Thursday, November 13, 2025

JMI conducts a workshop on ‘Transforming Healthcare with Artificial Intelligence’

Department of Biosciences, JMI conducts a two-day hands-on workshop on ‘Transforming Healthcare with Artificial Intelligence’


 जैव विज्ञान विभागजामिया मिल्लिया इस्लामिया द्वारा ट्रांसफॉर्मिंग हेल्थकेयर विद आर्टिफिशियल इंटेलिजेन्सविषय पर दो दिवसीय व्यावहारिक कार्यशाला का आयोजन

जामिया मिल्लिया इस्लामिया के बायोसाइंसेज विभाग ने 10 और 11 नवंबर 2025 को "आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के साथ स्वास्थ्य सेवा में बदलाव" विषय पर दो दिवसीय व्यावहारिक बायोइन्फॉर्मेटिक्स कार्यशाला का आयोजन किया। संगोष्ठी का मूल विषय "इनोवेशन एडवांसमेंट्स इन बायोइन्फॉर्मेटिक्स" था। कार्यशाला के मुख्य अतिथि और मुख्य वक्ताप्रसिद्ध वैज्ञानिक और जेएनयू के स्कूल ऑफ कम्प्यूटेशनल एंड इंटीग्रेटिव साइंसेज के पूर्व डीनप्रो. एंड्रयू एम. लिन थे। प्रो. लिन ने कार्यशाला का उद्घाटन किया और "एआई इन बायोइन्फॉर्मेटिक्स: इंटिग्रेटिव एप्रोचेस इन कम्प्यूटेशनल ड्रग डिस्कवरी" पर मुख्य वक्तव्य  दिया।

कार्यक्रम की विशेष अतिथि जामिया मिल्लिया इस्लामिया की डीन अकादमिक मामलों की प्रोफेसर तनुजा थीं। प्रोफेसर तनुजा ने कार्यशाला के विषय की सराहना की और विश्वविद्यालय में समय-समय पर इस प्रकार के आयोजनों की आवश्यकता बताई। डीनअकादमिक मामलों ने एनईपी 2020 के अनुसार अकादमिक उत्कृष्टतासमावेशितानवाचार और पाठ्यक्रम विकास के बारे में भी बात की। व्यावहारिक प्रशिक्षण सत्र का मार्गदर्शन उद्योग विशेषज्ञों जैसे श्री आलोक आनंद (संस्थापकटेक मेड बडी)सुश्री सृष्टि सिंह (टेक मेड बडी)डॉ. तहसीन अब्बास (वैज्ञानिक प्रबंधकएक्सेलरा) और श्री वासुदेव सिंह (वरिष्ठ एआई इंजीनियर) ने किया। उनके व्याख्यानों और व्यावहारिक सत्रों ने जीवन विज्ञान में उभरते रुझानोंचुनौतियों और अवसरों के बारे में बहुमूल्य अंतर्दृष्टि प्रदान की और प्रतिभागियों ने स्वास्थ्य सेवा में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के कार्यान्वयन के बारे में सीखने का आनंद लिया। प्रतिभागियों में जीवन विज्ञान और स्वास्थ्य विज्ञान पृष्ठभूमि से पीजीपीएचडीपोस्टडॉक्टरल फेलो शामिल थे।

विभागाध्यक्ष एवं सम्मेलन की अध्यक्ष प्रो. मरियम सरदार ने प्रतिनिधियों का स्वागत किया और विभाग की प्रगति एवं उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने विभाग में सुस्पष्ट शोध संस्कृति पर ज़ोर दिया। जैव प्रौद्योगिकी विभागाध्यक्ष प्रो. मीतू गुप्तासीआईआरबीएससी के निदेशक प्रो. राजन पटेलफिजियोथेरेपी एवं पुनर्वास विज्ञान केंद्र की निदेशक प्रो. ज़ुबिया वेकारएमसीएआरएस के निदेशक प्रो. मोहम्मद हुसैन और जैव विज्ञान विभाग तथा अन्य विभागों के संकाय सदस्य भी उपस्थित थे। डॉ. मोहम्मद मोहसिन ने प्रतिनिधियों और अतिथियों का धन्यवाद किया। 

 डीयूजेएनयूएएमयूजामिया हमदर्दआईपीएमिटी और गौतम बुद्ध विश्वविद्यालयों जैसे विश्वविद्यालयों का प्रतिनिधित्व करने वाले लगभग 102 प्रतिभागियों को व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान किया गया। कार्यक्रम के दौरान कवर किए गए क्षेत्रों में चिकित्सा के लिए एआई और इसकी चुनौतियांपायथन फंडामेंटल पर हैंड्स ऑनमहामारी विज्ञान डेटा विश्लेषण के लिए बायोस्टैटिस्टिक्सहेल्थकेयर डेटा के लिए पूर्वानुमान मॉडलिंगएकल कोशिका आरएनए अनुक्रम डेटा विश्लेषण और फाउंडेशन मॉडल और हेल्थकेयर शामिल थे। ये सॉफ्टवेयर हेल्थकेयर में एआई के उपयोग में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। विभाग ने इस कार्यशाला को सफल बनाने में उनके समर्थन और मार्गदर्शन के लिए दूरदर्शी माननीय कुलपति प्रो मज़हर आसिफ़ और रजिस्ट्रार प्रो मोहम्मद महताब आलम रिज़वी के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त किया। कार्यशाला का समापन 11 नवंबर, 2025 को हुआ कार्यशाला की संयोजक डॉ. शाजिया हैदर थीं।

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