Thursday, April 6, 2023

PROF. MH BAIG WAS SOCIAL ACTIVIST : HE ORGANISED 30 FREE MEDICAL CAMPS WITH HONEST CLUB IN KHURJA, DISTT. BULAND SHAHAR

 









प्रोफेसर मोहम्मद हनीफ बेग के निधन पर एएमयू में शोक

    अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय समुदाय ने प्रख्यात कार्डियोथोरेसिकवैस्कुलर सर्जन और एएमयू के पूर्व प्रो-वाइस चांसलर, 69 वर्षीय प्रोफेसर मोहम्मद हनीफ बेग के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। जिन्होंने आज सुबह मुरादाबाद में अंतिम सांस ली।वह पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे। उन्हें आज यूनिवर्सिटी कब्रिस्तान में सुपुर्देखाक किया गया।

प्रो बेग के शोक संतप्त परिवार और एएमयू बिरादरी के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए वाइस चांसलर प्रो मोहम्मद गुलरेज ने कहा कि मैं प्रो बेग के परिवार और एएमयू समुदाय के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं और इस कठिन समय में उनके प्रियजनों के लिए सांत्वना की प्रार्थना करता हूं। वह एक निस्वार्थ व्यक्ति थे। जिन्होंने एक प्रतिष्ठित सर्जन और अनुभवी शिक्षक के रूप में प्रशंसाआदर और सम्मान अर्जित किया और जिन्होंने जेएन मेडिकल कॉलेज और विश्वविद्यालय में कई विकासात्मक कार्यों की शुरुआत की।

उन्होंने कहा कि दुख की इस घड़ी मेंहम प्रोफेसर बेग के परिवार के दर्द को साझा करते हैं और ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि उन्हें इस नुकसान को सहन करने की शक्ति और साहस दे।

प्रो आजम हसीनअध्यक्ष कार्डियोथोरेसिक सर्जरी विभागने उनके निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया और शोक संतप्त परिवार के लिए सांत्वना की प्रार्थना की।

उन्होंने कहा कि प्रो बेग ने छात्रों को दृढ़ समर्पण के साथ शिक्षा दी और उन्हें अपनी अधिकतम क्षमता के अनुकूल सफलता प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने शैक्षिक और पेशेवर प्रगति के लिए महत्वपूर्ण करियर के लिए युवा साथियों का भी मार्गदर्शन किया।

प्रोफेसर बेग ने डीनफैकल्टी ऑफ मेडिसिन और चेयरपर्सनए सर्जरी विभागजेएनएमसी के रूप में अपनी सेवाएं दीं। उन्होंने कार्डियोथोरेसिक और वैस्कुलर सर्जरी विभाग की स्थापना और विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और 1988 में जेएनएमसी में ओपन हार्ट सर्जरी प्रक्रिया शुरू की।


प्रोफेसर बेग ने 1976 में केजी मेडिकल कॉलेजलखनऊ से एमबीबीएस किया और 1980 से 1982 तक पीजीआईएमईआर चंडीगढ़ से एमएस सर्जरीऔर एमसीएच सीवीटीएसकी डिग्रियां अर्जित कीं। वह 1983 में जेएनएमसी में लेक्चरर के रूप में शामिल हुए और 1988 में रीडर और 1993 में प्रोफेसर बने। वह 2019 में सेवानिवृत हो गये थे।

प्रोफेसर बेग को 1983 से एंडोस्कोपी और एंडोस्कोपिक तरीकों से एयरो डाइजेस्टिव ट्रैक्ट्स से विभिन्न बाहरी तत्वों को हटाने के प्रदर्शन में अग्रणी माना जाता रहा है।

उन्होंने इंटरकोस्टल ट्यूब ड्रेनेज सिस्टम्स की डिजाइनिंग जैसी कई नई तकनीकों का आविष्कार किया हैजिससे रोजाना लोगों की जान बचाने में सहायता मिलती है।

प्रोफेसर बेग के परिवार में उनकी पत्नीएक बेटी और दो बेटे हैं।

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