14 जुलाईः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के विमेंस कॉलेज के सेंटर फॉर स्किल डेवलपमेंट एंड करियर प्लानिंग से सम्बद्ध छात्राओं ने रेजिन आर्ट में उभरते रुझान पर आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला, ‘मोल्ड योर मास्टरपीस’ में उत्साह के साथ भाग लिया और इसकी बारीकियों को सीखा। यह आधुनिक कला का वह रूप है जिसने पिछले दशक में विश्वव्यापी लोकप्रियता हासिल की है। इस कार्यशाला का आयोजन भारत के जी20 प्रेसीडेंसी समारोह को चिह्नित करते हुए किया गया था।
इस अवसर पर, केंद्र की निदेशक प्रोफेसर नईमा खातून ने कहा कि रेजिन आर्ट कलाकारों को सांचों और सतहों का उपयोग करके अद्वितीय चित्र, ट्रेंडी आभूषण, घरेलू सजावट उत्पाद आदि बनाने या ढालने का सूक्ष्म कौशल प्रदान करता है।
रेजिन कला विशेषज्ञ, सुश्री अर्शी खानम और हस्तशिल्प प्रशिक्षक, डॉ अतिया परवीन रिसोर्स पर्सन थीं, जिन्होंने प्रतिभागियों को रेजिन के उपयोग, रेजिन डालने की तकनीक, आवश्यक सामग्री, सांचे और उपकरणों के बुनियादी ज्ञान के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की।
उन्होंने रेजिन का उपयोग करके अद्वितीय डिजाइन तैयार करने के लिए सावधानियों और नए विचारों को भी रेखांकित किया।
कार्यशाला में केंद्र की प्रशिक्षकों सुश्री शाजिया फहीम, सुश्री अदीबा सलीम और सुश्री सनोवर के साथ 30 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया।
प्रतिभागियों द्वारा रेजिन ट्रे और कोस्टर, चाबी की चेन, बुकमार्क, मोमबत्ती स्टैंड, रेजिन आभूषण आदि जैसी अनूठी कलाकृतियाँ तैयार की गईं। जी20 लोगो वाली कुंजी श्रृंखलाएं और बुकमार्क भी प्रतिभागियों द्वारा बनाए गए।
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