Thursday, November 6, 2025

जामिया मिल्लिया इस्लामिया ने अपने 105वें स्थापना दिवस

 

Jamia Millia Islamia Showcases Best Practices Aligned with UN SDGs on the occasion of the 105th Foundation Day, JMI ranked 3rd under the ‘SDG category’ in NIRF 2025 Rankings

जामिया मिल्लिया इस्लामिया ने अपने 105वें स्थापना दिवस के अवसर पर संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के अनुरूप बेस्ट प्रैक्टिसेज़ का प्रदर्शन कियाएनआईआरएफ 2025 रैंकिंग में जामिया को 'एसडीजी श्रेणीमें तीसरा स्थान मिला

अपने 105वें स्थापना दिवस समारोह के क्रम मेंजामिया मिल्लिया इस्लामिया (जेएमआई) ने संयुक्त राष्ट्र (यूएन) के सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के अनुरूप अपनी सर्वोत्तम प्रथाओं का प्रदर्शन किया। इस कार्यशाला का आयोजन तालीमी मेला परिसर में "संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्य: अवसर और चुनौतियाँ" विषय पर किया गया और एसडीजी पर एक बूथ भी लगाया गयाजहाँ इसकी उपलब्धियों को प्रस्तुत किया गया। यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि हाल ही में घोषित एनआईआरएफ 2025 रैंकिंग में जेएमआई को एसडीजी श्रेणी में तीसरा स्थान मिला हैजिसने इसे सतत और समावेशी विकास की आवश्यकताओं को पूरा करने के मामले में पूरे भारत में एक अग्रणी विश्वविद्यालय के रूप में स्थापित किया है।

उच्च शिक्षा संस्थानों में सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) पर केंद्रित दृष्टिकोण के महत्व को समझते हुएजेएमआई ने माननीय कुलपति प्रो. मजहर आसिफ़ और रजिस्ट्रार प्रो. मोहम्मद महताब आलम रिज़वी के नेतृत्व में संकाय सदस्यों और छात्रों की एक समर्पित टीम बनाई।

बूथ और कार्यशाला का उद्घाटन माननीय संसदीय और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री श्री किरेन रिजिजू ने कियाजिन्होंने 17 सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) से संबंधित जेएमआई की सर्वोत्तम प्रथाओं पर प्रकाश डालने वाली एक ब्रोशर भी जारी की। एसडीजी कार्यक्रम के समन्वयक प्रो. एहतेशामुल हक़ ने माननीय मंत्री को एसडीजी के प्रत्येक लक्ष्य के तहत जेएमआई की पहलों के बारे में बताया और उन्हें बताया कि स्कोपस के आंकड़ों के अनुसारजेएमआई ने एसडीजी से संबंधित 8,680 शोध पत्र प्रकाशित किए हैं। स्नातकस्नातकोत्तर और डॉक्टरेट के छात्रों ने श्री रिजिजू जी के समक्ष विभिन्न एसडीजी लक्ष्यों से संबंधित अपनी चल रही परियोजनाएं प्रस्तुत कीं। माननीय केंद्रीय मंत्री ने 2030 तक सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को प्राप्त करने के लिए जामिया मिल्लिया इस्लामिया द्वारा अपनाई गई सर्वोत्तम प्रथाओं की और बूथ पर इन्हें प्रदर्शित करने वाली टीम के काम की सराहना की जिन्होंने दूसरों के सीखनेसराहना करने और अनुसरण करने के लिए एक ब्रोशर के रूप में इनका सारांश भी प्रस्तुत किया। गौरतलब है कि 2015 में संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्यों द्वारा अपनाए गए सतत विकास के 2030 एजेंडे ने 17 विश्व सतत विकास लक्ष्य निर्धारित किए। इन वैश्विक लक्ष्यों का उद्देश्य जलवायु परिवर्तन से निपटने और महासागरों व जंगलों के संरक्षण के साथ-साथ लोगों और पृथ्वी के लिए शांति और समृद्धि सुनिश्चित करना है। ये सतत विकास लक्ष्य सतत विकास के पर्यावरणीयसामाजिक और आर्थिक पहलुओं के बीच संबंधों को उजागर करते हैं।

सतत विकास लक्ष्य कार्यशाला में तीन प्रख्यात वक्ता शामिल हुए: प्रो. प्रेरणा गौड़- निदेशकएनएसयूटीनई दिल्ली; डॉ. अनिल कुमार-निदेशकनवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालयभारत सरकारऔर श्री अभिनव जैनपरियोजना निदेशकजीआईजेड इंडिया। प्रो. एहतेशामुल हक़ ने कार्यशाला के दौरान अतिथियों का स्वागत किया और श्रोताओं को सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) की उत्पत्तिपृष्ठभूमि और उनके महत्व के बारे में जानकारी दी।

अपने संबोधन मेंमाननीय कुलपति प्रो. मज़हर आसिफ़ ने इस बात पर ज़ोर दिया कि सतत विकास लक्ष्य व्यक्तियों की दैनिक आदतों से गहराई से जुड़े हुए हैं और उन्होंने छात्रों से "अपने दैनिक जीवन में स्थायी और पर्यावरण के अनुकूल प्रथाओं को शामिल करने" का आग्रह किया। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि "इन लक्ष्यों का सार प्राचीन काल से ही भारतीय परंपराओं और जीवन शैली में अंतर्निहित रहा है।"

रजिस्ट्रार प्रो. मोहम्मद महताब आलम रिज़वी ने एक स्थायी जीवनशैली के महत्व पर ज़ोर दिया और "स्वच्छ ऊर्जाशून्य कार्बन उत्सर्जन और स्मार्ट परिवहन" की आवश्यकता पर ज़ोर दिया। उन्होंने 105वें स्थापना दिवस के अवसर पर जामिया की सर्वोत्तम प्रथाओं को प्रदर्शित करने के लिए सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) आयोजन टीम द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की।

इंजीनियरिंग संकाय के डीन प्रो. मोहम्मद शरीफ़ ने बढ़ते कार्बन उत्सर्जन पर चिंता व्यक्त की और राष्ट्रीय स्तर पर इसे कम करने के लिए कारगर रणनीतियाँ प्रस्तावित कीं। छात्र कल्याण की डीन प्रो. नीलोफर अफज़ल ने जामिया की छात्र-केंद्रित जागरूकता पहलोंजैसे 'नशा मुक्ति अभियान', जिसका उद्देश्य ज़िम्मेदार नागरिकता को बढ़ावा देना हैके बारे में विस्तार से बताया।

डॉ. अनिल कुमार ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत सरकार ने अक्षय ऊर्जा स्रोतों से बिजली उत्पादन के लक्ष्य निर्धारित किए हैं जिन्हें सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के अंतर्गत पूरा किया जाना है। प्रो. प्रेरणा गौर ने जेएमआई द्वारा प्रलेखित सर्वोत्तम प्रथाओं और मांग को पूरा करने के लिए विश्वविद्यालय के प्रयासों की सराहना की और एसडीजी लक्ष्यों को प्राप्त करने हेतु परियोजनाओं को शुरू करने हेतु आईईईई द्वारा वित्त पोषण योजनाओं की जानकारी दी। श्री अभिनव जैन ने छात्रों को सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के मूल सिद्धांतों की जानकारी दी और बिजलीखनन एवं अन्य क्षेत्रों में चुनौतियों का समाधान करने के लिए 25 मंत्रालयों के साथ जीआईजेड इंडिया के सहयोग के बारे में जानकारी दी। इस कार्यक्रम में कार्यक्रम के उद्योग भागीदारसीमेंस एनर्जी के डिज़ाइन इंजीनियरश्री मुनव्वर हुसैन और आईईईई जेएमआई छात्र शाखा ने भी भाग लिया।

प्रो. एहतेशामुल हक़ ने सतत विकास लक्ष्य कार्यक्रम के समन्वयक के रूप में कार्य कियाजबकि प्रो. शबाना महफूज़ सह-समन्वयक थीं। दोनों ने जेएमआई के कुलपति प्रो. आसिफ़ और रजिस्ट्रार प्रो. रिज़वी को जेएमआई में सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के उद्देश्यों को प्राप्त करने और 105वें स्थापना दिवस समारोह में उन्हें प्रदर्शित करने में उनके अटूट सहयोग के लिए धन्यवाद दिया।

प्रो. साइमा सईद

No comments:

Popular Posts