Sunday, August 24, 2025

एएमयू में इस्लामी विज्ञान शिक्षा पर राष्ट्रीय संगोष्ठी


Pro-Vice Chancellor, Professor M. Mohsin Khan, Maulana Khalid Saifullah Rahmani, Professor Iqtidar Mohammad Khan, Professor Mohammad Habibullah Qasmi, Dr. Nadeem Ashraf, Professor Saud Alam Qasmi  and Professor Mohammad Rashid Islhi

एएमयू में इस्लामी विज्ञान और समकालीन शिक्षा पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन

अलीगढ़, 23 अगस्तः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के धर्मशास्त्र विभाग द्वारा इस्लामिक फिकह अकादमीनई दिल्ली के सहयोग से कला संकाय लाउंज में समकालीन शैक्षणिक संस्थानों में इस्लामी विज्ञान का अध्ययन एवं अनुसंधानः पद्धति और उद्देश्य” विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया।

संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए एएमयू के सहकुलपति प्रोफेसर एम. मोहसिन खान ने एकता के महत्व पर जोर देते हुए ऐसे कार्यों से बचने की सलाह दीजिनसे आलोचना का अवसर मिले। उन्होंने सर सैयद अहमद खाँ के उस दृष्टिकोण को याद किया जिसमें आधुनिक विज्ञान को धार्मिक शिक्षा के साथ जोड़नेस्वतंत्र शोधखुले विचार और नैतिक मूल्यों को बढ़ावा देने की बात की गई थी।

मुख्य अतिथि एवं इस्लामिक फिकह अकादमी के अध्यक्ष मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी ने अपने मुख्य भाषण में अनुसंधान में उत्कृष्टता की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने पैगम्बर मोहम्मद साहब के इस कथन का हवाला देते हुए कहा कि हर कार्य को श्रेष्ठता के साथ करना चाहिए। उन्होंने गहन विशेषज्ञता और विभिन्न विचारों के प्रति खुलेपन पर जोर दिया। उनका कहना था कि पूर्व में धार्मिक परंपराओं ने स्वतंत्र चिंतन को सीमित किया थाजबकि पैगम्बर ने विविध विचारों पर सोच-समझकर विमर्श करने की प्रेरणा दी।

विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर इक्तिदार मोहम्मद खान ने शोधार्थियों से ऐसे विषयों का चयन करने का आग्रह किया जिनका वर्तमान संदर्भ में व्यावहारिक महत्व हो। एक अन्य विशिष्ट अतिथिमुफ्ती अतीक अहमद बस्तावीमहासचिवइस्लामिक फिकह अकादमी ने इसे भारतीय विश्वविद्यालयों में इस्लामी अध्ययन पर शोध के मूल्यांकन का पहला प्रयास बताते हुए सराहा और एएमयू की सांस्कृतिक धरोहर की रक्षा का आह्वान किया।

इस अवसर पर अतिथियों द्वारा दो पुस्तकों का विमोचन भी किया गया। द हिस्ट्री ऑफ हंड्रेड ईयर्स ऑफ अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटीजिसे प्रोफेसर एम. सऊद आलम कासमी ने संकलित किया हैऔर अल दीन’ जिसका संपादन सालेह जाहिद अली और तल्हा ने किया है।

स्वागत भाषण में धर्मशास्त्र संकाय के डीन प्रोफेसर मोहम्मद हबीबुल्लाह कासमी ने सर सैयद के शिक्षाप्रशिक्षण और संस्कृति के त्रिस्तरीय सूत्र को सर्वांगीण शिक्षा के लिए आवश्यक बताया। संगोष्ठी के विषय का परिचय कराते हुए धर्मशास्त्र संकाय के पूर्व डीन प्रोफेसर सऊद आलम कासमी ने धार्मिक शिक्षा में वर्तमान चुनौतियों के समाधान हेतु सुधार की आवश्यकता पर बल दिया।

संगोष्ठी में प्रोफेसर उबैदुल्लाह फहद फलाहीप्रोफेसर फहीम अख्तर नदवीप्रोफेसर तौकीर आलम फलाही और प्रोफेसर नसीम अहमद खान सहित देशभर से आए प्रख्यात विद्वानोंशिक्षकोंछात्रों और शोधार्थियों ने भाग लिया।

कार्यक्रम का संचालन डॉ. नदीम अशरफ ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन प्रोफेसर मोहम्मद राशिद इस्लाही ने दिया।



 एएमयू में डॉ. शंकर दयाल शर्मा गोल्ड मेडल के लिए आवेदन आमंत्रित

अलीगढ़, 23 अगस्तः अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी ने अपने नियमित छात्रों से शिक्षा सत्र 2024-25 के लिए पूर्व राष्ट्रपति डॉ. शंकर दयाल शर्मा गोल्ड मेडल हेतु आवेदन आमंत्रित किए हैं। इस पुरस्कार से संबंधित विवरण और निर्धारित आवेदन पत्र विश्वविद्यालय के डीनस्टूडेंट्स वेलफेयर की वेबसाइट https://api.amu.ac.in/storage//file/10062/notice-and-circular/1755929559.pdf पर उपलब्ध करा दिया गया है।

डीनस्टूडेंट्स वेलफेयर कार्यालय द्वारा जारी सूचना के अनुसारयह मेडल उन नियमित छात्रों को दिया जाएगा जिन्होंने एएमयू से नियमित पढ़ाई के तहत कम से कम एक डिग्री प्राप्त की हो। एमबीबीएस और बीयूएमएस के इंटर्नशिप कर रहे विद्यार्थीएमफिल पीएचडी कर रहे छात्र भी इसके लिए आवेदन कर सकते हैं।

यदि किसी छात्र की पढ़ाई के बीच गैप रहा होपूरक परीक्षा दी होबैकलॉग रहा होया उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई चल रही होतो वह इस पुरस्कार के लिए पात्र नहीं होगा।

शैक्षणिक प्रदर्शन का मूल्यांकन कक्षा 10 से लेकर मास्टर डिग्री तक की परीक्षाओं के आधार पर किया जाएगा।

आवेदन पत्र के साथ एएमयू का पहचान पत्रसभी अंकपत्रों की सत्यापित प्रतियाँचरित्र प्रमाण पत्रसामाजिक सेवा या अन्य गतिविधियों से संबंधित प्रमाण पत्र और एक नवीनतम बायोडाटा संलग्न करना लिए अनिवार्य है।

पूर्ण रूप से भरा हुआ आवेदन पत्र 13 सितम्बर, 2025 (शनिवार) तक डीनस्टूडेंट्स वेलफेयर कार्यालयएएमयू में जमा कराना

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