Friday, September 26, 2025

एमयू के प्रो. असद यू. खान कोएंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस राष्ट्रीय मिशन का नेतृत्व करने के

एएमयू के प्रो. असद यू. खान कोएंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस राष्ट्रीय मिशन का नेतृत्व करने के लिए प्रतिष्ठित आईसीएमआर अनुदान मिला

अलीगढ़, 25 सितम्बरः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय को देश में एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस (एएमआर) के विरूद्व लड़ाई में अहम जिम्मेदारी मिली है। एएमयू के बायोटेक्नोलॉजी यूनिट के प्रो. असद यू. खान को इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर)स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालयभारत सरकार से लगभग 2 करोड़ रुपये का अनुदान स्वीकृत हुआ है। इस परियोजना के तहत उत्तर भारत में एक विशेष एएमआर नोडल सेंटर स्थापित किया जाएगा।

इनोवेटिव टेक्नोलॉजीज टू डिटेक्ट एएमआर टू इम्प्रूव पेशेंट आउटकम्स इन इंडिया” शीर्षक से शुरू हुई इस परियोजना के पहले चरण में प्रमुख अस्पतालों लखनऊहल्द्वानीनोएडाआगरा और एएमयू के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज से नैदानिक नमूने एकत्र कर उनका विश्लेषण किया जाएगा। इस परियोजना में डॉ. राजेश पांडे (सीएसआईआर-आईजीआईबीनई दिल्ली) और प्रो. फातिमा खान (जेएनएमसीएएमयू) सह-प्रमुख अन्वेषक के रूप में सहयोग करेंगे।

शोध का मुख्य केन्द्र उन जीवाणुओं पर होगा जो कोलिस्टिन और कार्बापेनेम जैसे अंतिम विकल्प माने जाने वाले एंटीबायोटिक दवाओं के प्रति प्रतिरोधी हो गए हैं। इसके साथ ही अस्पतालों के वातावरण और जल स्रोतों के माध्यम से इनके फैलाव की भी निगरानी की जाएगी। यह परियोजना वन हेल्थ” दृष्टिकोण को अपनाती हैजिसमें मानवपशु और पर्यावरणीय स्वास्थ्य को एक-दूसरे से जुड़ा माना जाता है।

प्रो. असद खानजो पिछले दो दशकों से एएमआर शोध में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैंने कहा कि एएमआर एक मूक महामारी है जो चिकित्सा जगत की दशकों की उपलब्धियों को पलट सकती है। यह पहल भारत की निगरानी क्षमता को मजबूत करेगी और ऐसी जानकारी प्रदान करेगी जिससे राष्ट्रीय नीतियाँ बनाई जा सकेंगी।

आईसीएमआर द्वारा समर्थित यह परियोजना मरीजों के बेहतर इलाज और जनस्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण कदम साबित होगी और आने वाले वर्षों में लाखों जिंदगियों को बचाने में सहायक बनेगी।

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