जामिया में देवदास गांधी स्मृति व्याख्यान: महात्मा गांधी की पोती ने दिया व्याख्यान
- “गांधी हमारे अतीत थे, गांधी हमारे वर्तमान हैं और गांधी हमारा भविष्य”: श्रीमती तारा गांधी भट्टाचार्य
हिन्दी विभाग, जामिया मिल्लिया इस्लामिया ने 9 मार्च, 2023 को 13वें देवदास गांधी स्मृति व्याख्यान का आयोजन किया। “गांधी और हम” विषयक इस कार्यक्रम की मुख्य वक्ता महात्मा गाँधी की पोती और देवदास गांधी की पुत्री श्रीमती तारा गांधी भट्टाचार्य थीं।
कार्यक्रम के आरंभ में हिन्दी विभाग के अध्यक्ष प्रो. चन्द्रदेव यादव ने अतिथि वक्ता का स्वागत करते हुए श्रीमती तारा गांधी भट्टाचार्य की सेवाओं और उपलब्धियों की चर्चा की। उन्होंने समकालीन दौर में गांधी जी के विषय में हो रही चर्चाओं के संदर्भ में कहा कि गांधी हमेशा प्रासंगिक बने रहेंगे। गांधी हमारे अतीत थे, गांधी हमारे वर्तमान हैं और गांधी हमारा भविष्य हैं। प्रो. चंद्रदेव यादव ने श्रीमती तारा गांधी द्वारा रचित एक कविता का पाठ भी किया।
अपने वक्तव्य के दौरान श्रीमती तारा गांधी ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया में आने पर खुशी व्यक्त की। उन्होंने अपने पिता देवदास गांधी, महात्मा गांधी और कस्तुरबा गांधी से संबंधित स्मृतियों को साझा किया। उन्होंने सरहदी गांधी, अबुल कलाम आजाद, चक्रवर्ती राजगोपालाचारी, एम.ए अंसारी आदि को याद करते हुए कहा कि इनके बिना गांधी की कल्पना नहीं की जा सकती। श्रीमती तारा गांधी ने कहा कि गांधी परिवार की कोई एक पहचान नहीं है। उन्होंने जामिया के साथ गांधीजी के संबंध और हिन्दुस्तानी भाषा पर भी विचार व्यक्त किए। उन्होंने बार-बार स्त्री शक्ति को याद किया। उन्होंने कहा कि गांधी जी कहा करते थे कि जहाँ भी जाओ वहाँ के लोगों को अपनी भाषा सिखाओं और बदले में वहाँ की भाषा और संस्कृति सीख कर आओ। श्रीमती तारा गांधी ने कहा कि उनका संबंध खासतौर से तीन प्रांतों से है- तमिलनाडु मेरा जननी बोध, गुजरात पितृबोध और बंगाल श्रृंगारबोध।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे मानविकी एवं भाषा संकाय के डीन प्रो. मोहम्मद इस्हाक ने गांधी जी की आत्मकथा की भूमिका के कुछ अंशों का पाठ किया और गांधी जी की शहादत पर अंजुमन-ए- जामिया की ओर से जारी शोक संवेदना संदेश को उद्धृत किया। उससे गांधीजी की शख्सियत का पता चलता है। कार्यक्रम का संचालन डॉ. विवेक दुबे ने किया। उन्होंने महात्मा गांधी के पुत्र देवदास गांधी और जामिया के साथ उनके संबंधों पर संक्षिप्त प्रकाश डाला और आज की मुख्य वक्ता श्रीमती तारा गांधी भट्टाचार्य का परिचय दिया। डॉ. दुबे ने कई रोचक प्रसंगों को सुनाकर महात्मा
गांधी, देवदास गांधी और तारा गांधी के व्यक्तित्व को उजागर किया। डॉ. अनिल कुमार ने भी देवदास गांधी से संबंधित कुछ बातें साझा कीं।
कार्यक्रम के अंत में प्रो.नीरज कुमार ने भावात्मक और काव्यात्मक धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कहा कि गांधीजी की तरंगें तारा गांधी के जरिए उत्सर्जित हो रही हैं। देवदास स्मृति व्याख्यान में हिन्दी विभाग से प्रो. हेमलता महिश्वर, प्रो. दिलीप शाक्य, प्रो. कहकशां अहसान साद, प्रो. अजय नावरिया, प्रो रहमान मुसव्विर, डॉ. मुकेश मिरोठा, डॉ आसिफ उमर, डॉ हैदर अली, डॉ. गणपत तेली तथा संस्कृत विभाग के प्रो. गिरीश चंद्र पंत और डॉ. धनंजयमणि त्रिपाठी सहित अन्य विभागों के शिक्षक और विद्यार्थी बड़ी संख्या में मौजूद थे।
जनसंपर्क कार्यालय
जामिया मिल्लिया इस्लामिया
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