M Saquib sensitising personnel about corneal blindness and the significance of pledging for eye donation at at RAF Battalion in Aligarh
104 बटालियन आरएएफ में एएमयू के नेत्र विज्ञान संस्थान द्वारा नेत्रदान जागरूकता अभियान
अलीगढ़, 1 सितम्बरः नेत्रदान पखवाड़ा के तहत अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कालिज के नेत्र विज्ञान संस्थान के नेत्र बैंक की ओर से सोमवार को 104 बटालियन आरएएफ, रामघाट रोड पर नेत्रदान जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम का आयोजन कमांडेंट विनोद कुमार के सहयोग से हुआ। इस दौरान विशेषज्ञों ने कॉर्नियल अंधत्व की रोकथाम और नेत्रदान के महत्व पर प्रकाश डाला।
जेएनएमसी के आप्थलमोलोजी विभाग के डॉ. एम. साक़िब ने बताया कि एक नेत्र दाता की बदौलत दो नेत्रहीन व्यक्तियों को दृष्टि मिल सकती है। उन्होंने कहा कि मृत्यु के छह घंटे के भीतर कॉर्निया सुरक्षित किया जा सकता है और इससे मृतक के चेहरे पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता। नेत्र बैंक की टीम चौबीसों घंटे सक्रिय रहती है ताकि शपथ लेने वाले व्यक्ति के निधन पर समय से नेत्र प्राप्त किए जा सकें।
कार्यक्रम में 50 से अधिक आरएएफ कर्मियों की आंखों की जांच की गई। उन्हें विभिन्न नेत्र रोगों और उनके बचाव के बारे में भी जानकारी दी गई। यह अभियान विभागाध्यक्ष प्रो. ए.के. अमितावा और प्रो. जिया सिद्दीकी (नेत्र बैंक प्रभारी, नेत्र विज्ञान संस्थान) के नेतृत्व में संचालित हो रहा है।
गौरतलब है कि इससे पूर्व 25 अगस्त को एएमयू नेत्र बैंक ने देहदान संस्था के सहयोग से विशेष मदर टेरेसा शेल्टर होम में नेत्रदान एवं नेत्र-जांच शिविर लगाया। इस शिविर का संचालन डॉ. अमन, डॉ. नदीम, डॉ. हर्षित, डॉ. सृष्टि और डॉ. शशांक ने किया।
कार्यक्रम में जेएनएमसीएच के स्नातक छात्रों आर्यन प्रताप सिंह, अभिनव कुमार, खदीजा फ़ातिमा, पलक गुप्ता और मोहम्मद सबूर ने नेत्रदान पर एक सड़क नाटक प्रस्तुत किया, जिसे मौजूद लोगों ने खूब सराहा। अंत में डॉ. साकिब ने सभी का आभार व्यक्त किया।
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