Wednesday, December 31, 2025

Silver Jubilee Reunion Bazm-e-Tarab BUMS Batch 2000 of Ajmal Khan Tibbiya college

 




Prof. Mohammad Idris, Prof. Tajuddin, Prof. Syed Mohammad Safdar Ashraf and Prof. Badrudduja Khan with the Alumni and teachers during the Silver Jubilee Reunion Bazm-e-Tarab BUMS Batch 2000 of Ajmal Khan Tibbiya college

अजमल खान तिब्बिया कॉलेज के बूम्स 2000 बैच का रजत जयंती पुनर्मिलन बज्म-ए-तरब” आयोजित

अलीगढ़, 31 दिसंबरः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के यूनानी चिकित्सा संकाय अजमल खान तिब्बिया कॉलेज (एकेटीसी) के बीयूएमएस वर्ष 2000 बैच के पूर्व छात्रों ने अपनी पढ़ाई के 25 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में रजत जयंती पुनर्मिलन समारोह बज्म-ए-तरब” का आयोजन किया।

यह आयोजन न केवल पूर्व छात्रों के आपसी मेल-मिलाप का अवसर थाबल्कि उस संस्थान के प्रति कृतज्ञता का भी प्रतीक थाजिसने उनके शैक्षणिक और व्यावसायिक जीवन को दिशा दी।

उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता एएमयू के पूर्व कुलपति प्रो. मोहम्मद गुलरेज ने की। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रो. मोहम्मद इदरीस, (एकेटीसी के पूर्व छात्र एवं पूर्व प्राचार्यआयुर्वेदिक एवं यूनानी तिब्बिया कॉलेजदिल्ली सरकार) रहेजबकि प्रो. ताजुद्दीनपूर्व डीनयूनानी चिकित्सा संकायएएमयूविशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे।

सभा को संबोधित करते हुए प्रो. मोहम्मद गुलरेज ने कहा कि पूर्व छात्र विश्वविद्यालय का अभिन्न अंग होते हैं और उन्हें हर संभव रूप में विश्वविद्यालय के विकास में योगदान देना चाहिए। यूनानी चिकित्सा संकाय के डीन प्रो. सैयद मोहम्मद सफदर अशरफ तथा अजमल खान तिब्बिया कॉलेज के प्राचार्य प्रो. बदरुद्दुजा खान ने पूर्व छात्रों का स्वागत करते हुए उनके सक्रिय सहयोग की संभावनाओं पर प्रकाश डाला।

कार्यक्रम की आयोजन सचिव डॉ. सुंबुल रहमान ने अतिथियोंवर्तमान व पूर्व शिक्षकों तथा बीयूएमएस 2000 बैच के पूर्व छात्रों का स्वागत किया। उन्होंने यूनानी शिक्षा में योगदान देने वाले दिवंगत शिक्षकों को श्रद्धांजलि भी अर्पित की।

कार्यक्रम में वक्ताओं ने विश्वविद्यालय के विकास और प्रगति में पूर्व छात्रों की अहम भूमिका पर जोर दिया। इसके बाद पूर्व छात्रों ने अपने कॉलेज और विश्वविद्यालय के प्रमुख स्थलों का भ्रमण किया और अपने छात्र जीवन की यादें ताजा कीं।

शाम को गजल संगीत कार्यक्रम का आयोजन किया गया। देश के विभिन्न हिस्सों कश्मीरकर्नाटक और बिहार सहित से 51 पूर्व छात्र-छात्राओं ने इस पुनर्मिलन में भाग लिया।

वरिष्ठ शिक्षकों प्रो. नईम अहमद खानप्रो. अब्दुल लतीफप्रो. एम. एम. एच. सिद्दीकी और प्रो. एफ. एस. शेरानी तथा पूर्व छात्र डॉ. मोहम्मद जुबैर ने अपने विचार साझा किए। धन्यवाद ज्ञापन डॉ. फैजान-ए-इलाही ने प्रस्तुत कियाजबकि कार्यक्रम का संचालन डॉ. अरशद जमालडॉ. गजाला रहमान और डॉ. तनवीर फातिमा ने किया।

कार्यक्रम के दूसरा दिन बज्म-ए-तरब फैमिली फन फिएस्टा” के रूप में मनाया गयाजिसमें पूर्व छात्र अपने परिवारों के साथ शामिल हुए। समापन कॉलेज लॉन में सामूहिक भोज के साथ हुआ।

इस रजत जयंती पुनर्मिलन का सफल आयोजन डॉ. अजीज-उर-रहमान (सह-आयोजन सचिव)डॉ. मोहम्मद शोएब (संयोजक) और डॉ. एस. एम. आलिम (कोषाध्यक्ष) के समन्वय से संपन्न हुआ।


जामिया मिल्लिया इस्लामिया में तिमाही हिंदी कार्यशाला का आयोजन

 


जामिया मिल्लिया इस्लामिया में तिमाही हिंदी कार्यशाला का आयोजन

 

राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय, भारत सरकार के निर्देशानुसार केंद्र सरकार के प्रत्येक कार्यालय के लिए प्रत्येक तिमाही में हिंदी कार्यशाला का आयोजन किया जाना अनिवार्य है। इसी को ध्यान में रखते हुए विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति और कुलसचिव के संरक्षण में जामिया मिल्लिया इस्लामिया में आज दिनांक 31.12.2025 को टिप्पण-प्रारूपण (नोटिंग-ड्राफ्टिंग) विषय पर हिंदी कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में विषय- विशेषज्ञ के रूप में श्रीमती विनीता तिवारी, सहायक निदेशक, राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय रहीं। श्रीमती विनीता तिवारी का स्वागत सुश्री फ़रहा जैदी, कुलसचिव सचिवालय, जामिइ द्वारा किया गया। कार्यशाला में जामिया मिल्लिया इस्लामिया के अनुभाग अधिकारियों, सहायकों, यूडीसी तथा एलडीसी ने भाग लिया।

 

इस कार्यशाला का उद्देश्य विश्वविद्यालय के कर्मचारियों/अधिकारियों को अपना कार्यालयी कार्य राजभाषा हिंदी में सही प्रकार से करने के बारे में प्रशिक्षण प्रदान करना था। कार्यशाला के दौरान श्रीमती विनीता तिवारी द्वारा पत्र, परिपत्र, अर्ध-सरकारी पत्र, सूचना, अधिसूचना आदि समस्त प्रकार के सरकारी पत्राचार को सही प्रकार से तैयार करने का प्रशिक्षण पीपीटी माध्यम से दिया गया जिससे राजभाषा कार्यान्वयन को बल मिल सके।

 

इस हिंदी कार्यशाला का समापन माननीय कुलसचिव प्रो. (डॉ.) मो. महताब आलम रिज़वी के उत्साहवर्धन संबोधन एवं आशीर्वचन से हुआ। अपने संबोधन में उन्होने यह कहा कि राजभाषा कार्यान्वयन की दिशा में विश्वविद्यालय सतत प्रयासरत रहेगा और प्रत्येक तिमाही में इसी प्रकार की कार्यशालाओं /सेमिनारों आदि का आयोजन करने का प्रयास किया जाएगा।  उन्होने सभी अतिथि वक्ता एवं सभी प्रतिभागियों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए यह आशा जताई कि राजभाषा हिंदी प्रकोष्ठ भविष्य में भी जामिया कर्मियों हेतु इस प्रकार के कार्यकर्मों का आयोजन करेगा।

 

प्रोसाइमा सईद

मुख्य जनसंपर्क अधिकारी

REVIBE 2K Silver Jubilee Reunion of JNMC MBBS 2000 Batch Held with Distinction

 


REVIBE 2K Silver Jubilee Reunion of JNMC MBBS 2000 Batch Held with Distinction 

रेवाइब 2केः जेएनएमसी एमबीबीएस 2000 बैच का रजत जयंती पुनर्मिलन संपन्न

 30 दिसंबरः जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज (जेएनएमसी), अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के एमबीबीएस 2000 बैच का रजत जयंती पुनर्मिलन समारोह ‘रेवाइब 2के’ गरिमापूर्ण एवं उत्साहपूर्ण वातावरण में आयोजित किया गया। दो दिवसीय इस कार्यक्रम में स्मृतियों के पुनर्जीवन के साथ-साथ चिकित्सा सेवा के क्षेत्र में 25 वर्षों की पेशेवर यात्रानैतिक मूल्यों और आजीवन सहयोग का उत्सव    मनाया गया।

इस अवसर पर अमेरिकाब्रिटेनऑस्ट्रेलियासंयुक्त अरब अमीरात तथा भारत के विभिन्न हिस्सों से आए 86 पूर्व छात्रों ने अपनी मातृ संस्था में उपस्थिति दर्ज कराई और सहपाठियों के साथ पुरानी यादों को ताजा किया। कार्यक्रम का माहौल भावनात्मक और सौहार्दपूर्ण रहाजिसने वर्षों और भौगोलिक दूरी के बावजूद बैच के सदस्यों के बीच गहरे संबंधों को उजागर किया।

डॉसबाहत हुसैन जैदी ने पुनर्मिलन को भावुक और प्रेरणादायी बताते हुए कहा कि वर्षों बाद सहपाठियों से मिलना मेडिकल कॉलेज के साझा सफर की याद दिलाने के साथ-साथ समाज के प्रति चिकित्सकों की जिम्मेदारियों को भी पुनः रेखांकित करता है। डॉकविता गौर ने इसे मित्रताअध्ययन और पेशेवर विकास का उत्सव बताते हुए कहा कि विभिन्न देशों में कार्यरत साथियों के अनुभव सुनना प्रेरणास्पद रहा।

डॉमेहविश हैदर ने कहा कि यह आयोजन केवल स्मृतियों तक सीमित नहीं रहाबल्कि एक साथ शिक्षित चिकित्सकों के रूप में सामूहिक पहचान की पुष्टि भी बना। वहीं डॉसैयद असमत अली के अनुसारयह मंच बैच की उपलब्धियों को स्वीकारने और भविष्य में संस्थान  समाज के लिए योगदान पर विचार करने का अवसर प्रदान करता है।

कार्यक्रम के दौरान सांस्कृतिक प्रस्तुतियांसंगीत कार्यक्रम और संवादात्मक सत्र आयोजित किए गए। एक प्रमुख आकर्षण संकाय सदस्यों का औपचारिक सम्मान रहाजिसमें पूर्व छात्रों ने अपने शिक्षकों के मार्गदर्शन के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की।

इस सफल आयोजन का श्रेय आयोजन समिति को जाता हैजिसमें डॉमंजूर अहमदडॉसूफिया नसीमडॉएसहैदर एमहुसैनी और डॉअनिमा दयाल शामिल थीं। डॉसैयद हैदर हुसैनी ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कार्यक्रम का संचालन कियाजबकि धन्यवाद ज्ञापन डॉअनिमा दयाल ने प्रस्तुत किया।

AMU Alumni Association Qatar Hosts Dastangoi on Immigrant Experiences


Danish being honored during the AMU Alumni Association Qatar Hosts Dastangoi on Immigrant Experiences

 एएमयू एलुमनाई एसोसिएशन कतर द्वारा दास्तानगोई का आयोजन

अलीगढ़ 30 दिसंबरः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय एलुमनाई एसोसिएशन कतर (एएमयूएएक्यूद्वारा दोहा स्थित इंडियन कल्चरल एंड बिजनेस फोरम (आइसीबीएफके कंजानी हॉल में दास्तानगोई का एक विशिष्ट सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त रंगकर्मीकवि एवं लेखक जावेद दानिश ने अपनी प्रसिद्ध एकल प्रस्तुति दास्तान--हिजरतों की प्रस्तुत की।

लगभग एक घंटे तक चली इस प्रस्तुति ने दर्शकों को भावनात्मक रूप से गहराई तक प्रभावित किया और सभागार तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।

कार्यक्रम का स्वागत भाषण एएमयू एलुमनाई एसोसिएशन कतर के अध्यक्ष डॉनदीम जिलानी ने दियाजबकि उपाध्यक्ष (लेडीज विंगडॉआशना नुसरत ने एसोसिएशन की गतिविधियों पर प्रकाश डाला।

इस अवसर पर एएमयूएएक्यू के अध्यक्ष इंजीनियर जावेद अहमद ने कार्यकारिणी सदस्यों के साथ जावेद दानिश को स्मृति-चिह्न एवं पारंपरिक शॉल भेंट कर सम्मानित किया।

वर्तमान में कनाडा में रह रहे जावेद दानिश रंगमंच कनाडा के कलात्मक निदेशक हैं और कनाडा तथा उत्तरी अमेरिका के प्रथम दास्तानगो माने जाते हैं। वे बीस से अधिक पुस्तकों के लेखक हैं।

कार्यक्रम के दौरान उनकी संपादित पुस्तक पस--दस्तरस का विमोचन भी किया गया। साथ ही एएमयूएएक्यू की प्रथम वार्षिक पत्रिका अब्र--अलीगढ़ भी भेंट की गई।

कार्यक्रम का समापन एएमयूएएक्यू के उपाध्यक्ष इंजीनियर मोहम्मद फैसल नसीम के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।

JMI, concludes its 20th month-long Faculty Induction Programme

 

Mission Teacher Training Centre, JMI, concludes its 20th month-long Faculty Induction Programme for newly inducted faculty members in Higher Education

The Malaviya Mission Teacher Training Centre (MMTTC), Jamia Millia Islamia (JMI) successfully concluded its 20th One-Month Faculty Induction Programme (FIP) held in offline mode from 1st to 29th December 2025. The programme was designed as per Gurudakshta guidelines to equip newly appointed faculty members with essential pedagogical, ethical, and professional competencies aligned with the vision of the National Education Policy (NEP) 2020.

 

Aimed at fostering a holistic understanding of higher education and nurturing reflective teaching professionals, the FIP featured 96 expert sessions delivered by distinguished scholars, academic leaders, and policymakers from across the country. The programme saw the enthusiastic participation of newly recruited faculty members from diverse disciplines, representing both public and private institutions of higher education. The programme was skilfully coordinated by Prof. Bharti Sharma, Professor, Department of Teacher Training and Non-Formal Education and Director, CJNS and Dr. Afaque Nadeem Khan, Associate Professor, Department of Educational Studies, JMI, under the dynamic leadership of Prof. Kulwinder Kaur, Honorary Director, MMTTC-JMI, with the support from an efficient MMTTC team.

 

Eminent experts and resource persons from varied institutions across India—including Central Universities such as JMI, DU, JNU, IGNOU, AMU, MANUU, Central University of Gujarat, Central University of Himachal Pradesh; State and Private Universities such as IPU, SGT, MRU, G.D. Goenka, and Gurugram. They delivered enriching lectures on higher education policies and ecosystem, curriculum design, ethics and integrity in research, technology-enabled learning, student engagement, Sustainable Development Goals (SDGs), and professional development. One month-long academic discourse integrated perspectives from policy, practice, and pedagogy.

 

The inaugural address by Prof. Anita Rastogi, Dean, Faculty of Education, JMI, set the tone for the programme. She gave an insightful address on Higher Education in Indian & Global Context. Many eminent speakers such as Prof. Susmita Lakhyani (DU), Prof. Sudheer Kumar Singh, DU, Prof. Arshad Ikram Ahmad (JMI), Prof. Sajid Jamal (AMU), Prof. Garav Singh (DU), Prof. Satendra Gupta (Galgotia University), Dr. Aftab Ansari (AMU) addressed critical issues such as Higher education policy, innovation, inclusion, assessments, higher education reforms, and digital pedagogies.

 

 

Several lectures by experienced professionals such as Prof. Ahrar Husain (JMI), Prof. V.S. Sumi (MANUU), Prof. Piyush Pratap, (JNU), Dr. Aerum Khan, (JMI), Prof. Bharti Dogra (IGNOU), Prof. Manju Khari (JNU), Prof. Padma Yadav (NCERT), Mr. Dibyanshu Pandey (Sr. Advocate, Supreme Court), Prof. Pradeep Kumar Misra (NIEPA), Prof. K.K. Kusuma (JMI)—offered a rich blend of theory and practical insights. Skill-based workshops were conducted on topics such as intellectual property rights, cyber security, blended learning, MOOCs, and instructional design, enhancing participants’ professional capabilities.

 

Recognizing the multidisciplinary nature of higher education, the programme also explored the intersectionality of Education with Law, Public Health, Gender Equity, Environment, Tourism, and Space Innovation, etc. Senior administrative leaders from NCERT, SCERT, NIEPA, ICSSR and Web of Science shared valuable institutional and regulatory perspectives. Motivational sessions were organised on themes such as emotional intelligence, wellness, work-life balance, and stress management, etc.

 

The final week of the programme featured theme-based presentations by participants to showcase the ways in which they would integrate the learnings from FIP into their discipline-specific teaching practices. A test based on MCQs was conducted by the coordinators for evaluation and grading purposes as per the UGC guidelines. The final day of the programme featured thought provoking sessions by eminent experts who reflected on the transformative role of faculty in the evolving higher education ecosystem.

 

In the valedictory session, Prof. Kulwinder Kaur and Prof. Bharti Sharma gave a synoptic view of the programme. The valedictory address was delivered by Prof. Mehtab Alam Rizvi, Registrar, Jamia Millia Islamia. He spoke on the role of teachers in democracy and nation building by drawing from classical philosophers. Prof. Rizvi also highlighted the key policy initiatives in the NEP-2020 framework such as inclusion of IKS and regional languages. He invited feedback and suggestions from the participants to enrich future endeavours by MMTTC, JMI. The participants were immensely appreciative of the overall design of the programme, its co-ordinators, the resource persons, the Director and her team. After the feedback a short film showcasing the highlights of the programme was presented. This was followed by the distribution of certificates to the participants. The programme concluded with the formal vote of thanks by Mr. Akram Ansari on behalf of MMTTC team.

 

 

Tuesday, December 30, 2025

AMU OLD BOYS (ALUMNI) ASSOCIATIN : GENERAL BODY MWEETING ORGANISED 0N 28- 12- 2025

  








CEC AMU OLD BOYS (ALUMNI) ASSOCIATION OUT SIDE OF ALIGARH


CEC AMU OLD BOYS (ALUMNI) ASSOCIATION  LOCAL, ALIGARH MUSLIM UNIVERSITY ALIGARH 



WELCOME ADDRESS BY GENERAL SECRETRY, DR. AZAM MEER KHAN



REPORT OF AMU OLD BOYS (ALUMNI) ASSOCIATION  BY GEN SECRETARY DR. AZAM MEER KHAN
PLEASE VISIT REPORT IN DETAIL LATER ON 

Monday, December 29, 2025

डॉ. अलमास खान को पियरसन एडएक्सेल में प्रतिष्ठित दायित्व


Dr. Almas Khan

एएमयू गणित विभाग को वैश्विक मान्यताः डॉ. अलमास खान को पियरसन एडएक्सेल में प्रतिष्ठित दायित्व

अलीगढ़, 29 दिसंबरः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के गणित विभाग की शैक्षणिक विरासत में एक और उपलब्धि जुड़ गई है। विभाग की पूर्व छात्रा डॉ. अलमास खान को इंग्लैंड की पियरसन एडएक्सेल संस्था में गणित विषय के लिए असेसमेंट एसोसिएट नियुक्त किया गया है। पियरसनयूनाइटेड किंगडम की सबसे बड़ी अवॉर्डिंग संस्था हैजो अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप अकादमिक और व्यावसायिक योग्यताओं के लिए विश्वभर में जानी जाती है और जिसकी शैक्षणिक परंपरा वर्ष 1836 से चली आ रही है।

इस प्रतिष्ठित नियुक्ति के साथ ही डॉ. अलमास खान वर्तमान में इंग्लैंड के सेंट लॉरेंस कॉलेज में गणित अध्यापिका के रूप में भी सेवाएं दे रही हैं और अंतरराष्ट्रीय शिक्षा के क्षेत्र में एएमयू में प्राप्त प्रशिक्षण और विशेषज्ञता का योगदान कर रही हैं। उन्होंने गणित में पीएचडी की उपाधि एएमयू से प्राप्त कीजहां वे कुछ समय के लिए विमेंस कॉलेज में अध्यापन कार्य से भी जुड़ी रहीं। उनके शैक्षणिक सफर में मैनचेस्टर मेट्रोपॉलिटन यूनिवर्सिटी से वर्ष 2023 में पोस्टग्रेजुएट सर्टिफिकेट इन एजुकेशन (पीजीसीई) तथा यूनिवर्सिटी ऑफ संडरलैंड के माध्यम से क्वालिफाइड टीचर स्टेटस (क्यूटीएस) प्राप्त करना भी शामिल हैजो इंग्लैंड के सार्वजनिक शिक्षा क्षेत्र में अध्यापन के लिए आवश्यक वैधानिक योग्यता है।

AMU Appoints Medical Superintendent and Additional Medical Superintendent at JNMCH

  


Prof. Naiyer Asif and Dr. Ziya Siddiqui

AMU Appoints Medical Superintendent and Additional Medical Superintendent at JNMCH

ALIGARH, December 24: On the recommendation of the Principal and Chief Medical Superintendent, Jawaharlal Nehru Medical College Hospital, the Vice-Chancellor of Aligarh Muslim University has approved key administrative appointments at Jawaharlal Nehru Medical College Hospital with immediate effect.

Prof. Naiyer Asif, Department of Orthopaedic Surgery, has been appointed Medical Superintendent, JNMCH, in addition to his existing duties, until further orders. A senior orthopaedic surgeon with over two decades of experience, Prof. Asif has a strong record in clinical care, teaching and research, with interests in orthopaedic trauma, joint replacement and arthroscopy.

Prof. Ziya Siddiqui, Institute of Ophthalmology, has been appointed Additional Medical Superintendent, JNMCH, in addition to his current responsibilities, until further orders. He brings extensive experience in ophthalmic surgery and academic practice, with clinical interests in cataract, cornea, glaucoma and community ophthalmology.

 

Sunday, December 28, 2025

कक्षा 10 की छात्राओं के लिए प्रेरक परामर्श कार्यक्रम आयोजित

 


Dr. Nasheed Imtiyaz with Md. Javed Akhtar addressing the Motivational Counselling Session for Class X Students AMU City Girls’ High School Organizes Motivational Counselling Session for Class X Student

एएमयू सिटी गर्ल्स हाई स्कूल में कक्षा 10 की छात्राओं के लिए प्रेरक परामर्श कार्यक्रम आयोजित

अलीगढ़, 27 दिसंबरः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के सिटी गर्ल्स हाई स्कूल में शैक्षणिक सत्र 2025-26 के अंतर्गत कक्षा 10 की छात्राओं के लिए एक प्रेरक परामर्श सत्र का आयोजन किया गया। यह सत्र तनाव प्रबंधन” विषय पर केंद्रित थाजिसका उद्देश्य छात्राओं को मानसिक रूप से सशक्त बनाना और परीक्षा से जुड़ी चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार करना था।

इस सत्र का संचालन मनोविज्ञान विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. नशीद इम्तियाज ने किया। उन्होंने छात्राओं को मानसिक स्वास्थ्यपढ़ाई की तैयारी और भावनात्मक संतुलन से जुड़े महत्वपूर्ण सुझाव दिए। डॉ. इम्तियाज ने कहा कि परीक्षा के समय तनाव और दबाव होना स्वाभाविक हैलेकिन सकारात्मक सोच और आत्मविश्वास से इन्हें आसानी से संभाला जा सकता है। उन्होंने कहा कि समस्या तभी बड़ी बनती है जब हम उसे अपने विचारों पर हावी होने देते हैं।

उन्होंने छात्राओं को नकारात्मक चीजों से दूर रहने की सलाह देते हुए सोशल मीडिया के अत्यधिक उपयोग से बचने को कहा। साथ ही अनुशासनएकाग्रतासकारात्मक सोचआत्मप्रेरणा और स्वयं पर विश्वास जैसे गुणों को अपनाने पर जोर दिया।

डॉ. इम्तियाज ने कायेजा’ नामक जापानी अवधारणा के बारे में भी बतायाजिसका अर्थ है हर दिन स्वयं को बेहतर बनाना। उन्होंने छात्राओं को नियमित अध्ययन योजना बनानेसमय-समय पर पुनरावृत्ति करनेआत्ममंथन करने और हमेशा सकारात्मक दृष्टिकोण बनाए रखने के लिए प्रेरित किया।

विद्यालय के प्रधानाचार्य मोहम्मद जावेद अख्तर ने इस परामर्श सत्र की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रम छात्रों के मानसिकभावनात्मक और शैक्षणिक विकास के लिए प्रेरणास्रोत होते हैं।

प्रो. वारसी ने महोत्सव के तीन प्रमुख सत्रों में भाग लिया।

 


नालंदा साहित्य महोत्सव 2025 में प्रोफेसर वारसी ने एएमयू का प्रतिनिधित्व किया

अलीगढ़, 27 दिसंबरः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के भाषाविज्ञान विभाग के अध्यक्ष एवं लिंग्विस्टिक सोसायटी ऑफ इंडिया के अध्यक्ष प्रो. एम. जे. वारसी ने नालंदा साहित्य महोत्सव (एनएलएफ) 2025 में एएमयू का प्रतिनिधित्व किया। यह महोत्सव राजगीर कन्वेंशन सेंटर में आयोजित हुआ। प्राचीन नालंदा की शैक्षणिक परंपरा से प्रेरित इस महोत्सव का उद्देश्य भारत की बौद्धिक विरासत को पुनर्जीवित करना है।

प्रो. वारसी ने कहा कि नालंदा साहित्य महोत्सव संवादविद्वत्ता और रचनात्मकता जैसे उन मूल्यों को दर्शाता हैजो प्राचीन नालंदा की पहचान रहे हैं और जिन्हें आज के समय के अनुसार प्रस्तुत किया गया है। उन्होंने भाषा को सांस्कृतिक पहचान का मूल आधार बताते हुए कहा कि भाषाएँ हमारी सांस्कृतिक विरासत को जोड़ने वाली कड़ियाँ हैं।

प्रो. वारसी ने महोत्सव के तीन प्रमुख सत्रों में भाग लिया। इनमें हिंदी एवं अन्य भारतीय भाषाओं का अंग्रेजी में तथा अंग्रेजी का भारतीय भाषाओं में अनुवादः नवीन प्रवृत्तियाँ” विषय पर आयोजित पैनल चर्चा भी शामिल थी। उन्होंने कहा कि आज अनुवाद केवल तकनीकी उपकरणों तक सीमित नहीं हैबल्कि यह अर्थसंस्कृति और सामाजिक संदर्भों को समझने की एक गहरी प्रक्रिया बन चुका है।

इसके अलावा प्रो. वारसी ने दो सत्रों का संचालन भी किया। इनमें पूर्वोत्तर भारत की जनजातीय भाषाओं के संरक्षण और पहचान से जुड़े महत्व पर चर्चा तथा आधुनिक बिहार में बज्जिकामगही और अंगिका भाषाओं के संरक्षण की चुनौतियों और संभावनाओं पर विचार-विमर्श किया गया।

महोत्सव का उद्घाटन बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने किया। इस साहित्य महोत्सव में 50 हजार से अधिक लोगों ने भाग लिया। कार्यक्रम में शशि थरूरसोनलमान सिंहअदूर गोपालकृष्णनअमिताभ कांतअमित लोढ़ासच्चिदानंद जोशी सहित कई प्रसिद्ध लेखकविद्वानफिल्मकार और सांस्कृतिक क्षेत्र से जुड़ी हस्तियाँ उपस्थित रहीं।


Saturday, December 27, 2025

YESummit 2025 Concludes Successfully at Jamia Millia Islamia,


 YESummit 2025 Concludes Successfully at Jamia Millia Islamia, Inspiring Youth Entrepreneurship and Innovation

जामिया मिल्लिया इस्लामिया में YESummit 2025 का सफलतापूर्वक समापनयुवा उद्यमिता और नवाचार को किया प्रेरित 

जामिया मिल्लिया इस्लामिया के सेंटर फॉर इनोवेशन एंड एंटरप्रेन्योरशिप (CIE) ने शुक्रवार, 19 दिसंबर, 2025 को यूनिवर्सिटी कैंपस में YESummit 2025 का सफलतापूर्वक आयोजन किया। इस दिन भर चले समिट में जाने-माने शिक्षाविदउद्योगपतिनीति निर्माताउद्यमी और छात्र एक साथ एक मंच पर आए ताकि युवा उद्यमितानवाचारसस्टेनेबिलिटी और सामाजिक प्रभाव को बढ़ावा दिया जा सके।

 

उद्घाटन सत्र में जामिया के रजिस्ट्रार प्रो. मो. महताब आलम रिज़वीइंजीनियरिंग एवं टेक्नोलॉजी फैकल्टी के डीन प्रो. मोहम्मद शरीफयूथएड फाउंडेशन के संस्थापक श्री मैथ्यू मट्टम, UPS के कंट्री मैनेजर श्री रविंद्र सिंह राठौरश्री गुलाम मुस्तफा और ALMEER सऊदी टेक्निकल कंपनी के प्रेसिडेंट और CEO सहित कई गणमान्य अतिथि मौजूद थे।

 

समिट की शुरुआत उद्घाटन सत्र से हुईजिसकी शुरुआत तिलावत-ए-कुरान से हुईइसके बाद CIE के निदेशक प्रो. रिहान खान सूरी ने स्वागत वक्तव्य दियाजिसमें उन्होंने सेंटर के नवाचार-संचालित और सामाजिक रूप से जिम्मेदार उद्यमियों को बढ़ावा देने के विजन पर प्रकाश डाला। CIE की प्रोफेसर इंचार्ज प्रो. सिमी मल्होत्रा ने अपने शुरुआती संबोधन में अनुभवात्मक शिक्षा और उद्योग-अकादमिक सहयोग के महत्व पर जोर दिया।

 

अध्यक्षीय वक्तव्य जामिया मिल्लिया इस्लामिया के माननीय कुलपति प्रो. मज़हर आसिफ़ ने दियाउन्होंने अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में नवाचारउद्यमिता और सामाजिक रूप से जिम्मेदार नेतृत्व को बढ़ावा देने में विश्वविद्यालयों की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि YESummit जैसे मंच छात्रों को वास्तविक दुनिया का अनुभव प्रदान करते हैंजिससे वे विचारों को प्रभावशाली उद्यमों में बदल सकते हैं। प्रो. आसिफ़ ने स्टार्टअप और कौशल विकास के लिए एक सक्षम इकोसिस्टम बनाने में सेंटर फॉर इनोवेशन एंड एंटरप्रेन्योरशिप के प्रयासों की सराहना कीऔर युवा प्रतिभाओं को उद्यमिता को केवल एक करियर विकल्प के रूप में नहींबल्कि राष्ट्र निर्माणरोजगार सृजन और समावेशी विकास के लिए एक शक्तिशाली उपकरण के रूप में अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। उद्घाटन सत्र के बादएडवांस्ड बेकरी ट्रेनिंग और बेसिक बेकरी ट्रेनिंग प्रोग्राम के छात्रों द्वारा बनाए गए बेकरी प्रोडक्ट्स सभी गणमान्य व्यक्तियों के सामने खूबसूरती से पेश किए गए। इस कदम की खूब सराहना हुई और इसने CIE के तहत चलाए जा रहे स्किल-बेस्ड ट्रेनिंग प्रोग्राम के माध्यम से विकसित व्यावहारिक कौशलरचनात्मकता और उद्यमिता क्षमता को दिखाया।

 

सम्मेलन में "सस्टेनेबिलिटी और सोशल इम्पैक्ट - ऐसे व्यवसाय बनाना जो समुदायों की मदद करें" विषय पर एक विचारोत्तेजक पैनल चर्चा भी हुईजिसमें प्रमुख उद्यमियों और स्टार्टअप इकोसिस्टम विशेषज्ञों ने भाग लिया। लंच के बाद के सत्र में एक ऊर्जावान स्टार्टअप पिचिंग प्रतियोगिता हुईजहाँ युवा इनोवेटर्स ने एक प्रतिष्ठित जूरी के सामने अपने व्यावसायिक विचारों को प्रस्तुत किया।

 

कार्यक्रम का समापन एक समापन सत्रविजेता टीमों को पुरस्कार वितरण और उद्योग जगत के नेताओं के प्रोत्साहन भरे शब्दों के साथ हुआजिसने युवाओं के बीच नवाचारउद्यमिता और कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए जामिया मिलिया इस्लामिया के CIE की प्रतिबद्धता को मजबूत किया।

 

YESummit 2025 जामिया मिलिया इस्लामिया के एक समावेशी और जीवंत उद्यमी इकोसिस्टम के निर्माण के निरंतर प्रयासों का प्रमाण था जो शिक्षा जगतउद्योग और समाज को जोड़ता है।

 

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