Prof Naima Khatoon with Justice Abdul Shahid and Dr. S. Somanath leaving in Shahi Buggi for university park
Prof Naima Khatoonk with Justice Abdul Shahid and Dr. S. Somanath, Ms. Milee Ashwarya with Riding squad
Milee Ashwarya addressing the Sir Syed Ahmad Khan 208th Birth Anniversary commemoration meeting
Prof Naima Khatoon Launching the Aligarh Institute Gazette at Sir Syed Academy
मानद अतिथि इसरो के पूर्व अध्यक्ष और चाणक्य विश्वविद्यालय, बेंगलुरु के चांसलर डॉ. एस. सोमनाथ ने अपने सम्बोधन में सर सैयद के दृष्टिकोण की सराहना की, जिसमें उन्होंने विश्वास के साथ तर्क और आधुनिक विज्ञान के साथ नैतिक मूल्यों को जोड़कर समाज निर्माण की दिशा में शिक्षा को एक महत्वपूर्ण साधन बताया। उन्होंने कहा कि ज्ञान की खोज, चाहे विज्ञान के माध्यम से हो या आध्यात्मिक चिंतन के माध्यम से, जिज्ञासा, सहयोग और नैतिक उद्देश्य की प्राप्ति की यात्रा है।
विशेष अतिथि, पेंगुइन रैंडम हाउस की वरिष्ठ उपाध्यक्ष और प्रकाशक, मिलि ऐश्वर्या ने सर सैयद के ज्ञान, समावेशिता और शिक्षा के माध्यम से सशक्तिकरण के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि वे अपनी जड़ों से जुड़े रहें और उच्च लक्ष्य निर्धारित करें। उन्होंने धैर्य, परिश्रम और निरंतर प्रयास को महानता की कुंजी बताया।
कुलपति प्रो. नइमा खातून ने अपने अध्यक्षीय सम्बोधन में सर सैयद को “विचारों का आर्किटेक्ट, समाज सुधारक और जनता के लिए दीपक स्वरुप शिक्षक” बताया। उन्होंने एएमयू की हालिया उपलब्धियों, जैसे एनआईआरएफ में शीर्ष-10 रैंक, भारत की जियोस्पेशियल मिशन में योगदान के लिए बेस्ट यूनिवर्सिटी अवॉर्ड, 6.5 मेगावाट सौर ऊर्जा विस्तार और 5 करोड़ डीएसटी-टीबीआई अनुदान के साथ एएमयू इनोवेशन फाउंडेशन का शुभारंभ, का उल्लेख किया। कुलपति ने छात्रों से ज्ञान का जिम्मेदारीपूर्वक उपयोग कर समाज हित में तकनीक, कोड और प्रगति के निर्माण का आह्वान किया।
इस अवसर पर बैलिओल कॉलेज, ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के प्रो. फैसल देवजी, और शाहीन समूह संस्थान के अध्यक्ष, डॉ. अब्दुल कादिर को क्रमशः अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय सर सैयद उत्कृष्टता पुरस्कार प्रदान किए गए। पुरस्कार विजेताओं ने सर सैयद की शिक्षा और सुधार की दृष्टि के महत्व पर अपने विचार साझा किए। प्रो. फैसल देवजी ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि उनका प्रारंभिक शोध कार्य अलीगढ़ आंदोलन पर आधारित था और यह आंदोलन, जिसने अखिल भारतीय मुस्लिम समुदाय की भावना को जन्म दिया, आज भी आधुनिक भारतीय इतिहास की उनकी समझ को दिशा प्रदान करता है।
डॉ. अब्दुल कादिर ने सर सैयद से प्रेरित शैक्षिक आंदोलन पर विचार व्यक्त करते हुए शाहीन स्कूलों के माध्यम से धार्मिक और आधुनिक शिक्षा के एकीकरण तथा बच्चों के लिए ध्यानमुक्त आवासीय शिक्षण वातावरण तैयार करने के प्रयासों को रेखांकित किया। उन्होंने नई पीढ़ी को संवारने और इस शैक्षिक आंदोलन को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विस्तार देने की आवश्यकता पर बल दिया।
कार्यक्रम में छात्रों जैनब फायजा इस्लाम और अबू मआज के भाषणों के साथ प्रो. फेजा तबस्सुम आजमी और प्रो. मोहम्मद कमरुल हुदा फरीदी के सम्बोधन भी हुए, जिनमें उन्होंने सर सैयद के शिक्षा, सामाजिक सुधार और बौद्धिक जागृति में योगदान पर प्रकाश डाला।
“सर सैयद अहमद खान और अलीगढ़ आंदोलनः भारत में धर्मनिरपेक्ष शिक्षा के प्रति एक तार्किक दृष्टिकोण” विषय पर आयोजित अखिल भारतीय निबंध लेखन प्रतियोगिता के विजेताओं को कुलपति प्रो. नइमा खातून और प्रो-वाईस चांसलर प्रो. मोहम्मद मोहसिन खान ने पुरस्कार और प्रमाणपत्र प्रदान किए।
अंग्रेजी वर्ग में प्रथम पुरस्कार तूबा शम्सी (बी.ए., जामिया मिल्लिया इस्लामिया, नई दिल्ली) को, द्वितीय पुरस्कार स्तुति नारायण (बी.ए.एलएल.बी., नलसार यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ, हैदराबाद) को, और तृतीय पुरस्कार यानिस इकबाल (बी.ए., अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय) को मिला।
उर्दू वर्ग में प्रथम पुरस्कार ताहिर हुसैन (पीएच.डी.), द्वितीय आफरीन रजा (पीएच.डी.) और तृतीय अबू दाऊद (बी.ए.) को मिला।
हिंदी वर्ग में प्रथम पुरस्कार मोहम्मद सुहैब (बी.ए.एलएल.बी.), द्वितीय आजरम फातिमा सिद्दीकी (बी.कॉम.) और तृतीय सलमा अशफा (पीएच.डी.) को मिला। उर्दू और हिंदी वर्ग के सभी विजेता अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्र हैं।
सर सैयद दिवस समारोह की शुरुआत विश्वविद्यालय मस्जिद में कुरआन ख्वानी से हुई, जिसके बाद सर सैयद के मजार पर चादरपोशी की गई। कुलपति प्रो. नइमा खातून ने विशिष्ट अतिथियों और शिक्षकों के साथ मिलकर सर सैयद अकादमी और मौलाना आजाद पुस्तकालय द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित प्रदर्शनी का उद्घाटन किया, जिसमें सर सैयद की रचनाएँ और उन पर आधारित पुस्तकें प्रदर्शित की गईं। इस अवसर पर “अलीगढ़ इंस्टिट्यूट गजट के डिजिटल आर्काइव्स” का भी शुभारंभ किया गया।
कार्यक्रम में स्वागत भाषण एएमयू रजिस्ट्रार, प्रो. आसिम जफर ने प्रस्तुत किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन प्रो. रफीउद्दीन, डीन, छात्र कल्याण, ने प्रस्तुत किया। संचालन डॉ. शारिक अकील और डॉ. फायजा अब्बासी ने किया।
कार्यक्रम का समापन विश्वविद्यालय तराना और राष्ट्रगान के साथ हुआ।
सर सैयद दिवस के उत्सवों का समापन आज विश्वविद्यालय के विभिन्न आवासीय हॉलों में आयोजित पारंपरिक डिनर के साथ होगा, जिसमें वरिष्ठ अधिकारी और प्रतिष्ठित पूर्व छात्र शामिल होंगे।
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