Saturday, December 27, 2025

YESummit 2025 Concludes Successfully at Jamia Millia Islamia,


 YESummit 2025 Concludes Successfully at Jamia Millia Islamia, Inspiring Youth Entrepreneurship and Innovation

जामिया मिल्लिया इस्लामिया में YESummit 2025 का सफलतापूर्वक समापनयुवा उद्यमिता और नवाचार को किया प्रेरित 

जामिया मिल्लिया इस्लामिया के सेंटर फॉर इनोवेशन एंड एंटरप्रेन्योरशिप (CIE) ने शुक्रवार, 19 दिसंबर, 2025 को यूनिवर्सिटी कैंपस में YESummit 2025 का सफलतापूर्वक आयोजन किया। इस दिन भर चले समिट में जाने-माने शिक्षाविदउद्योगपतिनीति निर्माताउद्यमी और छात्र एक साथ एक मंच पर आए ताकि युवा उद्यमितानवाचारसस्टेनेबिलिटी और सामाजिक प्रभाव को बढ़ावा दिया जा सके।

 

उद्घाटन सत्र में जामिया के रजिस्ट्रार प्रो. मो. महताब आलम रिज़वीइंजीनियरिंग एवं टेक्नोलॉजी फैकल्टी के डीन प्रो. मोहम्मद शरीफयूथएड फाउंडेशन के संस्थापक श्री मैथ्यू मट्टम, UPS के कंट्री मैनेजर श्री रविंद्र सिंह राठौरश्री गुलाम मुस्तफा और ALMEER सऊदी टेक्निकल कंपनी के प्रेसिडेंट और CEO सहित कई गणमान्य अतिथि मौजूद थे।

 

समिट की शुरुआत उद्घाटन सत्र से हुईजिसकी शुरुआत तिलावत-ए-कुरान से हुईइसके बाद CIE के निदेशक प्रो. रिहान खान सूरी ने स्वागत वक्तव्य दियाजिसमें उन्होंने सेंटर के नवाचार-संचालित और सामाजिक रूप से जिम्मेदार उद्यमियों को बढ़ावा देने के विजन पर प्रकाश डाला। CIE की प्रोफेसर इंचार्ज प्रो. सिमी मल्होत्रा ने अपने शुरुआती संबोधन में अनुभवात्मक शिक्षा और उद्योग-अकादमिक सहयोग के महत्व पर जोर दिया।

 

अध्यक्षीय वक्तव्य जामिया मिल्लिया इस्लामिया के माननीय कुलपति प्रो. मज़हर आसिफ़ ने दियाउन्होंने अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में नवाचारउद्यमिता और सामाजिक रूप से जिम्मेदार नेतृत्व को बढ़ावा देने में विश्वविद्यालयों की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि YESummit जैसे मंच छात्रों को वास्तविक दुनिया का अनुभव प्रदान करते हैंजिससे वे विचारों को प्रभावशाली उद्यमों में बदल सकते हैं। प्रो. आसिफ़ ने स्टार्टअप और कौशल विकास के लिए एक सक्षम इकोसिस्टम बनाने में सेंटर फॉर इनोवेशन एंड एंटरप्रेन्योरशिप के प्रयासों की सराहना कीऔर युवा प्रतिभाओं को उद्यमिता को केवल एक करियर विकल्प के रूप में नहींबल्कि राष्ट्र निर्माणरोजगार सृजन और समावेशी विकास के लिए एक शक्तिशाली उपकरण के रूप में अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। उद्घाटन सत्र के बादएडवांस्ड बेकरी ट्रेनिंग और बेसिक बेकरी ट्रेनिंग प्रोग्राम के छात्रों द्वारा बनाए गए बेकरी प्रोडक्ट्स सभी गणमान्य व्यक्तियों के सामने खूबसूरती से पेश किए गए। इस कदम की खूब सराहना हुई और इसने CIE के तहत चलाए जा रहे स्किल-बेस्ड ट्रेनिंग प्रोग्राम के माध्यम से विकसित व्यावहारिक कौशलरचनात्मकता और उद्यमिता क्षमता को दिखाया।

 

सम्मेलन में "सस्टेनेबिलिटी और सोशल इम्पैक्ट - ऐसे व्यवसाय बनाना जो समुदायों की मदद करें" विषय पर एक विचारोत्तेजक पैनल चर्चा भी हुईजिसमें प्रमुख उद्यमियों और स्टार्टअप इकोसिस्टम विशेषज्ञों ने भाग लिया। लंच के बाद के सत्र में एक ऊर्जावान स्टार्टअप पिचिंग प्रतियोगिता हुईजहाँ युवा इनोवेटर्स ने एक प्रतिष्ठित जूरी के सामने अपने व्यावसायिक विचारों को प्रस्तुत किया।

 

कार्यक्रम का समापन एक समापन सत्रविजेता टीमों को पुरस्कार वितरण और उद्योग जगत के नेताओं के प्रोत्साहन भरे शब्दों के साथ हुआजिसने युवाओं के बीच नवाचारउद्यमिता और कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए जामिया मिलिया इस्लामिया के CIE की प्रतिबद्धता को मजबूत किया।

 

YESummit 2025 जामिया मिलिया इस्लामिया के एक समावेशी और जीवंत उद्यमी इकोसिस्टम के निर्माण के निरंतर प्रयासों का प्रमाण था जो शिक्षा जगतउद्योग और समाज को जोड़ता है।

 

एएमयू के 25छात्रों का प्रतिष्ठित संस्थानों में चयन

 


एएमयू के 25छात्रों का प्रतिष्ठित संस्थानों में चयन

अलीगढ़, 23 दिसंबरः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के विभिन्न संकायों के 25 छात्रों का चयन ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट ऑफिस (जनरल) द्वारा आयोजित भर्ती अभियानों के माध्यम से किया गया।

वाणिज्यकलाप्रबंधनअभियांत्रिकी और विज्ञान संकायों के इन छात्रों का चयन स्वामी दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालयरीवा विश्वविद्यालयएमएमएएनटीसीडब्ल्यूएसपी इंडियाप्लैनेट स्पार्कटेलीसीआरएमलैंससॉफ्टहाइक एजुकेशन और मानसी गंगा इंजीनियर्स जैसे संस्थानों में हुआ है। चयनित छात्रों को असिस्टेंट प्रोफेसरबिजनेस डेवलपमेंट मैनेजरबिजनेस डेवलपमेंट काउंसलरइंजीनियर ट्रेनीजीआईएस स्पेशलिस्टबिजनेस एनालिस्ट और हेल्थकेयर रिक्रूटर जैसे पदों पर नियुक्ति दी गई है।

चयनित छात्रों में नफीस रजा (एमटेक)शाह अहमद शाकिर (एमटेक)नकुल सिंह राजपूत (बीवोक)जावरिया अकील (एमएससी जीआईएस एंड रिमोट सेंसिंग)मदीहा रहमान (एमएससी डेटा साइंस)अदनान जफर (बीटेक)अकमल अहमद (एमटेक)सादिया हसन (एमटेक)जुबीन अली (बीएड)हुमैरा रमजानी (एमकॉम)आजम अहमद (बीवोक)सैयद ऐमद अहमद जैदी (एमबीए)तल्हा रहीम (एमबीए)अली रजा (एमबीए)कुनाल पांडे (एमए)खान सबा मोहम्मद अजमल (पीजीडीबीएफ)आयशा हुसैन (एमबीए)चिराग कुमार (बीए)अल्फिया रिजवान (एमए)एनाब फातिमा (बीकॉम)समरीन (बीकॉम)आलिया अंसारी (बीकॉम)सैयद अब्दे सुभानी (बीटेक)जय्यान उल्लाह खान (बीटेक) और सबकत फारूक (एमए) शामिल हैं।

साद हमीदट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट ऑफिसर (जनरल)एएमयू ने कहा कि यह सामूहिक सफलता एएमयू छात्रों की अकादमिक उत्कृष्टताव्यावसायिक तैयारी और विभिन्न विषयों में उनकी बहुआयामी दक्षताओं को दर्शाती है।

Friday, December 26, 2025

एएमयू के पूर्व छात्र अमान आलम रॉयल एशियाटिक सोसाइटी के फेलो चुने गए


 Mr. Aman Alam 

एएमयू के पूर्व छात्र अमान आलम रॉयल एशियाटिक सोसाइटी के फेलो चुने गए

अलीगढ़, 26 दिसंबरः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के लिए गर्व का विषय है कि उसके पूर्व छात्र अमान आलम को ग्रेट ब्रिटेन और आयरलैंड की प्रतिष्ठित रॉयल एशियाटिक सोसाइटी (आरएएस) का फेलो चुना गया है। वर्ष 1823 में स्थापित यह संस्था दुनिया की सबसे पुरानी और सम्मानित शैक्षणिक संस्थाओं में से एक मानी जाती है। इस सम्मान के साथ आलम उन चुनिंदा अंतरराष्ट्रीय विद्वानों की सूची में शामिल हो गए हैं जो एशियाई इतिहाससाहित्य और संस्कृति के अध्ययन में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।

रॉयल एशियाटिक सोसाइटी से पहले भी रवींद्रनाथ टैगोरराजा राममोहन रायसर सैयद अहमद खानवायसराय लॉर्ड नॉर्थब्रुक और लॉर्ड विलिंगडनसर मैल्कम हेलीसर डब्ल्यू.डब्ल्यू. हंटरसर रिचर्ड बर्टन तथा प्रसिद्ध इतिहासकार विलियम डालरिम्पल जैसी महान हस्तियां जुड़ी रही हैंजिससे इस फेलोशिप की प्रतिष्ठा और बढ़ जाती है।

25 वर्षीय अमन आलम सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता हैं और वर्तमान में इंग्लैंड में बैरिस्टर की पढ़ाई कर रहे हैं। वे उत्तर प्रदेश के बदायूं के निवासी हैं और सातवीं पीढ़ी के वकील तथा एएमयू से कानून की पढ़ाई करने वाली चैथी पीढ़ी के सदस्य हैं। उन्होंने वर्ष 2022 में एएमयू से बीएएलएलबी (ऑनर्स) की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद वे सुप्रीम कोर्ट के एक न्यायाधीश के शोध सहायक के रूप में भी कार्य कर चुके हैं। उन्हें सुप्रीम कोर्ट में सबसे कम उम्र के स्टैंडिंग काउंसिल और एमिकस क्यूरी नियुक्त होने का गौरव भी प्राप्त है।

एक दुर्लभ और ऐतिहासिक संयोग मेंउनके परदादा चाचा मौलवी मोहम्मद हुजूर आलमजो स्वयं एएमयू के पूर्व छात्र और एएमयू राइडिंग क्लब के पूर्व कप्तान थेलगभग सौ वर्ष पहले यानी 1923 के आसपास इसी सोसाइटी के फेलो चुने गए थे। अमन आलम का यह चयन उस गौरवशाली परंपरा को फिर से जीवंत करता है और एएमयू तथा उसके वैश्विक पूर्व छात्र समुदाय का मान बढ़ाता है।

JMI's India-Arab Cultural Centre organizes an International Conference on ' Sardar Vallabh Bhai Patel

 


JMI's India-Arab Cultural Centre organizes an International Conference on ' Sardar Vallabh Bhai Patel: Life Works and Indian Muslims'

 जामिया के इंडिया-अरब कल्चरल सेंटर ने 'सरदार वल्लभ भाई पटेल: व्यक्तित्वकृतित्व और भारतीय मुसलमानविषय पर एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का किया आयोजन

 

इंडिया-अरब कल्चरल सेंटर जामिया मिल्लिया इस्लामिया ने 22-23 दिसंबर 2025 को ‘सरदार वल्लभ भाई पटेल: व्यक्तित्वकृतित्व और भारतीय मुसलमान’ विषय पर एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया। सम्मेलन का उद्घाटन सत्र 22 दिसंबर 2025 को सुबह 11:30 बजे इंडिया अरब कल्चरल सेंटर जेएमयू के कॉन्फ्रेंस हॉल में आयोजित किया गया। आयते कुरान की तिलावत के बाद सेंटर के डायरेक्टर प्रो. नासिर रज़ा खान ने सबसे पहले कार्यक्रम में मौजूद मेहमानों का स्वागत और अभिनन्दन कियाफिर उन्होंने मेहमानों का परिचय कराया। इस सत्र में प्रो. मज़हर आसिफ़ (माननीय कुलपतिजामिया मिल्लिया इस्लामिया)डॉ. रिज़वान कादरी (प्रधानमंत्री संग्रहालय और पुस्तकालय सोसायटी के सदस्य)श्री याह्या अलदुघैशी (सल्तनत ऑफ़ ओमान दूतावास)प्रो. मोहम्मद मुस्लिम खान (डीनफैकल्टी ऑफ़ सोशल साइंसेजजेएमयू), इतिहास विभाग एएमयू से प्रो. मोहम्मद सज्जाद और विभिन्न विश्वविद्यालयों के फैकल्टी और विद्वान मौजूद थे।

 

प्रो. नासिर रज़ा खान ने सम्मेलन के विषय की प्रासंगिकता के बारे में बताया। प्रो. खान ने सम्मेलन के आयोजन और अध्यक्षीय भाषण देने के लिए माननीय कुलपतिप्रो. मज़हर आसिफ़ को धन्यवाद दिया। उन्होंने सम्मेलन को समर्थन देने में उदारता दिखाने के लिए जेएमयू के रजिस्ट्रारप्रो. (डॉ.) मोहम्मद महताब आलम रिज़वी के प्रति भी आभार व्यक्त किया। उन्होंने सम्मेलन के आयोजन के लिए सह-वित्तपोषण के लिए इंडियन काउंसिल ऑफ़ हिस्टोरिकल रिसर्च (ICHR) के प्रति भी आभार व्यक्त किया।

 

सम्मेलन के बारे में बात करते हुएप्रोफ़ेसर खान ने बताया कि इस सम्मेलन का मकसद सरदार पटेल की विरासत और सांप्रदायिक सद्भाव पर इसके असर के बारे में बातचीत को बढ़ावा देना और गहरी समझ पैदा करना है। अलग-अलग नज़रियों के लिए एक मंच बनाकरआयोजकों को उम्मीद है कि वे उन बारीक ऐतिहासिक कहानियों को सामने ला पाएंगे जो अक्सर छिपी रह जाती हैं। उन्होंने बताया कि निज़ामुद्दीन दरगाह के इतिहास की उनकी खोज ने उन्हें सरदार पटेल पर एक सम्मेलन आयोजित करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने बताया कि पटेल ने 1947 में निज़ामुद्दीन दरगाह का दौरा किया था और बंटवारे के मुश्किल समय में इसकी सुरक्षा सुनिश्चित की थी। उन्होंने सरदार वल्लभभाई पटेल और भारतीय मुसलमानों के बीच संबंधों के बारे में छिपी और अनकही सच्चाइयों पर चर्चा करने के लिए शिक्षाविदों को एक साथ लाने की ज़रूरत के बारे में बात की। सम्मेलन का मकसद बातचीत को बढ़ावा देना और प्रतिभागियों के बीच विचारों के आदान-प्रदान के ज़रिए नए समाधानों को प्रेरित करना है। श्री याह्या अलदुघैशी (सल्तनत ऑफ़ ओमान दूतावास) ने इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर भाषण देने के लिए आमंत्रित करने के लिए आयोजकों को धन्यवाद दिया। उन्होंने ओमान के साथ भारत के संबंधों के संदर्भ में भारतीय मुसलमानों के साथ पटेल के संबंधों के बारे में बताया। जामिया मिल्लिया इस्लामिया के सोशल साइंसेज फैकल्टी के डीन प्रो. मोहम्मद मुस्लिम खान ने देश को एकजुट करने में सरदार पटेल की भूमिका के साथ-साथ भारत के बंटवारे के समय मुसलमानों और हिंदुओं के बीच शांति और सद्भाव बनाए रखने के उनके प्रयासों के बारे में बताया। मुस्लिम खान ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया और इसके पूर्व कुलपति डॉ. ज़ाकिर हुसैन के साथ पटेल के गहरे जुड़ाव पर प्रकाश डालाजिसकी जड़ें उनके शुरुआती राजनीतिक जीवन के दौरान पटेल के नेतृत्व में हुए बारडोली आंदोलन में उनकी साझा भागीदारी में थीं। उन्होंने दर्शकों को बताया कि उस बहुत ही मुश्किल समय में भारत के गृह मंत्री होने के नाते सरदार पटेल ने स्थिति को बहुत अच्छी तरह से संभालाजहाँ उन्होंने व्यक्तिगत रूप से न केवल दिल्ली में विभिन्न शरणार्थी शिविरों का दौरा कियाबल्कि उन्होंने निज़ामुद्दीन दरगाह का भी दौरा कियाजहाँ उन्होंने अधिकारियों को दरगाह के किसी भी हिस्से को नुकसान न पहुँचाने का निर्देश दिया।

 

डॉ. रिज़वान कादरी ने मुख्य भाषण दियाजिसमें उन्होंने सरदार वल्लभभाई पटेल के जीवन से जुड़ी कई कम जानी-पहचानी कहानियों पर रोशनी डाली। उन्होंने इतिहासकारों और विद्वानों को सरदार पटेल की फाइलों को देखने के लिए आमंत्रित किया और क्षेत्रीय और स्थानीय ऐतिहासिक रिकॉर्ड पर आधारित रिसर्च की तत्काल ज़रूरत पर ज़ोर दिया। उन्होंने मौलाना गुलाम रसूलजिन्हें इमाम साहब के नाम से जाना जाता हैके साथ अपने रिश्ते के बारे में बात कीजिनके बारे में उन्होंने एक बार कहा था कि जब भी मैं उदास महसूस करता हूं और संकट में होता हूंतो मुझे इमाम साहब से ताकत और मार्गदर्शन मिलता है। उन्होंने मौलाना हसरत मोहानी के साथ अपने रिश्ते के बारे में भी बतायाजिनका नारा इंकलाब जिंदाबाद सरदार पटेल ने खुद अहमदाबाद से शुरू किया था। उन्होंने यह भी बताया कि उन्होंने उन मुस्लिम लीग समर्थकों को माफ कर दिया था जिन्होंने पहले सरदार पर हमला किया था।

 

जामिया के कुलपति प्रो. मज़हर आसिफ़ ने रिसर्च करने वालों से क्षेत्रीय भाषाओंखासकर गुजराती में उपलब्ध प्राइमरी सोर्स के ज़रिए सरदार वल्लभभाई पटेल के जीवन और विरासत को जानने का आग्रह किया। उन्होंने बंटवारे के मुश्किल सालों के दौरान गृह मंत्री के तौर पर पटेल की भूमिका की बारीकी से जांच करने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया। इस बात पर ज़ोर देते हुए कि पटेल का अध्ययन बड़े स्तर पर किया जाना चाहिएवाइस-चांसलर ने कहा कि भारतीय धर्मनिरपेक्षता की गहरी समझ के लिए यह खोज ज़रूरी है। उन्होंने यह भी बताया कि देश में उर्दू प्रसारण सरदार पटेल ने ही शुरू किया थाजो सूचना और प्रसारण मंत्री थे। सिर्फ़ यही नहींउन्होंने उर्दू में 'आजकलपत्रिका शुरू करने में भी मदद की। जब धर्म की बात आती हैतो उन्होंने मदन मोहन मालवीय के एक बहुत मशहूर बयान का ज़िक्र किया, "जैसे मौलाना आज़ाद मुस्लिम हैंवैसे ही सरदार हिंदू हैं।" वहांराष्ट्र निर्माता के तौर पर उनकी भूमिका को उनके धर्म के नज़रिए से नहींबल्कि राजनेता और नेता के तौर पर उनके कामों के नज़रिए से देखा जाता है।

 

सत्र का समापन IACC के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. आफताब अहमद द्वारा दिए गए औपचारिक धन्यवाद प्रस्ताव के साथ हुआजिन्होंने सत्र के मुख्य अतिथिजेएमयू के माननीय वाइस चांसलरप्रो. मज़हर आसिफ़मुख्य वक्ता डॉ. रिज़वान कादरीश्री याह्या अलदुघैशी (सल्तनत ऑफ़ ओमान दूतावास)प्रो. मोहम्मद मुस्लिम खान (डीनफैकल्टी ऑफ़ सोशल साइंसेजजेएमयू); इतिहास विभागएएमयू के प्रो. मोहम्मद सज्जादऔर वहां मौजूद विभिन्न विश्वविद्यालयों के फैकल्टी और विद्वानों को धन्यवाद दिया।

 

CME and Alumni Meet 2025 Held at AMU’s Department of Otorhinol

 


Prof Naima Khatoon with Prof. Mohsin Khan Prof. Saurabh Varshney and Prof. Mohammad Aftab presenting the memento to the Prof Abrar Hasan during the CME and Alumni Meet at Department of Otorhinol 


Prof. Saurabh Varshney addressing the CME and Alumni Meet at Department of Otorhinolaryngology on dias Prof. Naima Khatoon, Prof. Mohsin Khan, Prof. Mohd. Khalid, Prof. Anjum Parvez, Prof. Mohammad Aftab Ahmad

CME and Alumni Meet 2025 Held at AMU’s Department of Otorhinolaryngology

ALIGARH, December 24: The Department of Otorhinolaryngology, Jawaharlal Nehru Medical College, Aligarh Muslim University, organised CME and Alumni Meet 2025, combining academic deliberations with alumni engagement and professional interaction.

The programme drew 72 delegates from India and abroad. The inaugural session was graced by Vice-Chancellor Prof. Naima Khatoon as Chief Guest and Pro Vice-Chancellor Prof. Mohsin Khan as Guest of Honour, along with senior faculty of the Faculty of Medicine.

The CME featured a keynote lecture by Prof. Saurabh Varshney, Dean (Academics), AIIMS Rishikesh, on the effects of mobile phone radiation. Scientific sessions included a panel discussion on thyroid malignancies and invited lectures by Dr. Ambesh Singh (New Delhi), Dr. Mohammad Ashraf (SSMC Rewa), Dr. Amit Kumar (AIIMS Rishikesh) on robotic thyroid surgery, and Dr. Jabir Bin Umar KP (Kerala) on rhinoplasty.

Former faculty members of the department were felicitated for their contributions to its academic growth.

The valedictory session was presided over by former Vice-Chancellor Prof. Mohd. Gulrez, who appreciated the department’s academic vision. Dean, Faculty of Medicine, Prof. Mohd. Khalid, and Principal and CMS, JNMCH, Prof. Anjum Parvez, highlighted the role of alumni and academic programmes in improving patient care.

Organising Chairman Prof. Mohammad Aftab and Organising Secretary Dr. Aftab Ahmed thanked alumni and the organising team, including Dr. Mehtab Alam, Dr. Saadia Islam, Dr. Abdur Rahman (Honorary Treasurer) and Dr. Sabeeh Beig, for their dedicated efforts. The event concluded with a lunch, marking the successful completion of the CME and Alumni Meet 2025. Dr Bushra Siddiqui Conducted the programme.

 

Public Relations Office
Aligarh Muslim University

JMI holds a symposium to mark National Mathematics Day


 जामिया ने राष्ट्रीय गणित दिवस मनाने के लिए एक संगोष्ठी का आयोजन किया

जामिया मिल्लिया इस्लामिया (JMI), नई दिल्ली के गणित विभाग ने 22 दिसंबर 2025 को राष्ट्रीय गणित दिवस पर एक संगोष्ठी का आयोजन कियाताकि महान भारतीय गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन की जयंती मनाई जा सके और उनकी स्थायी विरासत का जश्न मनाया जा सके। इस कार्यक्रम का उद्देश्य गणितीय जागरूकता को बढ़ावा देनायुवा शोधार्थियों को प्रेरित करना और गणितीय अनुसंधान में समकालीन विकास को उजागर करना था।

 

संगोष्ठी की शुरुआत जामिया मिल्लिया इस्लामिया के यूनिवर्सिटी पॉलिटेक्निक ऑडिटोरियम में आयोजित एक उद्घाटन समारोह से हुई। उद्घाटन सत्र में प्रतिष्ठित शिक्षाविदों और गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लियाजिन्होंने छात्रों और शोधकर्ताओं के बीच वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देने और गणितीय प्रतिभा को पोषित करने में राष्ट्रीय गणित दिवस के महत्व पर जोर दिया। मुख्य अतिथिप्रो. सईद उद्दीनडीनविज्ञान संकायजेएमआई ने सभा को संबोधित किया और रामानुजन के योगदान के वैश्विक प्रभाव और अंतर-विषयक अनुसंधान और राष्ट्रीय विकास में गणित की भूमिका पर प्रकाश डाला। उद्घाटन सत्र में जेएमआई के गणित विभाग के प्रमुख प्रो. अरशद खान ने भी स्वागत भाषण दियाजिन्होंने मेहमानों और प्रतिभागियों का गर्मजोशी से स्वागत किया और संगोष्ठी के उद्देश्यों की रूपरेखा प्रस्तुत की।

 

संगोष्ठी के शैक्षणिक सत्रों में प्रतिष्ठित राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों के प्रतिष्ठित गणितज्ञों द्वारा दिए गए पांच आमंत्रित व्याख्यान शामिल थे। आमंत्रित वक्ताओं में प्रो. अजय कुमार (दिल्ली विश्वविद्यालय)प्रो. के. श्रीनाथ (भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली)प्रो. वाहिद रूमी (अजरबैजान विश्वविद्यालयईरान)प्रो. ओविडियू बगदासर (यूनिवर्सिटी ऑफ डर्बीयूनाइटेड किंगडम)और प्रो. शांता लैशराम (भारतीय सांख्यिकी संस्थानदिल्ली) शामिल थे। प्रत्येक वक्ता ने गणितीय अनुसंधान के समकालीन क्षेत्रों पर ज्ञानवर्धक व्याख्यान प्रस्तुत किएजिसमें सैद्धांतिक गहराई को अनुप्रयोगों के साथ मिलाया गयाऔर श्रीनिवास रामानुजन द्वारा अनुकरणीय नवाचार की भावना को दर्शाया गया। व्याख्यानों ने सक्रिय चर्चाओं को जन्म दिया और प्रतिभागियोंविशेष रूप से शोधर्थियों और स्नातकोत्तर छात्रों को मूल्यवान अनुभव प्रदान किया।

 

संगोष्ठी में 80 से अधिक प्रतिनिधियों ने उत्साहपूर्वक भाग लियाजिसमें जामिया मिल्लिया इस्लामिया के संकाय सदस्यपीएचडी शोधार्थी और एमएससी छात्र शामिल थेसाथ ही भारत के विभिन्न हिस्सों के विभिन्न संस्थानों के प्रतिभागी भी शामिल थे। इंटरैक्टिव सत्रों ने प्रतिभागियों के बीच शैक्षणिक आदान-प्रदाननेटवर्किंग और बौद्धिक जुड़ाव को सुविधाजनक बनाया। इस कार्यक्रम को जामिया मिल्लिया इस्लामिया के गणित विभाग के डॉ. अखलाक हुसैन और प्रो. एम. याह्या अब्बासी ने कुशलता से कोऑर्डिनेट कियाजिनके प्रयासों से संगोष्ठी का सुचारू संचालन और शैक्षणिक सफलता सुनिश्चित हुई।

 

कुल मिलाकरराष्ट्रीय गणित दिवस पर संगोष्ठी एक महत्वपूर्ण शैक्षणिक कार्यक्रम था जिसने श्रीनिवास रामानुजन की विरासत का उचित सम्मान किया और गणित में शिक्षण और अनुसंधान में उत्कृष्टता के प्रति जामिया मिल्लिया इस्लामिया की प्रतिबद्धता को मजबूत किया।

 

 

प्रो. साइमा सईद

मुख्य जनसंपर्क अधिकारी

Tuesday, December 23, 2025

प्रो. सुबुही खान ने कश्मीर विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय गणित दिवस 2025 के अवसर पर एक ऑनलाइन आमंत्रित व्याख्यान दिया।

 


राष्ट्रीय गणित दिवस पर एएमयू की प्रोफेसर ने गणित की सुंदरता पर प्रकाश डाला

अलीगढ़, 23 दिसंबरः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के गणित विभाग की प्रो. सुबुही खान ने कश्मीर विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय गणित दिवस 2025 के अवसर पर आयोजित मैथ फेस्ट के दौरान एक ऑनलाइन आमंत्रित व्याख्यान दिया। यह दो-दिवसीय आयोजन 22 और 23 दिसंबर को महान गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन की 138वीं जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया था।

अपने व्याख्यान डिस्कवरिंग मैथेमैटिक्स अराउंड अस” में प्रो. खान ने कहा कि गणित केवल पुस्तकों और कक्षाओं तक सीमित नहीं हैबल्कि यह प्रकृति और दैनिक जीवन में गहराई से समाया हुआ है। उन्होंने गणितीय विचारों के विकास की यात्रा पर प्रकाश डालते हुए उन शास्त्रीय अवधारणाओं का उल्लेख कियाजिन्होंने सदियों से इस विषय को आकार दिया है।

सरल और दृश्यात्मक उदाहरणों के माध्यम से उन्होंने बताया कि प्राकृतिक घटनाओं और वास्तविक जीवन की परिस्थितियों में गणितीय पैटर्न किस प्रकार दिखाई देते हैं। उनके व्याख्यान ने छात्रोंशिक्षकों और शोधकर्ताओं की विशेष रुचि आकर्षित की। प्रो. खान ने गणित के विकास में भारतीय गणितज्ञों के महत्वपूर्ण योगदान को भी रेखांकित किया और विभिन्न गणितीय शाखाओं के व्यावहारिक उपयोगों की व्याख्या की।

कश्मीर विश्वविद्यालय के गणित विभाग ने राष्ट्रीय गणित दिवस के अवसर पर अनेक शैक्षणिक और जन-संपर्क गतिविधियां आयोजित कींजिनमें प्रतिष्ठित गणितज्ञों के व्याख्यानयुवा शोधार्थियों की प्रस्तुतियां और स्कूली छात्रों के लिए संवादात्मक सत्र शामिल थे। इन सत्रों में विभिन्न संस्थानों के लगभग 150 स्कूली छात्रों ने भाग लिया।

एएमयू के 25छात्रों का प्रतिष्ठित संस्थानों में चयन

 एएमयू के 25छात्रों का प्रतिष्ठित संस्थानों में चयन

अलीगढ़, 23 दिसंबरः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के विभिन्न संकायों के 25 छात्रों का चयन ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट ऑफिस (जनरल) द्वारा आयोजित भर्ती अभियानों के माध्यम से किया गया।

वाणिज्यकलाप्रबंधनअभियांत्रिकी और विज्ञान संकायों के इन छात्रों का चयन स्वामी दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालयरीवा विश्वविद्यालयएमएमएएनटीसीडब्ल्यूएसपी इंडियाप्लैनेट स्पार्कटेलीसीआरएमलैंससॉफ्टहाइक एजुकेशन और मानसी गंगा इंजीनियर्स जैसे संस्थानों में हुआ है। चयनित छात्रों को असिस्टेंट प्रोफेसरबिजनेस डेवलपमेंट मैनेजरबिजनेस डेवलपमेंट काउंसलरइंजीनियर ट्रेनीजीआईएस स्पेशलिस्टबिजनेस एनालिस्ट और हेल्थकेयर रिक्रूटर जैसे पदों पर नियुक्ति दी गई है।

चयनित छात्रों में नफीस रजा (एमटेक)शाह अहमद शाकिर (एमटेक)नकुल सिंह राजपूत (बीवोक)जावरिया अकील (एमएससी जीआईएस एंड रिमोट सेंसिंग)मदीहा रहमान (एमएससी डेटा साइंस)अदनान जफर (बीटेक)अकमल अहमद (एमटेक)सादिया हसन (एमटेक)जुबीन अली (बीएड)हुमैरा रमजानी (एमकॉम)आजम अहमद (बीवोक)सैयद ऐमद अहमद जैदी (एमबीए)तल्हा रहीम (एमबीए)अली रजा (एमबीए)कुनाल पांडे (एमए)खान सबा मोहम्मद अजमल (पीजीडीबीएफ)आयशा हुसैन (एमबीए)चिराग कुमार (बीए)अल्फिया रिजवान (एमए)एनाब फातिमा (बीकॉम)समरीन (बीकॉम)आलिया अंसारी (बीकॉम)सैयद अब्दे सुभानी (बीटेक)जय्यान उल्लाह खान (बीटेक) और सबकत फारूक (एमए) शामिल हैं।

साद हमीदट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट ऑफिसर (जनरल)एएमयू ने कहा कि यह सामूहिक सफलता एएमयू छात्रों की अकादमिक उत्कृष्टताव्यावसायिक तैयारी और विभिन्न विषयों में उनकी बहुआयामी दक्षताओं को दर्शाती है।

Sunday, December 21, 2025

JMI's Professor Dr. Aman Chowdhry Secures Prestigious International Fellowship Grant

 


JMI's Professor of Oral Pathology and Microbiology, Faculty of Dentistry, Dr. Aman Chowdhry Secures Prestigious International Fellowship Grant

जामिया के ओरल पैथोलॉजी और माइक्रोबायोलॉजी के प्रोफेसरफैकल्टी ऑफ डेंटिस्ट्रीडॉ. अमन चौधरी को मिली प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय फेलोशिप ग्रांट

 

जामिया मिल्लिया इस्लामिया (जेएमआईके फैकल्टी ऑफ डेंटिस्ट्री में ओरल पैथोलॉजी और माइक्रोबायोलॉजी के प्रोफेसरप्रो. (डॉ.) अमन चौधरी को जापान डेंटल एसोसिएशन (JDA) द्वारा वित्तीय वर्ष 2026 के लिए अपने अंतर्राष्ट्रीय वैज्ञानिक विनिमय कोष के तहत एक प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय फेलोशिप प्रदान की गई है।

 

फेलोशिप एप्लीकेशन को JMI और इंडियन डेंटल एसोसिएशन ने मिलकर सपोर्ट किया था। यह रिसर्च फेलोशिप ओरल डिस्प्लास्टिक और मैलिग्नेंट घावों के मॉलिक्यूलर कैरेक्टराइजेशन पर केंद्रित होगीजो ओरल कैंसर रिसर्च में प्रगति में योगदान देगी।

एक आधिकारिक सूचना में, JDA ने डॉ. चौधरी को बताया कि उसके बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने उन्हें 2026-2027 की अवधि के लिए फेलोशिप के लिए चुना हैजिसमें JPY 150,000/महीने का स्टाईपेंड मिलेगा। इस फेलोशिप को डेंटल शोधकर्ताओं के लिए सबसे सम्मानित अंतर्राष्ट्रीय अवसरों में से एक माना जाता हैजो उन्हें अपनी शैक्षणिक गतिविधियोंरिसर्च विशेषज्ञता और वैश्विक वैज्ञानिक जुड़ाव को बढ़ाने में सक्षम बनाता है।

 

इस उपलब्धि पर डॉ. चौधरी को बधाई देते हुएफैकल्टी ऑफ डेंटिस्ट्री की डीन प्रोफेसर कीया सरकार ने कहा कि ऐसी अंतर्राष्ट्रीय फेलोशिप फैकल्टी सदस्यों को अमूल्य अनुभव प्रदान करती हैं। उन्होंने कहा कि वे न केवल व्यक्तिगत विशेषज्ञता को समृद्ध करती हैंबल्कि फैकल्टी ऑफ डेंटिस्ट्री के समग्र शैक्षणिक विकास और वैश्विक स्थिति में भी महत्वपूर्ण योगदान देती हैं।

 

डॉ. चौधरी का चयन जेएमआई  के डेंटल समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर हैजो मौखिक स्वास्थ्य विज्ञान में उत्कृष्टताअंतर्राष्ट्रीय सहयोग और उच्च गुणवत्ता वाले रिसर्च के प्रति विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है।


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