एएमयू में सर सैयद की पुण्यतिथि पर भावभीनी श्रद्वांजलि
अलीगढ़, 27 मार्चः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में आज विश्वविद्यालय के संस्थापक सर सैयद अहमद खान की पुण्यतिथि पर जुहर की नमाज के बाद यूनिवर्सिटी मस्जिद में कुरान ख्वानी का आयोजन किया गया। कुलपति प्रो तारिक मंसूर ने विश्वविद्यालय जामा मस्जिद के परिसर में स्थित उनकी कब्र पर पुष्प चादर अर्पित कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस अवसर पर प्रो अब्दुल अलीम (डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर), प्रो मोहम्मद वसीम अली (प्रॉक्टर), प्रो तौकीर आलम (डीन, धर्मशास्त्र संकाय), प्रो मोहम्मद हबीबुल्ला (अध्यक्ष, सुन्नी धर्मशास्त्र विभाग और नाजिम-ए-दीनियात), प्रो सैयद तैय्यब रजा नकवी (अध्यक्ष, शिया धर्मशास्त्र विभाग), डॉ फारूक अहमद डार (प्रोवोस्ट, एसएस हॉल साउथ), प्रो मोहम्मद तारिक (प्रोवोस्ट, एसएस हॉल नॉर्थ), डॉ शारिक अकील (सीएमओ प्रभारी, यूएचएस), डॉ राहत अबरार (एसोसिएट एमआईसी, जनंसपर्क कार्यालय), प्रो बी डी खान (प्रिंसिपल, एके तिब्बिया कॉलेज), प्रो एम एम सुफियान बेग (प्रिंसिपल, जेडएच कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी), प्रो जकी अनवर सिद्दीकी (एमआईसी, भूमि और उद्यान) और विश्वविद्यालय के अन्य अधिकारी मौजूद थे।
इससे पूर्व, इस अवसर पर, डॉ. राहत अबरार, पूर्व निदेशक, उर्दू अकादमी और पूर्व पीआरओ, एएमयू ने वरिष्ठ पत्रकार तारिक हसन और एमआईसी, पीआरओ, प्रोफेसर शाफे किदवई की उपस्थिति में कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर को अपनी नयी पुस्तक ‘सर सैयद अहमद खान्सः राइटिंग्स ऑन 1857 रिवोल्ट’ भेंट की।
माणक पब्लिशर्स, नई दिल्ली द्वारा प्रकाशित डॉ. अबरार की पुस्तक में विख्यात विद्वान, डेविड लेलीवेल्ड ने प्रस्तावना लिखी है, जिसमें उन्होंने कहा है कि “डॉ. राहत अबरार ने वर्तमान भारत और एक अलग प्रकार की चुनौतियों के दृष्टिगत इन ग्रंथों को एक साथ लाकर और अपनी स्वयं की व्याख्या प्रस्तुत करके एक महत्वपूर्ण सेवा की है।
प्रोफेसर ए आर किदवई और प्रोफेसर शाफे किदवई ने भी पुस्तक पर संक्षिप्त टिप्पणियों के रूप में पुस्तक में योगदान दिया है।
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