Sunday, July 16, 2023

पूर्व विदेश सचिव पद्म भूषण श्याम सरन द्वारा जी20 सर सैयद स्मृति व्याख्यान

 AMU VC Prof Mohammad Gulrez presenting memento to Mr Shyam Saran during the syed memorial lecture 

AMU VC Prof Mohammad Gulrez presenting memento to Mr Lalit Bohra at the seminar green energy transition at AMU

Mr Shyam Saran Prof Mohammad Gulrez Mr Mohd Imran IPS Prof Ali Mohammad Naqvi and Dr Mohd Shahid during the syed memorial lecture at AMU at AMU 

अलीगढ़, 15 जुलाईः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के सर सैयद अकादमी द्वारा जेएन मेडीकल कालिज में आयोजित जी20 सर सैयद स्मृति व्याख्यान 2023 ‘भारत और पश्चिम एशियाः भारत की विदेश नीति किस प्रकार से पश्चिम पड़ोसी देशों को बदल रही है और उसका किस प्रकार प्रभाव पड़ रहा है’ विषय पर बोलते हुए भारत सरकार के पूर्व विदेश्ज्ञ सचिव पदम भूषण श्री श्याम सरन ने कहा कि देश के लिये गौरव का विषय है कि भारत जी20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है और यह अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत की अग्रणि भूमिका को भी दर्शाता है।

पश्चिम एशिया के ताजा घनाक्रम की चर्चा करते हुए श्री श्याम सरन ने कहा कि यह वह क्षेत्र है जहां इस्लाम धर्म का उदय हुआ और यह धर्म आगे चल कर भारत सहित दुनियां भर में फैला। उन्होंने कहा कि पश्चिम एशिया के देशों की विदेश नीति को नये सिरे से आकार दिया जा रहा है। पश्चिम एशिया के साथ अन्य सरकारों के व्यवहार के तरीके भी बदल रहे हैं। भारत को अपने पड़ोस में इन बदलावों के प्रति सतर्क रहना होगा।
ऊर्जा क्रांति के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि इस क्षेत्र में तेल का सबसे बड़ा भंडार है और प्रत्येक तेल उत्पादक देश आर्थिक विविधीकरण के लिए प्रतिबद्ध है और सऊदी अरब इस दिशा में आगे बढ़ रहा है। खाड़ी देश नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी बनने का प्रयास कर रहे हैं। भारत को अब यह महसूस करना चाहिए कि ये अर्थव्यवस्थाएं महत्वपूर्ण आर्थिक पुनर्गठन के दौर से गुजर रही हैं और भारत और पश्चिम एशियाई देशों के बीच व्यापक साझेदारी के लिए पूरी तरह से नए अवसर उभर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सऊदी अरब पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में भी आगे बढ़ रहा है और वहां इस्लाम-पूर्व स्थलों का नवीनीकरण कराया जा रहा है। श्री सरन ने कहा कि दुबई सऊदी अरब के लिए एक मॉडल है, जिसने अपने वैश्वीकरण के मामले में इस क्षेत्र में एक प्रमुख स्थान हासिल किया है। इसके साथ ही एक अन्य क्षेत्र ईरान में भी बदलाव के संकेत देखने को मिल रहे हैं।
राजनयिक पहलुओं पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि 90 लाख भारतीय मध्य पूर्व में रहते हैं और काम करते हैं और वे भारत को जो धन भेजते हैं। संयुक्त अरब अमीरात और सऊदी अरब भारत में विदेशी निवेश के प्रमुख केन्द्र बन गए हैं। भारत के पास हिंद महासागर के पूर्वी और पश्चिमी हिस्सों में महत्वपूर्ण सुरक्षा मुद्दे हैं। इस क्षेत्र में सबसे महत्वपूर्ण घटनाक्रम ईरान और सऊदी अरब के बीच संबंधों का सामान्य होना है।
उन्होंने कहा कि भारत ने पश्चिम एशियाई देशों के साथ अपने संबंधों को मजबूत करने में द्विपक्षीय और कुछ हद तक लेन-देन वाला दृष्टिकोण अपनाया है और यह काफी सफल भी रहा है। भारत आज इजराइल के साथ अपने संबंधों को मजबूत करते हुए अरब राज्यों के साथ अपने संबंधों का विस्तार कर रहा है। उन्होंने आगे कहा कि पश्चिम एशिया में भारत की विदेश नीति की सराहना की जा रही है।
श्री सरन ने कहा कि ‘मैं पश्चिम एशिया में एक दिलचस्प युग की शुरुआत देख रहा हूं, जो भारत के लिए अवसर खोल सकता है, लेकिन केवल तभी संभव है जब हम भारत के पश्चिमी पड़ोस में हो रहे परिवर्तनों को समझें और उनसे सीखने के लिए तत्पर रहें’।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए एएमयू के कुलपति प्रो. मोहम्मद गुलरेज ने श्री श्याम सरन के एएमयू आगमन और भारत की विदेश नीति पर उनके बहुमूल्य और ज्ञानवर्धक भाषण पर प्रसन्नता व्यक्त की। प्रोफेसर गुलरेज ने बौद्धिक संवाद को बढ़ावा देने और अकादमिक समुदाय के बीच समझ बढ़ाने में सर सैयद मेमोरियल व्याख्यान के महत्व को रेखांकित किया।
श्री सरन को विश्वविद्यालय में पुः आमंत्रित करते हुए, प्रोफेसर गुलरेज ने कहा कि ‘मिस्र में एक कहावत है कि जो कोई नील नदी का पानी पीता है वह हमेशा वापस आ जाता है’ यह बात अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के लिए भी सच है।
एएमयू रजिस्ट्रार श्री मुहम्मद इमरान आईपीएस ने श्री श्याम सरन का संक्षिप्त परिचय कराया और भारत की विदेश नीति के संदर्भ में अर्थशास्त्र, जलवायु परिवर्तन, ऊर्जा सुरक्षा और अन्य रणनीतिक मुद्दों पर उनकी मूल्यवान सेवाओं का उल्लेख किया।
अपने स्वागत भाषण में सर सैयद अकादमी के निदेशक प्रोफेसर अली मुहम्मद नकवी ने कहा कि एएमयू ने पश्चिम एशियाई देशों के साथ भारत के संबंधों को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
अकादमी के उपनिदेशक डॉ. मोहम्मद शाहिद ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सर सैयद अकादमी बौद्धिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियों को बढ़ावा देने मंें महत्वपूर्ण भूमिका निभाती रहेगी।
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में शिक्षक एवं विद्यार्थी तथा विभिन्न क्षेत्रों के गणमान्य लोग उपस्थित थे।
इस अवसर पर कुलपति ने श्री श्याम सरन को स्मृति चिन्ह भी भेंट किया।
समारोह का संचालन अकादमी के क्यूरेटर डॉ. सैयद हुसैन हैदर ने किया।

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