अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के टीबी और छाती रोग विभाग द्वारा विश्व टीबी दिवस के उपलक्ष में एक सीएमई-सह-जागरूकता अभियान का आयोजन किया गया।
उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए, प्रोफेसर वीणा महेश्वरी (डीन, चिकित्सा संकाय) ने तपेदिक के बारे में जागरूकता पैदा करने और टीबी के प्रबंधन के बारे में चिकित्सकों को अपडेट करने के महत्व पर बात की।
विश्व टीबी दिवस की इस वर्ष की थीम, ‘यस वी कैन एंड टीबी‘ पर प्रकाश डालते हुए, प्रोफेसर राकेश भार्गव (प्रिंसिपल, जेएनएमसी) ने टीबी के विभिन्न स्वरूपों के इलाज के लिए जेएनएमसी में उपलब्ध विभिन्न सुविधाओं पर बात की।
आयोजन प्रमुख और विभागाध्यक्ष, प्रोफेसर जुबैर अहमद ने प्रतिभागियों का स्वागत किया और विशेष रूप से कोविड-19 के प्रकोप के बाद टीबी की बढ़ती घटनाओं पर चिंता व्यक्त की।
उन्होंने कहा कि टीबी एण्ड चेस्ट ओपीडी में रोगी जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें मरीजों को क्षय रोग के उपचार की जानकारी दी गई।
डब्ल्यूएचओ सलाहकार, डॉ उमर अकील ने ‘टीबी में नेक्स्टजेन सीक्वेंसिंग‘ पर एक व्याख्यान दिया।
आयोजन सचिव, डा इमराना मसूद ने ‘तपेदिक के प्रबंधन में हालिया नैदानिक तकनीकों‘ पर एक व्याख्यान दिया, जबकि डा उम्मुल बनीन ने ‘दवा प्रतिरोधी टीबी के लिए उपलब्ध विभिन्न उपचार आहार‘ पर बात की। डा नफीस अहमद ने ‘टीबी निवारक उपचार‘ पर एक व्याख्यान दिया।
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