Thursday, September 11, 2025

प्रो. नइमा खातून का भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी की फेलो के रूप में चयन


 एएमयू की कुलपति प्रो. नइमा खातून का भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी की फेलो के रूप में चयन

     अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की कुलपति और मनोविज्ञान विभाग की प्रोफेसरप्रो. नइमा खातून को प्रतिष्ठित भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी (आईएनएसए) की फेलो चुना गया है। इसकी घोषणा 9 सितम्बर 2025 को अकादमी की वार्षिक आम बैठक में की गई।

यह फेलोशिपजो 1 जनवरी 2026 से प्रभावी होगीभारत में विज्ञान और अकादमिक क्षेत्र में दिए जाने वाले सर्वाेच्च सम्मानों में से एक है। वर्ष 1935 में स्थापित आईएनएसए अपने क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान देने वाले विशेषज्ञों को फेलो के रूप में चुनती हैजिनका अनुभव और ज्ञान अकादमी के कार्यक्रमों और पहलों को और समृद्ध करता है।

अकादमी ने अपने संदेश में कहा कि प्रो. नइमा खातून का व्यापक अनुभव और गहन विशेषज्ञता अकादमी के उद्देश्यों के लिए अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगी और उनका चयन संस्थान को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाने में सहायक होगा।

अकादमी की परंपरा के अनुसारनव-निर्वाचित फेलो को आईएनएसए की वार्षिक आम बैठक में अपने चुने हुए विषय पर व्याख्यान देने के लिए आमंत्रित किया जाता है। इस बैठक का आयोजन 1 से 6 दिसम्बर 2025 तक नई दिल्ली में होगाजिसमें प्रो. नइमा खातून को भी आमंत्रित किया गया है।

अपनी कृतज्ञता व्यक्त करते हुए प्रो. नइमा खातून ने कहा कि आईएनएसए से मिला यह सम्मान उनके लिए गौरव की बात है और वह इसे केवल व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं बल्कि ज्ञान-सृजन और राष्ट्र-निर्माण के प्रति एएमयू की सतत प्रतिबद्धता का प्रमाण मानती हैं। उन्होंने कहा कि यह फेलोशिप उन्हें पूरे देश में उच्च शिक्षा के शैक्षणिक और शोध पारिस्थितिकी तंत्र को और अधिक सुदृढ़ बनाने की दिशा में कार्य करते रहने की प्रेरणा देगी।

इस उपलब्धि पर कुलपति को बधाई देते हुए एएमयू के प्रो-वाईस चांसलर प्रो. एम. मोहसिन खान ने कहा कि उनका आईएनएसए की फेलो के रूप में चयन विश्वविद्यालय के लिए अत्यंत गर्व का विषय है। उन्होंने कहा कि यह सम्मान न केवल उनकी व्यक्तिगत उपलब्धियों की पहचान है बल्कि एएमयू की शैक्षणिक और शोध उत्कृष्टता को भी प्रतिबिंबित करता है।

जनसम्पर्क कार्यालय की मेंबर-इन-चार्ज प्रो. विभा शर्मा ने कहा कि उनका आईएनएसए की फेलोशिप के लिए चुना जाना अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के लिए एक गौरवपूर्ण क्षण है और यह उच्च शिक्षाशोध तथा शैक्षणिक नेतृत्व में उनके दीर्घकालिक योगदान को रेखांकित करता है। उन्होंने कहा कि एएमयू को गर्व है कि उसके पास एक प्रख्यात शिक्षाविद् नेतृत्व की भूमिका में है।

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