल्लिया इस्लामिया के शिक्षण संकाय सदस्यों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों ने अन्य बातों के अलावानैतिक व्यावसायिक प्रथाओं को बढ़ावा देने; ईमानदारी एवं सत्यनिष्ठा की संस्कृति को बढ़ावा देनेरिश्वत न देने और न लेनेपारदर्शिताजवाबदेही और निष्पक्षता पर आधारित सुशासन के प्रति प्रतिबद्धताव्यवसाय संचालन में प्रासंगिक कानूनोंनियमों और अनुपालन तंत्रों का पालनसभी कर्मचारियों के लिए आचार संहिता अपनानेकर्मचारियों को उनके कर्तव्यों के ईमानदारी से निर्वहन के लिए उनके कार्य से संबंधित कानूनों और विनियमों के प्रति संवेदनशील बनानाशिकायतों और धोखाधड़ी गतिविधियों की सूचना देने के लिए शिकायत निवारण और व्हिसल ब्लोअर तंत्र प्रदान करना और हितधारकों तथा समग्र समाज के अधिकारों और हितों की रक्षा करने की शपथ ली ।

 केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी)सार्वजनिक जीवन में ईमानदारी को बढ़ावा देने और भ्रष्टाचार मुक्त समाज के निर्माण के अपने प्रयासों के तहतहर साल सतर्कता जागरूकता सप्ताह मनाता है।

ASHFAQ ULLAH KHAN & BAHADUR SHAH ZAFAR MEMORIAL LECTURE

 بہادر شاہ ظفر اور شہید اشفاق اللہ خاں کو خراجِ عقیدت پیش کیا گی


.....بہادر شاہ ظفر اور شہید اشفاق اللہ

انسانیت فاؤنڈیشن کے بینر تلے تاریخ کی دو عظیم شخصیات کو انکی ٢٥٠ویں اور ١٢٥ویں یومِ ولادت پرخراجِ عقیدت پیش کیا گیا جس میں جناب شمیم خان (آئی اے ایس) ، جناب ڈاکٹر راحت ابرار(مصنف)، جناب بہار برقی(ایڈوکیٹ سپریم کورٹ ) ،جناب ڈاکٹر منظر جمال صدیقی اور جناب محمد حامد صاحب نے اپنے اپنے عالمانہ انداز میں انکی غظیم قربانیوں کو یاد کرتے ہوئے حاضرینِ محفل کو بھی تھوڑی بہت قربانیوں کے لیے تیار رہنے کے لیے کہا. میزبان راحت سلطان اسرائیلی نے ملک کے موجودہ حالات کے مد نظر ملک میں تمام مظلوم ایس سی ایس ٹی او بی سی اور دیگر مظلوم اقلیتوں سے اتحاد پر زور دیا. اظہارِ تشکر پر خطاب کرتے ہوئےانسانیت فاؤنڈیشن کے نائب صدر جناب محمد رئیس صاحب نے اوقاف کے معاملات سے نبٹنے کے طریقے سمجھائے ڈاکٹر محد ہاشم صاحب اور کمانڈنٹ عمران خان نے بہادر شاہ ظفر کی غزلوں سے سامعین کا دل جیت لی


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Sunday, October 26, 2025

एएमयू में ड्रोन टेक्नोलॉजी के उभरते उपयोगों पर कार्यक्रम का आयोजन

 


by Dr. Haris Hasan Khan, Prof. Qazi Mazhar Ali with student during the Session on                                                Emerging Applications of Drone Technology

एएमयू में ड्रोन टेक्नोलॉजी के उभरते उपयोगों पर कार्यक्रम का आयोजन 


अलीगढ़, 25 अक्तूबरः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के इंटरडिसिप्लिनरी विभागरिमोट सेंसिंग एंड जीआईएस एप्लीकेशन्स विभाग ने इमर्जिंग ऐपलीकेशंस आॅफ ड्रोन टेक्नालोजी विद फिजिकल डेमोंस्ट्रेशन” विषय पर एक ज्ञानवर्धक सत्र का आयोजन किया। यह कार्यक्रम इंडियन सोसाइटी ऑफ रिमोट सेंसिंग (आईएसआरएस)अलीगढ़ चैप्टर के बैनर तले आयोजित किया गया।

सत्र का उद्घाटन करते हुए प्रो. अकरम जावेदसचिवआईएसआरएस अलीगढ़ चैप्टर ने प्रतिभागियों का स्वागत किया और कार्यक्रम का परिचय कराया।

मुख्य वक्ता डॉ. हारिस हसन खानअध्यक्षरिमोट सेंसिंग एंड जीआईएस एप्लीकेशन्स विभाग ने मानवरहित हवाई यान (यूएवी) अथवा ड्रोन तकनीक की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए बताया कि यह आधुनिक जियोस्पेशियल डेटा अधिग्रहणपर्यावरण निगरानीप्रिसिशन कृषिआपदा प्रबंधनशहरी नियोजन और अवसंरचना मूल्यांकन के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन ला रही है।

उन्होंने बताया कि किस प्रकार से ड्रोन तकनीक उच्च-रिजॉल्यूशन इमेजिंगत्वरित मानचित्रण तथा वास्तविक समय विश्लेषण के माध्यम से पृथ्वी अवलोकन और स्थानिक डेटा संग्रहण में नई दिशा प्रदान कर रही है।

डॉ. खान ने ड्रोन संचालन से जुड़े विनियामक पहलुओंसुरक्षा मानकों और रिमोट सेंसिंग व जीआईएस प्लेटफॉर्म्स के साथ डेटा एकीकरण पर भी चर्चा की। उन्होंने विद्यार्थियों को इस उभरते क्षेत्र में अनुसंधान और नवाचार के लिए प्रेरित किया।

सत्र के दौरान ड्रोन संचालन का लाइव डेमोंस्ट्रेशन भी प्रस्तुत किया गयाजिसमें उड़ान योजनाहवाई डेटा संग्रह और पोस्ट-प्रोसेसिंग की कार्यप्रणाली को प्रदर्शित किया गया। विद्यार्थियों और शिक्षकों ने मानचित्रणभू-आकृति मॉडलिंग और वनस्पति विश्लेषण में ड्रोन के व्यावहारिक उपयोग को प्रत्यक्ष रूप से देखा।

समापन भाषण में प्रो. काजी मजहर अलीअध्यक्षआईएसआरएस अलीगढ़ चैप्टर ने कहा कि जियोस्पेशियल साइंसेज में ड्रोन एक उभरती और परिवर्तनकारी तकनीक के रूप में तेजी से महत्व प्राप्त कर रहे हैं। उन्होंने विभाग द्वारा विद्यार्थियों और शोधकर्ताओं में व्यावहारिक शिक्षण और तकनीकी जागरूकता को बढ़ावा देने के प्रयासों की सराहना की।

डॉ. रिजवान अहमद ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया।

Sir Syed Ahmad Khan : 208th Birth Anniversary commemoration meeting

                       


Prof Naima Khatoon with Justice Abdul Shahid and Dr. S. Somanath leaving in                                     Shahi Buggi for university park


Prof Naima Khatoonk with Justice Abdul Shahid and Dr. S. Somanath, Ms. Milee Ashwarya with Riding squad


                                          Milee Ashwarya addressing the Sir Syed Ahmad Khan                                                                          208th Birth Anniversary commemoration meeting



Prof Naima Khatoon Launching the Aligarh Institute Gazette at Sir Syed Academy

मानद अतिथि इसरो के पूर्व अध्यक्ष और चाणक्य विश्वविद्यालयबेंगलुरु के चांसलर डॉ. एस. सोमनाथ ने अपने सम्बोधन में सर सैयद के दृष्टिकोण की सराहना कीजिसमें उन्होंने विश्वास के साथ तर्क और आधुनिक विज्ञान के साथ नैतिक मूल्यों को जोड़कर समाज निर्माण की दिशा में शिक्षा को एक महत्वपूर्ण साधन बताया। उन्होंने कहा कि ज्ञान की खोजचाहे विज्ञान के माध्यम से हो या आध्यात्मिक चिंतन के माध्यम सेजिज्ञासासहयोग और नैतिक उद्देश्य की प्राप्ति की यात्रा है।

विशेष अतिथिपेंगुइन रैंडम हाउस की वरिष्ठ उपाध्यक्ष और प्रकाशकमिलि ऐश्वर्या ने सर सैयद के ज्ञानसमावेशिता और शिक्षा के माध्यम से सशक्तिकरण के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि वे अपनी जड़ों से जुड़े रहें और उच्च लक्ष्य निर्धारित करें। उन्होंने धैर्यपरिश्रम और निरंतर प्रयास को महानता की कुंजी बताया।

कुलपति प्रो. नइमा खातून ने अपने अध्यक्षीय सम्बोधन में सर सैयद को विचारों का आर्किटेक्टसमाज सुधारक और जनता के लिए दीपक स्वरुप शिक्षक” बताया। उन्होंने एएमयू की हालिया उपलब्धियोंजैसे एनआईआरएफ में शीर्ष-10 रैंकभारत की जियोस्पेशियल मिशन में योगदान के लिए बेस्ट यूनिवर्सिटी अवॉर्ड, 6.5 मेगावाट सौर ऊर्जा विस्तार और 5 करोड़ डीएसटी-टीबीआई अनुदान के साथ एएमयू इनोवेशन फाउंडेशन का शुभारंभका उल्लेख किया। कुलपति ने छात्रों से ज्ञान का जिम्मेदारीपूर्वक उपयोग कर समाज हित में तकनीककोड और प्रगति के निर्माण का आह्वान किया।

इस अवसर पर बैलिओल कॉलेजऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के प्रो. फैसल देवजीऔर शाहीन समूह संस्थान के अध्यक्षडॉ. अब्दुल कादिर को क्रमशः अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय सर सैयद उत्कृष्टता पुरस्कार प्रदान किए गए। पुरस्कार विजेताओं ने सर सैयद की शिक्षा और सुधार की दृष्टि के महत्व पर अपने विचार साझा किए। प्रो. फैसल देवजी ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि उनका प्रारंभिक शोध कार्य अलीगढ़ आंदोलन पर आधारित था और यह आंदोलनजिसने अखिल भारतीय मुस्लिम समुदाय की भावना को जन्म दियाआज भी आधुनिक भारतीय इतिहास की उनकी समझ को दिशा प्रदान करता है।

डॉ. अब्दुल कादिर ने सर सैयद से प्रेरित शैक्षिक आंदोलन पर विचार व्यक्त करते हुए शाहीन स्कूलों के माध्यम से धार्मिक और आधुनिक शिक्षा के एकीकरण तथा बच्चों के लिए ध्यानमुक्त आवासीय शिक्षण वातावरण तैयार करने के प्रयासों को रेखांकित किया। उन्होंने नई पीढ़ी को संवारने और इस शैक्षिक आंदोलन को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विस्तार देने की आवश्यकता पर बल दिया।

कार्यक्रम में छात्रों जैनब फायजा इस्लाम और अबू मआज के भाषणों के साथ प्रो. फेजा तबस्सुम आजमी और प्रो. मोहम्मद कमरुल हुदा फरीदी के सम्बोधन भी हुएजिनमें उन्होंने सर सैयद के शिक्षासामाजिक सुधार और बौद्धिक जागृति में योगदान पर प्रकाश डाला।

सर सैयद अहमद खान और अलीगढ़ आंदोलनः भारत में धर्मनिरपेक्ष शिक्षा के प्रति एक तार्किक दृष्टिकोण” विषय पर आयोजित अखिल भारतीय निबंध लेखन प्रतियोगिता के विजेताओं को कुलपति प्रो. नइमा खातून और प्रो-वाईस चांसलर प्रो. मोहम्मद मोहसिन खान ने पुरस्कार और प्रमाणपत्र प्रदान किए।

अंग्रेजी वर्ग में प्रथम पुरस्कार तूबा शम्सी (बी.ए.जामिया मिल्लिया इस्लामियानई दिल्ली) कोद्वितीय पुरस्कार स्तुति नारायण (बी.ए.एलएल.बी.नलसार यूनिवर्सिटी ऑफ लॉहैदराबाद) कोऔर तृतीय पुरस्कार यानिस इकबाल (बी.ए.अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय) को मिला।

उर्दू वर्ग में प्रथम पुरस्कार ताहिर हुसैन (पीएच.डी.)द्वितीय आफरीन रजा (पीएच.डी.) और तृतीय अबू दाऊद (बी.ए.) को मिला।

हिंदी वर्ग में प्रथम पुरस्कार मोहम्मद सुहैब (बी.ए.एलएल.बी.)द्वितीय आजरम फातिमा सिद्दीकी (बी.कॉम.) और तृतीय सलमा अशफा (पीएच.डी.) को मिला। उर्दू और हिंदी वर्ग के सभी विजेता अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्र हैं।

सर सैयद दिवस समारोह की शुरुआत विश्वविद्यालय मस्जिद में कुरआन ख्वानी से हुईजिसके बाद सर सैयद के मजार पर चादरपोशी की गई। कुलपति प्रो. नइमा खातून ने विशिष्ट अतिथियों और शिक्षकों के साथ मिलकर सर सैयद अकादमी और मौलाना आजाद पुस्तकालय द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित प्रदर्शनी का उद्घाटन कियाजिसमें सर सैयद की रचनाएँ और उन पर आधारित पुस्तकें प्रदर्शित की गईं। इस अवसर पर अलीगढ़ इंस्टिट्यूट गजट के डिजिटल आर्काइव्स” का भी शुभारंभ किया गया।

कार्यक्रम में स्वागत भाषण एएमयू रजिस्ट्रारप्रो. आसिम जफर ने प्रस्तुत कियाजबकि धन्यवाद ज्ञापन प्रो. रफीउद्दीनडीनछात्र कल्याणने प्रस्तुत किया। संचालन डॉ. शारिक अकील और डॉ. फायजा अब्बासी ने किया।

कार्यक्रम का समापन विश्वविद्यालय तराना और राष्ट्रगान के साथ हुआ।

सर सैयद दिवस के उत्सवों का समापन आज विश्वविद्यालय के विभिन्न आवासीय हॉलों में आयोजित पारंपरिक डिनर के साथ होगाजिसमें वरिष्ठ अधिकारी और प्रतिष्ठित पूर्व छात्र शामिल होंगे।

 

Saturday, October 18, 2025

AMU Commemorates 208th Birth Anniversary of Sir Syed Ahmad Khan

 


atSir Syed Ahmad Khan Mazhar during his 208th Birth Anniversar

AMU Commemorates 208th Birth Anniversary of Sir Syed Ahmad Khan with Solemn Tributes and Inspiring Addresse


Prof Naima Khatoonk and Prof Mohsin Khan presenting the memento to Abdul Shahid


Dr. S. Somanath addressing the Sir Syed Ahmad Khan 208th Birth Anniversary commemoration meeting


ALIGARH, October 17: “May the light kindled by Sir Syed Ahmad Khan continue to guide our path, inspire our minds, and remind us that one enlightened man can change the destiny of millions,” said Hon’ble Mr. Justice Abdul Shahid, Judge, Allahabad High Court, while addressing students and faculty members as the Chief Guest at the Sir Syed Day Commemorative Function. Reflecting on his own 41-year journey since joining AMU, Justice Shahid highlighted the transformative power of education, perseverance, and moral purpose in realizing one’s dreams.

He emphasized Sir Syed’s enduring message that “the first requisite for the progress of a nation is brotherhood and unity among sections of society,” and that “ignorance is the mother of poverty, and education is the only solution.” Urging students to remain committed to their ambitions, he advised them to learn continuously, practice de-learning of harmful habits, and treat discouragement as a source of motivation. Justice Shahid also drew parallels between the legacy of Sir Syed and his son, Justice Syed Mehmood, highlighting their contributions to the judiciary and nation-building, and encouraged students to uphold the same principles of integrity, dedication, and resilience in their own lives.

Delivering the Guest of Honour’s address, Dr. S. Somanath, Former Chairman, ISRO and Chancellor, Chanakya University, Bengaluru, lauded Sir Syed’s visionary approach that combined faith with reason and modern science with moral values. He said that Sir Syed’s vision of creating a scientifically oriented society, where education serves as a key for moral and national regeneration, remains highly relevant today.

Dr. Somanath highlighted that the pursuit of knowledge, whether through science or spiritual reflection, is a journey of curiosity, collaboration, and moral purpose. He emphasized that emerging technologies, ranging from space exploration and genomics to artificial intelligence, offer unprecedented opportunities for societal transformation. He urged students to harness scientific skill and ethical awareness for nation-building.

He remarked that AMU students and faculty have already contributed to scientific collaborations and missions, reinforcing the University’s role in shaping capable leaders, technologists, and innovators.

Dr. Somanath concluded by underlining the importance of uniting scientific inquiry with conscience, advocating that “true modernity means widening the circle of knowledge without losing the centre of conscience,” and encouraged young minds to continue Sir Syed’s legacy of education as a force against ignorance.

The Special Guest, Ms. Milee Ashwarya, Senior Vice President and Publisher, Penguin Random House, spoke about the continuing relevance of Sir Syed’s emphasis on knowledge, inclusivity, and empowerment through education. She remarked that freedom of expression, openness, and respect for diversity are essential values for today’s youth. She encouraged students to remain rooted to their origins while aiming high, stressing that patience, perseverance, and consistent effort in daily life are keys to greatness.

In her presidential remarks, Vice-Chancellor Prof Naima Khatoon lauded Sir Syed’s vision, calling him “the dreamer who became an architect of ideas, the believer who became a reformer of society, and the teacher who became a torchbearer for the masses.” She emphasized that AMU stands today as a living continuation of Sir Syed’s ideals, where reason accompanies faith, tolerance guides learning, and education transforms society.

Prof Khatoon highlighted the University’s recent achievements, including securing a top-10 NIRF rank, the Best University Award for contributions to India’s Geospatial Mission, the expansion of solar power capacity to 6.5 megawatts, and the launch of the AMU Innovation Foundation with a ₹5-crore DST-TBI grant supporting start-ups in AI, healthcare, and space technology. She also noted AMU’s global collaborations through MoUs with the University of York (UK), Università degli Studi di Genova (Italy), Universitas Gadjah Mada (Indonesia), University Teknologi Brunei Darussalam, and industry-linked partnerships with Novo Nordisk India and AstraZeneca.

The Vice-Chancellor underlined AMU’s role in nurturing research, innovation, and ethical leadership among students, and called upon them to harness knowledge responsibly to design technologies that heal, codes that include, and progress that benefits society. She emphasized that Sir Syed’s legacy inspires the University’s initiatives, from All India Essay Writing Competitions to the Sir Syed Excellence Awards, and reinforced the institution’s commitment to “Education with Integrity, Research with Responsibility, and Innovation with Inclusion” as the foundation of its contribution to Viksit Bharat 2047.

Prof Khatoon concluded with a heartfelt appeal: “Our founder’s most incredible creation was not a college but a conscience. I pray to Allah that Aligarh Muslim University forever remains the conscience of modern India: where the mind is rigorous, the heart compassionate, and the soul at peace.”

The Sir Syed Excellence Awards (International and National) were conferred upon Prof Faisal Devji, Balliol College, University of Oxford, and Dr Abdul Qadeer, Chairman of the Shaheen Group of Institutions, respectively.

Prof Faisal Devji expressed his gratitude, saying that his earliest research was on the Aligarh movement, and that the movement’s creation of a pan-Indian Muslim community continues to inform his understanding of modern Indian history.

Dr Abdul Qadeer reflected on the educational movement inspired by Sir Syed, highlighting the integration of religious and modern education through Shaheen schools and the efforts to create distraction-free residential learning environments for children. He emphasized the importance of nurturing the next generation and expanding this educational movement nationally and internationally.

The event also featured student speeches by Zainab Faiza Islam and Abu Maaz, and faculty addresses by Prof Feza Tabassum Azmi and Prof Mohammad Qamrul Huda Faridi, who spoke on Sir Syed’s contributions to education, social reform, and intellectual awakening.

Winners of the All India Essay Writing Competition on "Sir Syed Ahmad Khan and the Aligarh Movement: A Rational Approach to Secular Education in India" were felicitated with cash prizes and certificates by Vice Chancellor Prof Naima Khatoon and Pro-Vice Chancellor Prof M. Mohsin Khan.

In English, the first prize went to Tuba Shamsi (BA, Jamia Millia Islamia, New Delhi), second to Stuti Narayan (BALLB, NALSAR University of Law, Hyderabad), and third to Yanis Iqbal (BA, Aligarh Muslim University). In Urdu, the first prize went to Tahir Hussain (Ph.D.), second to Afreen Raza (Ph.D.), and third to Abu Daud (BA). In Hindi, Mohammad Suhaib (BALLB) was awarded first prize, Azram Fatima Siddiqui (B.Com.) received second, and Salma Ashfa (Ph.D.) secured third. All winners in the Urdu and Hindi categories are from Aligarh Muslim University.

Earlier in the morning, the day began with Qur’an Khwani at the University Mosque, followed by Chadarposhi at Sir Syed’s Mazaar. The Vice-Chancellor, along with distinguished guests and faculty members, inaugurated an exhibition on Sir Syed’s writings and books, jointly organized by the Sir Syed Academy and the Maulana Azad Library, and released a series of newly published works on Sir Syed’s life and thought, that also included the launch of “Digital Archives of the Aligarh Institute Gazette.”

Prof Aasim Zafar, Registrar, AMU, delivered the Welcome Address, while Prof Rafiuddin, Dean, Students’ Welfare, proposed the Vote of Thanks. The programme was conducted by Dr Shariq Aqeel and Dr Faiza Abbasi. The event concluded with the University Tarana followed by the National Anthem.

The Sir Syed Day celebrations will culminate with a traditional gala dinner today at the various halls of residence, attended by eminent guests, including senior officials and distinguished alumni.

Thursday, October 16, 2025

Malaviya Mission Teacher Training Centre (MMTTC) in JMI

 

मालवीय मिशन शिक्षक प्रशिक्षण केंद्र (एमएमटीटीसी)जामिया मिल्लिया इस्लामिया ने 14 अक्टूबर, 2025 को अपना 39वां 8-दिवसीय ऑनलाइन एनईपी-2020 ओरिएंटेशन एवं सेंसिटाइजेशन कार्यक्रम किया संपन्न

  

मालवीय मिशन शिक्षक प्रशिक्षण केंद्र (एमएमटीटीसी)जामिया मिल्लिया इस्लामिया (जेएमआई) ने 6 से 14 अक्टूबर 2025 तक आयोजित अपने 39वें 8-दिवसीय ऑनलाइन एनईपी ओरिएंटेशन एवं सेंसिटाइजेशन कार्यक्रम का सफलतापूर्वक समापन किया। इस कार्यक्रम में पूरे भारत के 18 राज्यों और 15 विषयों के 137 संकाय सदस्यों और शोध छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।

 

एमएमटीटीसी की मानद निदेशक प्रो. कुलविंदर कौर ने अपने स्वागत भाषण में एनईपी 2020 के परिवर्तनकारी दृष्टिकोण- एक समग्रकौशल-उन्मुख और आजीवन अधिगम पर आधारित शिक्षा प्रणाली का निर्माण- पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम का समन्वयन जेएमआई के वाणिज्य एवं व्यवसाय अध्ययन विभाग के प्रो. मोहम्मद कमालुन नबी ने किया।

 

सत्र की शुरुआत एनसीईआरटी के पूर्व निदेशक प्रो. ऋषिकेश सेनापति द्वारा "समग्र और बहु-विषयक शिक्षा" पर एक व्याख्यान के साथ हुई। उन्होंने शिक्षार्थियों में आलोचनात्मक सोचरचनात्मकता और समस्या-समाधान कौशल को बढ़ावा देने की दिशा में रटने की शिक्षा से आगे बढ़ने की तत्काल आवश्यकता पर बल दिया। दिल्ली विश्वविद्यालय के एसजीटीबी खालसा कॉलेज के प्रो. बिभु पी. साहू ने "अनुसंधान और विकास" पर विस्तार से चर्चा कीऔर उच्च शिक्षा में शिक्षण और अधिगम के लिए नैतिक अनुसंधान प्रथाओं को एकीकृत करने और एक जांच-संचालित दृष्टिकोण को बढ़ावा देने के महत्व पर प्रकाश डाला। इसके बादजेएमआई के कंप्यूटर विज्ञान विभाग के प्रो. मनसफ़ आलम ने "एनईपी 2020 के अनुसार शिक्षण और अनुसंधान में एआई-आधारित आईसीटी अनुप्रयोग" पर एक सत्र आयोजित कियाजिसमें प्रतिभागियों को प्रौद्योगिकी-सक्षम शैक्षणिक उपकरणों से परिचित कराया गया।

 

सांस्कृतिक और औद्योगिक संबंधों पर सत्र में एएमयू के शिक्षा विभाग के प्रो. साजिद जमाल ने "भारतीय ज्ञान प्रणालियों" पर बात कीऔर जेएमआई के प्रबंधन अध्ययन विभाग के प्रो. नौशादुल हक मलिक ने "रोजगार क्षमता और कौशल विकास को बढ़ाने के लिए उद्योग-अकादमिक सहयोग को मजबूत करना" पर चर्चा की।

 

इसके अलावाहरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय के प्रबंधन अध्ययन विभाग की प्रमुख प्रो. सुनीता तंवर ने "उच्च शिक्षा में कौशल विकास और नवाचार के माध्यम से उद्यमिता को बढ़ावा देना" पर एक ज्ञानवर्धक सत्र दियाजिसमें छात्रों के बीच उद्यमशीलता की मानसिकता और नवाचार-संचालित शिक्षा को विकसित करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला गया। एएमयू के बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन विभाग के प्रोफेसर मोहम्मद खालिद आजम ने "छात्र विविधता और समावेशी शिक्षा" पर अपने दृष्टिकोण साझा किएजिसमें समान पहुंचसमावेशी शिक्षाशास्त्र और सभी शिक्षार्थियों के लिए सहायक शिक्षण वातावरण के निर्माण पर जोर दिया गया।

झारखंड के विनोबा भावे विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. चंद्र भूषण शर्मा और रेवेनशॉ विश्वविद्यालय के शिक्षा संकाय के डीन प्रो. सुदर्शन मिश्रा सहित प्रतिष्ठित शिक्षाविदों ने "एनईपी 2020 की व्याख्या" और "उच्च शिक्षा और समाज" पर विचारोत्तेजक सत्र प्रस्तुत किए। उनके विचार-विमर्श ने एक समतामूलकप्रगतिशील और सामाजिक रूप से उत्तरदायी उच्च शिक्षा परिदृश्य को आकार देने में शैक्षिक सुधारों की परिवर्तनकारी क्षमता को रेखांकित किया।

 

दिल्ली विश्वविद्यालय के समाज कार्य विभाग की प्रो. अर्चना कौशिक ने "समग्रअंतःविषयक और बहु-विषयक शिक्षा" में भावनात्मक बुद्धिमत्तासहानुभूति और सामाजिक उत्तरदायित्व की भूमिका पर ज़ोर दिया। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के व्यवसाय प्रशासन विभाग के प्रो. परवेज़ तालिब ने "शैक्षणिक नेतृत्वशासन और प्रबंधन" पर अपने आकर्षक सत्र के माध्यम से चर्चा को और समृद्ध कियाजिसमें संस्थागत उत्कृष्टता को बढ़ावा देने में दूरदर्शी नेतृत्व और प्रभावी शासन के महत्व पर प्रकाश डाला गया।

 

श्री माता वैष्णो देवी विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ बिज़नेस के प्रो. सुपरण कुमार शर्मा ने "योग्यता-आधारितअनुभवात्मक और परिणाम-उन्मुख शिक्षा" पर एक ज्ञानवर्धक सत्र दियाजिसमें शैक्षणिक ढाँचों को वास्तविक दुनिया के कौशल और मापन योग्य परिणामों के साथ संरेखित करने के महत्व पर बल दिया गया। उनके बाद जामिया हमदर्द के प्रबंधन अध्ययन विभाग के प्रो. मोहम्मद शाहनवाज़ आब्दीन ने "अकादमिक-उद्योग सहयोग और करियर की तैयारी के बदलते प्रतिमान" पर बात कीजिसमें छात्रों को भविष्य में रोज़गार और पेशेवर उत्कृष्टता के लिए तैयार करने में शिक्षा और उद्योग के बीच विकसित हो रही गतिशीलता पर प्रकाश डाला गया।

 

हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के पूर्व विभागाध्यक्ष और डीनप्रो. मनोज कुमार सक्सेना ने "प्लेगियरिज्म की समझ: छात्रों और शिक्षकों की सुरक्षा के लिए रणनीतियाँ" पर एक ज्ञानवर्धक सत्र दियाजिसमें शोध और शिक्षण में शैक्षणिक अखंडतानैतिक विद्वता और मौलिकता के महत्व पर बल दिया गया। जामिया मिल्लिया इस्लामिया के पश्चिम एशियाई अध्ययन केंद्र के प्रोफेसर और एचआरडीसी के पूर्व निदेशकप्रो. अनीसुर रहमान ने "छात्र विविधता और समावेशी शिक्षा" विषय पर अपने व्याख्यान के साथ विषयगत सत्रों का समापन किया। उन्होंने एक जीवंत शैक्षणिक वातावरण के आवश्यक स्तंभों के रूप में सहानुभूतिसमानता और समावेशिता के मूल्यों पर ज़ोर दिया।

 

मूल्यांकन के बादप्रतिभागियों को अपने अनुभवों को समेकित करनेअंतर्दृष्टि का आदान-प्रदान करने और रचनात्मक प्रतिक्रिया साझा करने का अवसर मिला। कार्यक्रम का समापन शिक्षणअनुसंधान और नवाचार में उत्कृष्टता के माध्यम से राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने की सामूहिक प्रतिबद्धता के साथ हुआ। प्रतिभागियों ने समृद्ध शैक्षणिक गतिविधियों के लिए गहरी प्रशंसा व्यक्त की और सार्थक संवादसहयोग और व्यावसायिक विकास को बढ़ावा देने वाले एक प्रेरक मंच प्रदान करने के लिए एमएमटीटीसीजामिया मिल्लिया इस्लामिया की सराहना की।

Monday, October 13, 2025

JMI Emerges as Highest-Ranked Central University in India

  


JMI Emerges as Highest-Ranked Central University in India and Third Among All Indian Institutions in THE World University Rankings 2026; Advances to 401–500 Band

Jamia Millia Islamia (JMI) has emerged as the highest-ranked Central University and the third-highest-ranked institution in India, achieving a position in the 401–500 band in the Times Higher Education (THE) World University Rankings 2026, announced on October 9, 2025.

In a spectacular show of its research and teaching excellence, JMI has improved its standing, moving up from the 501–600 band last year to the 401–500 band in the 22nd edition of the THE World University Rankings featuring 2,191 universities from 115 countries and territories. JMI has been ranked third across the country, next only to the Indian Institute of Science (IISc), Bangalore, which stood first, followed by the Saveetha Institute of Medical and Technical Sciences, Chennai. This makes JMI the only Central University in India to be placed in the coveted 401-500 band of the international ranking.

Elated at the rankings, JMI Vice Chancellor Prof. Mazhar Asif and Registrar Prof. Md. Mahtab Alam Rizvi congratulated the entire JMI fraternity and especially the IQAC team on the remarkable achievement. They said, “This impressive performance is a testament to the hard work, dedication, and collective efforts of our faculty, students, researchers, alumni, non-teaching staff, and our robust industry-academia linkages, all of which have contributed immensely to academic excellence, internationalization, and our visible global relevance.” They added, “JMI’s focus on cutting-edge research, interdisciplinary pedagogy, and global collaboration is yielding concrete outcomes. We are confident that JMI will continue to progress and break into the top 200 band in the near future.”

Extending commendation and appreciation on this spectacular performance, Prof. Asif and Prof. Rizvi further said, "JMI has undertaken continuous and sustained efforts to strengthen its teaching and research profile through enhanced faculty development and research training programs, increased resource allocation, and cultivating an academic environment where excellence in research is valued."  "JMI’s performance in the National Institutional Ranking Framework (NIRF) India Ranking 2025 released in September 2025 was equally outstanding and further testifies to our concerted efforts in improving and enhancing our research and teaching quality. The university remains steadfast in its commitment to continuing this journey of scholarly distinction and intellectual rigor, aligned with India’s vision of creating world-class universities,” they added.

In the THE World University Rankings 2026, institutions have been ranked on the basis of 18 performance indicators across five areas—teaching, research environment, research quality, international outlook, and industry impact.

जामिया मिल्लिया इस्लामिया भारत की सर्वोच्च रैंक वाला केंद्रीय विश्वविद्यालय बना

 


जामिया मिल्लिया इस्लामिया भारत की सर्वोच्च रैंक वाला केंद्रीय विश्वविद्यालय बना, और समस्त भारतीय संस्थानों में तीसरे स्थान पर रहा; THE वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2026 में 401–500 बैंड में पहुँचा 

जामिया मिल्लिया इस्लामिया (जेएमआई) ने एक बार फिर अपनी शैक्षणिक उत्कृष्टता का प्रदर्शन करते हुए भारत की सर्वोच्च रैंक प्राप्त केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा हासिल किया है। 9 अक्टूबर 2025 को घोषित टाइम्स हायर एजुकेशन (THE) वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2026 में जेएमआई ने विश्व स्तर पर 401–500 बैंड में स्थान पाया है और देश में तीसरे स्थान पर रही है।

शोध और शिक्षण उत्कृष्टता के अपने शानदार प्रदर्शन के साथ, जेएमआई ने पिछले वर्ष के 501–600 बैंड से आगे बढ़ते हुए इस वर्ष 401–500 बैंड में प्रवेश किया है। THE वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग के इस 22वें संस्करण में 115 देशों और क्षेत्रों के 2,191 विश्वविद्यालय शामिल हैं। भारत में, जेएमआई से आगे केवल भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc), बेंगलुरु (प्रथम स्थान) और सवीता इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल एंड टेक्निकल साइंसेज़, चेन्नई (द्वितीय स्थान) हैं। यह उपलब्धि जेएमआई को भारत का एकमात्र केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाती है जो अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग के इस प्रतिष्ठित 401–500 बैंड में शामिल हुआ है।

इस शानदार सफलता पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए जेएमआई के कुलपति प्रो. मजहर आसिफ और कुलसचिव प्रो. मोहम्मद महताब आलम रिज़वी ने पूरी जामिया परिवार, विशेष रूप से आईक्यूएसी टीम को हार्दिक बधाई दी। उन्होंने कहा,
“यह उल्लेखनीय प्रदर्शन हमारे शिक्षकों, छात्रों, शोधकर्ताओं, पूर्व छात्रों, गैर-शिक्षण कर्मचारियों और उद्योग-अकादमिक सहयोग के सामूहिक प्रयासों, समर्पण और कड़ी मेहनत का परिणाम है, जिसने जामिया को अकादमिक उत्कृष्टता, अंतरराष्ट्रीयकरण और वैश्विक प्रासंगिकता के उच्च स्तर तक पहुँचाया है।”

उन्होंने आगे कहा,
“अत्याधुनिक शोध, अंतःविषयी शिक्षण और वैश्विक सहयोग पर जेएमआई का ध्यान अब ठोस परिणाम दे रहा है। हमें विश्वास है कि निकट भविष्य में जामिया शीर्ष 200 बैंड में भी स्थान प्राप्त करेगा।”

प्रो. आसिफ और प्रो. रिज़वी ने आगे कहा,
“जामिया ने अपने शिक्षण और शोध प्रोफ़ाइल को सुदृढ़ करने के लिए निरंतर और सतत प्रयास किए हैं, जिनमें फैकल्टी विकास और शोध प्रशिक्षण कार्यक्रमों का विस्तार, संसाधनों का बढ़ा आवंटन और एक ऐसा शैक्षणिक वातावरण विकसित करना शामिल है जहाँ शोध में उत्कृष्टता को सर्वोच्च महत्व दिया जाता है।”

उन्होंने यह भी कहा,
“सितंबर 2025 में जारी राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग रूपरेखा (NIRF) इंडिया रैंकिंग 2025 में जेएमआई का प्रदर्शन भी समान रूप से उत्कृष्ट रहा, जो हमारे शिक्षण और शोध गुणवत्ता को और बेहतर बनाने के निरंतर प्रयासों का प्रमाण है। विश्वविद्यालय विद्वत्तापूर्ण उत्कृष्टता और बौद्धिक कठोरता की इस यात्रा को भारत के विश्व स्तरीय विश्वविद्यालयों के निर्माण के दृष्टिकोण के अनुरूप आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।”

THE वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2026 में संस्थानों को पाँच प्रमुख क्षेत्रों — शिक्षण, शोध परिवेश, शोध गुणवत्ता, अंतरराष्ट्रीय दृष्टिकोण और उद्योग प्रभाव — के अंतर्गत 18 प्रदर्शन संकेतकों के आधार पर रैंक किया गया है।

प्रो. साईमा सईद
मुख्य जनसंपर्क अधिकारी, जामिया मिल्लिया इस्लामिया

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VC and Registrar, JMI, Meet Honourable Chancellor, His Holiness Syedna Mufaddal Saifuddin, in Surat

              


                       जामिया के वीसी और रजिस्ट्रार ने सूरत में माननीय कुलाधिपति परम आदरणीय                                                                     सैयदना मुफ़द्दल सैफ़ुद्दीन से की मुलाकात

जामिया मिल्लिया इस्लामिया (जेएमआई) के कुलपति प्रोफेसर मज़हर आसिफ़ और रजिस्ट्रारप्रोफेसर मोहम्मद महताब आलम रिज़वी ने हाल ही में सूरत में जेएमआई के माननीय चांसलर (अमीर-ए-जामिया) और दुनिया भर में दाऊदी बोहरा समुदाय केलीडरपरम आदरणीय सैयदना मुफ़द्दल सैफ़ुद्दीन से मुलाकात की।

इस मुलाकात में विश्वविद्यालय की प्रगति पर ध्यान केंद्रित किया गया और प्रमुख संस्थागत प्राथमिकताओं पर चर्चा की गई। विश्वविद्यालय के चल रहे विकास और भविष्य की पहलों पर विशेष ध्यान दिया गया। विषयों में एक मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की स्थापनादंत चिकित्सा संकाय में स्नातकोत्तर एमडीएस कार्यक्रमों की शुरुआतआगामी दीक्षांत समारोह की योजना और विश्वविद्यालय में छात्राओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए एक नए गर्ल्स हॉस्टल का निर्माण शामिल था।

परम आदरणीय ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया की शैक्षणिक उत्कृष्टता और राष्ट्रीय प्रगति में योगदान के लिए सराहना की। उन्होंने कुलपति और रजिस्ट्रार को विश्वविद्यालय की भविष्य की सफलता के लिए अपने निरंतर समर्थन और शुभकामनाओं का आश्वासन दिया। प्रतिनिधिमंडल ने परम आदरणीय के बड़े भाईप्रिंस क़ायदजोहर एज़ुद्दीन से भी मुलाकात की।

प्रतिनिधिमंडल ने अलजामिया-तुस-सैफिया अरबी अकादमीसमुदाय के कौशल विकास केंद्रों और महिला सशक्तिकरण पहलों का भी दौरा किया। इन विज़िट ने समुदाय के शिक्षा और सामाजिक कल्याण के समावेशी मॉडल के बारे में बहुमूल्य अंतर्दृष्टि प्रदान कीजो जामिया के शिक्षा को समानतासशक्तिकरण और राष्ट्र निर्माण की एक शक्ति के रूप में देखने के दृष्टिकोण के अनुरूप है।

प्रो. आसिफ़ और प्रो. रिज़वी ने कहा, "माननीय कुलाधिपति के साथ मुलाकात उत्साहजनक और प्रेरणादायक रही और इससे हमें ऐसा मार्गदर्शन मिला जिससे अकादमिक उत्कृष्टता और सामाजिक उत्तरदायित्व के केंद्र के रूप में जामिया मिल्लिया इस्लामिया की भूमिका का विस्तार करने का हमारा संकल्प और मज़बूत हुआ।"

जामिया के कुलाधिपतिजोकि राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर शांतिएकताकरुणा और भाईचारे के अग्रदूत के रूप में विख्यात हैंउनके दूरदर्शी नेतृत्व में प्रो. आसिफ और प्रो. रिज़वी ने सामाजिकआर्थिक और भौगोलिक रूप से हाशिये पर खड़े छात्रों को शिक्षाविकास और राष्ट्र निर्माण के दायरे में लाने के जामिया मिल्लिया इस्लामिया के विजन और मिशन को आगे बढ़ाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।

यह विज़िट कोलाब्रेशन को मजबूत करनेअकादमिक क्षमता को बढ़ाने और विश्वविद्यालय की दूसरी शताब्दी के विकास और राष्ट्र की सेवा के दृष्टिकोण के साथ अपनी पहल को श्रेणीबद्ध करने के लिए जेएमआई के प्रयासों को दर्शाती है।

Prof Naima Khatoon addressing the 63rd foundation day at JN Medical College

Prof Naima Khatoon addressing the foundation day at JN Medical College on dias Prof Shahalam  Khan, Prof Habib Raza, Prof Najam Khalik and Dr Naiyer Asif during                                                                            the 63rd Foundation Day Celebrated
            

                 एएमयू के जेएन मेडीकल कालिज में स्थापना दिवस समारोह आयोजित मुस्लिम यूनिवर्सिटी के जवाहर लाल नेहरू मेडीकल कालिज में उत्साह और गरिमा के साथ कालिज का 63वां स्थापना दिवस समारोह मनाया गया। साथ ही एमबीबीएस 2021 बैच के छात्रों को विदाई भी दी गई। इस अवसर पर मेडीकल कालिज के सभागार में आयोजित एक भव्य कार्यक्रम में छात्रों द्वारा आकर्षक और मनमोहक कार्यक्रम प्रस्तुत किये गये।इसमें कालिज के शिक्षकोंपूर्व शिक्षकों के अलावा विशिष्ट अतिथिगण भी शामिल हुए।

            मुख्य अतिथि कुलपति प्रो. नइमा खातून ने अपने संबोधन में कहा कि जेएन मेडीकल कालिज देश के प्रमुख चिकित्सा संस्थानों में से एक है जिसने न केवल डाक्टर बल्कि समाज के प्रति संवेदनशील नागरिक तैयार किये हैं। उन्होंने कहा कि मेडीकल के छात्र इस संस्था के ब्रांड एम्बेसेडर है जो अन्य उच्च संस्थानों में जाकर एएमयू व जेएन मेडीकल कालिज के नाम को गौरवान्वित करेंगे। प्रो. नइमा ने कहा कि चिकित्सा व्यवसाय सबसे सम्मानजनक व्यवसाय है और चिकित्सक के दो मधुर शब्द रोगी के लिए बहुत ही हीलिंग होते हैं। उन्होंने छात्रों से कहा कि वह एक निष्ठासेवा और मानवता के आदर्शों पर चलें।

मानद् अतिथि एम्स नई दिल्ली के वरिष्ठ आर्थोपैडिक सर्जन और एएमयू के पूर्व छात्र प्रो. शाह आलम खान ने कहा कि जेएन मेडीकल कालिज से शिक्षा प्राप्त चिकित्सक न केवल देश बल्कि विदेशों में भी इस संस्था के नाम को गौरवान्वित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोई भी मरीज चिकित्सक से बहुत सी आशायें लेकर आता है वह उसके बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के साथ मधुर व्यवहार से भी पेश आयें। उन्होंने भावी चिकित्सकों को बड़े सपने देखने की बजाए सुंदर सपने देखने की प्रेरणा दी।

मेडीसिन फैकल्टी के डीन जेएन मेडीकल कालिज प्राचार्य एवं सीएमए प्रो. मोहम्मद हबीब रजा ने कालिज की रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए कहा कि जेएन मेडीकल कालिज की स्थापना 1962 में 40 सीटों के साथ हुई थी और अब सीटों की संख्या बढ़कर 150 तक पहुंच गई है। उन्होंने कहा कि जेएन मेडीकल कालिज जो देश के प्रमुख चिकित्सा संस्थानो ंमें एक है सर सैयद के मिशन को आगे बढ़ा रहा है। उन्होंने कहा कि यहां के शिक्षकों वे छात्रों ने कोरोना जैसी महामारी में समर्पित एवं निष्ठा भाव से रोगियों का उपचार किया। प्रो. रजा ने बताया कि जेएन मेडीकल कालिज में आधुनिक सुविधाओं के साथ रोगियों का उपचार हो रहा है।

कम्यूनिटी मेडीसिन विभाग के प्रो. नजम खलीक ने स्वागत भाषण में कहा कि यह कार्यक्रम जेएन मेडीकल कालिज के इतिहास में एक ऐतिहासिक क्षण है क्योंकि आज स्थापना दिवस के साथ एमबीबीएस 2021 बैच का विदाई समारोह भी मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जेएन मेडीकल कालिज हजारों की संख्या में डाक्टर्स पैदा कर चुका है जो देश भर में सेवा कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जेएन मेडीकल कालिज के शिक्षा के अलावा साहित्यक और सांस्कृतिक क्षेत्र में भी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाते रहे हैं।

आभार आर्थोपैडिक विभाग के प्रो. नैयर आसिफ ने जताया। कार्यक्रम का संचालन प्रो. फात्मा खान और डाक्टर बुशरा सिद्दीकी ने किया। मेडीकल छात्रों की ओर से शाजिया और अब्दुल्लाह फहद ने अपने विचार रखे।

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