Saturday, December 20, 2025

International Minority Rights Day at Department of Political Science, AMU

 


Prof. Md. Nafees Ahmad Ansari, Prof. Md. Aftab Alam, Prof. Mirza Asmer Beg and Prof. Iqbalur Rehman during the programme International Minority Rights Day at Department of Political Science

एएमयू के राजनीति विज्ञान विभाग में अंतरराष्ट्रीय अल्पसंख्यक अधिकार दिवस मनाया गया

अलीगढ़, 18 दिसंबरः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग ने अंतरराष्ट्रीय अल्पसंख्यक अधिकार दिवस के अवसर पर एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया। संगोष्ठी में अल्पसंख्यक अधिकारों से जुड़े संवैधानिक प्रावधानोंवैश्विक अनुभवों और वर्तमान चुनौतियों पर चर्चा की गई।

कार्यक्रम में वक्ताओं और प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए विभागाध्यक्ष प्रो. डॉ. एम. नफीस अहमद अंसारी ने अल्पसंख्यक अधिकार दिवस के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि यह दिवस सरकारों को अल्पसंख्यकों के लिए प्रभावी कल्याणकारी नीतियाँ बनाने और उन्हें लागू करने की दिशा दिखाता है।

प्रो. अर्शी खान ने कहा कि किसी भी देश में अल्पसंख्यकों के साथ किया जाने वाला व्यवहार उस देश की असली पहचान होता है। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए अपनाए गए पाँच सूत्री सुधारों का उल्लेख करते हुए उन्हें अन्य देशों के लिए भी उपयोगी बताया। प्रो. एम. आफताब आलम ने व्यक्तिगत और सामूहिक अधिकारों दोनों के महत्व को रेखांकित किया और भारतीय संविधान के अनुच्छेद 30 को भारत में अल्पसंख्यक अधिकारों की बुनियाद बताया।

प्रो. मोहम्मद मोहीबुल हक ने भारतीय संदर्भ में अल्पसंख्यकों की अवधारणा और उनकी श्रेणियों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यकों की पहचान और अधिकारों की रक्षा करना राज्य की जिम्मेदारी है और जबरन एकरूपता व नफरत फैलाने वाली सोच का विरोध किया जाना चाहिए। परवेज आलम ने अल्पसंख्यक और जनवाद विषय पर बोलते हुए बताया कि किस तरह बहुसंख्यक राजनीति में अल्पसंख्यक मुद्दा केंद्र में आ जाता है।

संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए प्रो. मिर्जा असमर बेग ने कहा कि भारत में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए दुनिया के सबसे मजबूत संवैधानिक ढाँचों में से एक है। उन्होंने संविधान निर्माताओं की दूरदर्शिता की सराहना कीजिन्होंने अल्पसंख्यक अधिकारों को मौलिक अधिकारों के अध्याय में शामिल किया।

कार्यक्रम का समापन प्रो. इकबालुर रहमान द्वारा प्रस्तुत धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।

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