Monday, December 1, 2025

एएमयू में न्यूट्रिनो भौतिकी की स्थापना के के 50 वर्ष पूर्ण हुए

 एएमयू में न्यूट्रिनो भौतिकी की स्थापना के के 50 वर्ष पूर्ण हुए

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के भौतिकी विभाग ने न्यूट्रिनो भौतिकी के क्षेत्र में 50 साल का सफर पूरा कर लिया है। इस बड़ी उपलब्धि को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सम्मान मिला हैऔर स्प्रिंगर के प्रतिष्ठित जर्नल ने एएमयू के काम पर एक विशेष लेख प्रकाशित किया है। “50 इयर्स ऑफ न्यूट्रिनो फिजिक्स एट अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी” नाम का यह लेख प्रो. एस. के. सिंह और प्रो. एम. सज्जाद अथर ने लिखा है।

न्यूट्रिनो एक बेहद छोटे और रहस्यमय कण होते हैंजो ब्रह्मांड में बहुत बड़ी मात्रा में मौजूद हैंलेकिन उन्हें समझना बहुत मुश्किल है। 1930 में वोल्फगैंग पाउली ने इनके बारे में बताया था और 1956 में पहली बार वैज्ञानिकों ने इनकी खोज की। न्यूट्रिनो पर हुए शोध के लिए कई नोबेल पुरस्कार भी दिए जा चुके हैं। ये कण सितारों में होने वाली प्रक्रियाओं से लेकर पृथ्वी की आंतरिक संरचना को समझने तक बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

एएमयू में न्यूट्रिनो पर शोध की शुरुआत 50 साल पहले प्रो. एस. के. सिंह द्वारा की गईजब वे अमेरिका से अपनी पीएचडी पूरी करके लौटे थे। उन्होंने भौतिकी विभाग में इस विषय पर एक मजबूत शोध समूह तैयार किया। इसके बाद से एएमयू लगातार इस क्षेत्र में दुनिया भर में पहचान बनाता रहा हैऔर यहाँ किए गए सैद्धांतिक शोध ने कई अंतरराष्ट्रीय प्रयोगों पर असर डाला है।

प्रो. एम. सज्जाद अथर ने इस शोध को वैश्विक स्तर तक पहुँचाने में बड़ा योगदान दिया है। वे फर्मी लैब के मिनरवा और आने वाले बड़े डयून प्रयोग जैसे अंतरराष्ट्रीय प्रोजेक्ट्स से जुड़े हैं। एएमयू के शोधकर्ताओं ने 120 से ज्यादा शोध-पत्र विश्व की बड़ी जर्नलों में प्रकाशित किए हैं और दुनिया भर के सम्मेलनों में आमंत्रित व्याख्यान भी दिए हैं।

एएमयू के वैज्ञानिकों ने द फिजिक्स ऑफ न्यूट्रिनो इंटरैक्शंस” नाम की एक महत्वपूर्ण पुस्तक भी लिखी हैजिसे कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी प्रेस ने प्रकाशित किया है और जिसे कई विश्वविद्यालयों में पढ़ाया जाता है।

प्रो. अथर विश्व-स्तर पर न्यूट्रिनो से जुड़े निर्णयों और योजनाओं में भी शामिल हैं। वे एनयूएसटीईसी और आईयूपीएपी के न्यूट्रिनो पैनल की कार्यकारी समिति में भारतीय उपमहाद्वीप से अकेले प्रतिनिधि हैं। वे अमेरिका और यूरोप की दीर्घकालिक वैज्ञानिक योजनाओं से भी जुड़े हैं। भारत मेंउन्हें मेगा साइंस विजन-2035 की विशेषज्ञ समिति का सदस्य चुना गया है।

एएमयू का न्यूट्रिनो समूह 2001 से अंतरराष्ट्रीय एनयूएलएनटी सम्मेलन से जुड़ा हुआ है और इसके आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। प्रो. अथर ने नोबेल विजेता टी. कजीता और जापान के प्रसिद्ध वैज्ञानिक एम. होंडा के साथ मिलकर कई देशों में वायुमंडलीय न्यूट्रिनो पर शोध किया है।

इन 50 वर्षों की उपलब्धियों को देखते हुएयह नया प्रकाशित लेख एएमयू के भौतिकी विभाग की वैज्ञानिक दुनिया में विशेष पहचान का प्रमाण है।

अधिक जानकरी https://link.springer.com/article/10.1140/epjs/s11734-025-01498-y से प्राप्त की जा सकती है।

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