AMU celebrates 79th Independence Day with renewed pledge for ‘Naya Bharat’
अलीगढ़, 15 अगस्तः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में आज 79वां स्वतंत्रता दिवस पारंपरिक उत्साह और देशभक्ति के जज्बे के साथ मनाया गया। कुलपति प्रो. नइमा खातून के ने देश-विदेश में बसे सभी भारतीयों को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं दीं और ‘नए भारत’ में आजादी के महत्व को और भी संजोने का संकल्प लिया।
ऐतिहासिक स्ट्रेची हॉल भवन पर ध्वजारोहण के बाद अपने संबोधन में कुलपति प्रो. नइमा खातून ने कहा कि इस वर्ष के स्वतंत्रता दिवस का विषय ‘नया भारत’ केवल एक नारा नहीं है, बल्कि एक दृष्टि है, जो हमें उत्कृष्टता, एकता और बड़े सपने देखने का साहस अपनाने की प्रेरणा देता है।
उन्होंने कहा कि नवीनीकरण का अर्थ अपनी जड़ों को छोड़ना नहीं, बल्कि उन्हें और गहराई से मजबूत करते हुए ऊँचाइयों तक पहुँचना है। उन्होंने कहा कि औपनिवेशिक शासन के बाद सर सैयद अहमद खान ने ऐसे संस्थान का सपना देखा था, जो बुद्धि को जागृत करे, चरित्र का निर्माण करे और समाज की सेवा करे। उन्होंने जोर देकर कहा कि एएमयू की तहजीब-विविधता का सम्मान, मतभेद से संवाद, विनम्रता के साथ ज्ञान की तलाश और संस्कृति व प्रगति का संगम-भविष्य की यात्रा के लिए मार्गदर्शक है।
‘नया भारत’ के आदर्शों को वर्तमान से जोड़ते हुए उन्होंने कहा कि एएमयू के लिए इसका मतलब है-अपनी मूल्यों को बनाये रखते हुए डिजिटल परिवर्तन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, नवीकरणीय ऊर्जा, बायोटेक्नोलॉजी, हरित नवाचार और अंतरिक्ष अनुसंधान जैसे क्षेत्रों में आज के भारत की जरूरतों के लिए तैयार होना। उन्होंने कहा कि हम सभी के लिए स्वतंत्रता का अर्थ है सोचने, सृजन करने और योगदान देने की आजादी और जिम्मेदारी का अर्थ है उस स्वतंत्रता का ईमानदारी, समर्पण और सम्मान के साथ उपयोग करना। जब स्वतंत्रता और जिम्मेदारी साथ चलती हैं, तो उपलब्धियां मिलती हैं।
कुलपति ने विश्वविद्यालय की हालिया उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए बताया कि एएमयू ने टाइम्स हायर एजुकेशन एशिया यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2025 में 188वां स्थान प्राप्त किया, यूएस न्यूज 2025 ग्लोबल रैंकिंग में भारतीय उच्च शिक्षा संस्थानों में 5वां स्थान पाया और इंडिया टुडे 2025 रैंकिंग में सरकारी विश्वविद्यालयों में तीसरा स्थान पर रहा। कई विभागों ने कम खर्च और रिटर्न-ऑन-इन्वेस्टमेंट श्रेणियों में शीर्ष स्थान हासिल किए, जिससे यह सिद्ध होता है कि एएमयू आधुनिक भी है, नैतिकता से भी जुड़ा है, गुणवत्ता में समझौता किए बिना समावेशी है और वैश्विक प्रतिस्पर्धा के साथ समुदाय की सेवा भी करता है।
उन्होंने बताया कि परिसर में लगातार सुधार किए जा रहे हैं। ऐतिहासिक भवनों का पुनर्निर्माण, स्मार्ट क्लासरूम और आधुनिक प्रयोगशालाएं, छात्रावासों का उन्नयन, स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार और लंबे समय से चली आ रही नाले की समस्या का समाधान किया गया है। उन्होंने आश्वासन दिया कि एएमयू में किसी योग्य छात्र को आर्थिक अभाव के कारण शिक्षा से वंचित नहीं रहने दिया जायेगा।
उन्होंने कहा कि एएमयू हमेशा से शांति और अनुशासन का प्रतीक रहा है और भविष्य में भी रहेगा। हमारा हरा-भरा सुंदर परिसर सिर्फ पढ़ाई का स्थान नहीं, बल्कि एक ऐसा आश्रय है जहां प्रकृति और ज्ञान का संगम होता है। हम ‘ग्रीन एम्बेसडर’ हैं और ‘नए भारत’ के लिए स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने दुनियाभर में फैले पूर्व छात्रों की भी सराहना की, जो वैज्ञानिक, न्यायाधीश, राजनयिक, उद्यमी, शिक्षक, कलाकार और सरकारी सेवक के रूप में कार्य कर रहे हैं और विश्वविद्यालय की प्रगति में सक्रिय योगदान दे रहे हैं।
छात्रों से व्यक्तिगत हितों से ऊपर उठने की अपील करते हुए उन्होंने उन्हें “नए भारत के सिपाही” बनने का आह्वान किया। ऐसे स्नातक जो तकनीक से वास्तविक समस्याओं का समाधान करें, जनहित के लिए नवाचार करें और एएमयू के नाम को गुणवत्ता, ईमानदारी और पर्यावरणीय जिम्मेदारी के प्रतीक के रूप में आगे बढ़ाएं।
उन्होंने कहा कि सफलता का मंत्र है-गहराई से सीखो, साहस के साथ सोचो, ईमानदारी से काम करो और निस्वार्थ भाव से सेवा करो। उन्होंने सभी से यह संकल्प लेने की अपील की कि जो हमें कमजोर करता है उसे छोड़ दें, जो हमें मजबूत करता है उसे आगे बढ़ाएं और अपनी स्वतंत्रता को जिम्मेदारियों को निभाकर और समृद्ध बनाएं।
इस अवसर पर कुलपति ने सहकुलपति प्रोफेसर एम मोहसिन खान, रजिस्ट्रार मोहम्मद इमरान (आईपीएस), प्रॉक्टर प्रो. एम. वसीम अली और प्रॉवोस्ट, एस.एस. हॉल (दक्षिण) डा. अब्दुल रऊफ के साथ सर सैयद हॉल (दक्षिण) के लॉन में पौधारोपण किया और विश्वविद्यालय स्वास्थ्य सेवा में बीमार छात्रों को फल वितरित किए।
इससे पूर्व विश्वविद्यालय के प्रमुख भवन प्रशासनिक ब्लॉक, मौलाना आजाद लाइब्रेरी, विक्टोरिया गेट, यूनिवर्सिटी पॉलिटेक्निक ऑडिटोरियम, बाब-ए-सैयद और कला संकाय भवन को तिरंगे की रोशनी से सजाया गया।
स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर, उर्दू विभाग ने यूनिवर्सिटी पॉलिटेक्निक के असेंबली हॉल में एक मुशायरे सम्मेलन का आयोजन किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो. नइमा खातून ने की, स्वागत प्रो. कमरुल हूदा फरीदी ने किया और संचालन प्रो. सिराज अजमली ने किया। मुशायरे ने आस्था, जिम्मेदारी और स्वतंत्रता के संदेश के साथ ‘नए भारत’ के सपने को स्वर दिया।
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