Mr. Aman Alam
एएमयू के पूर्व छात्र अमान आलम रॉयल एशियाटिक सोसाइटी के फेलो चुने गए
अलीगढ़, 26 दिसंबरः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के लिए गर्व का विषय है कि उसके पूर्व छात्र अमान आलम को ग्रेट ब्रिटेन और आयरलैंड की प्रतिष्ठित रॉयल एशियाटिक सोसाइटी (आरएएस) का फेलो चुना गया है। वर्ष 1823 में स्थापित यह संस्था दुनिया की सबसे पुरानी और सम्मानित शैक्षणिक संस्थाओं में से एक मानी जाती है। इस सम्मान के साथ आलम उन चुनिंदा अंतरराष्ट्रीय विद्वानों की सूची में शामिल हो गए हैं जो एशियाई इतिहास, साहित्य और संस्कृति के अध्ययन में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।
रॉयल एशियाटिक सोसाइटी से पहले भी रवींद्रनाथ टैगोर, राजा राममोहन राय, सर सैयद अहमद खान, वायसराय लॉर्ड नॉर्थब्रुक और लॉर्ड विलिंगडन, सर मैल्कम हेली, सर डब्ल्यू.डब्ल्यू. हंटर, सर रिचर्ड बर्टन तथा प्रसिद्ध इतिहासकार विलियम डालरिम्पल जैसी महान हस्तियां जुड़ी रही हैं, जिससे इस फेलोशिप की प्रतिष्ठा और बढ़ जाती है।
25 वर्षीय अमन आलम सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता हैं और वर्तमान में इंग्लैंड में बैरिस्टर की पढ़ाई कर रहे हैं। वे उत्तर प्रदेश के बदायूं के निवासी हैं और सातवीं पीढ़ी के वकील तथा एएमयू से कानून की पढ़ाई करने वाली चैथी पीढ़ी के सदस्य हैं। उन्होंने वर्ष 2022 में एएमयू से बीएएलएलबी (ऑनर्स) की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद वे सुप्रीम कोर्ट के एक न्यायाधीश के शोध सहायक के रूप में भी कार्य कर चुके हैं। उन्हें सुप्रीम कोर्ट में सबसे कम उम्र के स्टैंडिंग काउंसिल और एमिकस क्यूरी नियुक्त होने का गौरव भी प्राप्त है।
एक दुर्लभ और ऐतिहासिक संयोग में, उनके परदादा चाचा मौलवी मोहम्मद हुजूर आलम, जो स्वयं एएमयू के पूर्व छात्र और एएमयू राइडिंग क्लब के पूर्व कप्तान थे, लगभग सौ वर्ष पहले यानी 1923 के आसपास इसी सोसाइटी के फेलो चुने गए थे। अमन आलम का यह चयन उस गौरवशाली परंपरा को फिर से जीवंत करता है और एएमयू तथा उसके वैश्विक पूर्व छात्र समुदाय का मान बढ़ाता है।
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