Monday, December 1, 2025

JMI scholar awarded prestigious Commonwealth Scholarship for research

JMI scholar awarded prestigious Commonwealth Scholarship for research on Indian Knowledge System of Tribes


 जामिया के स्कॉलर को मिली- इंडियन नॉलेज सिस्टम ऑफ़ ट्राइब्स पर रिसर्च के लिए प्रतिष्ठित  कॉमनवेल्थ स्कॉलरशिप

जामिया मिल्लिया इस्लामिया (JMI) के रिसर्च स्कॉलर श्री नितेश डोगनेजो ट्राइबल सर्कुलरिटी के इंडिजिनस नॉलेज सिस्टम टॉपिक पर पीएचडी कर रहे हैंउन्हें प्रो. हिना ज़ियाप्रोफेसर और अध्यक्षयोजना विभाग तथा प्रो. निसार खानवास्तुकला विभागजामिया मिल्लिया इस्लामियानई दिल्ली के सुपरविज़न में वर्ष 2025-26 के लिए प्रतिष्ठित कॉमनवेल्थ स्प्लिट-साइट स्कॉलरशिप मिली है।

कॉमनवेल्थ स्कॉलरशिप कमीशन (CSC), यूनाइटेड किंगडम द्वारा दी जाने वाली यह एक बहुत ही कॉम्पिटिटिव और पूरी तरह से फंडेड स्कॉलरशिप है जो दुनिया भर के कुछ काबिल रिसर्च स्कॉलर्स को दी जाती है। वर्ष 2024 में, 40 देशों में सिर्फ़ 57 स्कॉलर्स को यह अवॉर्ड मिला। इस अवॉर्ड के तहत नितेश एक वर्ष तक यूनिवर्सिटी ऑफ़ बाथ में अपनी रिसर्च जारी रखेंगे। उनके रिसर्च प्रपोज़ल को इस स्कॉलरशिप के लिए यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदनयूनिवर्सिटी ऑफ़ एडिनबर्गयूनिवर्सिटी ऑफ़ ग्लासगो और न्यूकैसल यूनिवर्सिटी ने भी चुना था।

प्रो. हिना ज़िया ने कहा कि यह रिसर्च इस बात की जांच करती है कि भील जनजाति पानीएनर्जीबायोमास और कचरे का इस्तेमाल कैसे सर्कुलर और लगभग ज़ीरो तरीके से करती है। उनकी इकोलॉजिकल समझ SDG 6 (साफ़ पानी) और SDG 7 (साफ़ एनर्जी) और (क्लाइमेट एक्शन 13) को पाने के लिए ज़रूरी जानकारी देती हैखासकर ग्लोबल साउथ में। प्रो. निसार खान ने कहा कि यह रिसर्च भील जनजातियों की पुरानी प्रथाओं का अध्ययन करती हैजो शहरीकरण के कारण गायब हो रही हैं। यह डॉक्यूमेंटेशन सस्टेनेबिलिटी पाने के लिए भारतीय नॉलेज सिस्टम को फिर से शुरू करने की नींव का काम करेगा। स्कॉलर और सुपरवाइज़र को बधाई देते हुएजामिया मिल्लिया इस्लामिया के वाइस चांसलर प्रो. मज़हर आसिफ़ ने कहा कि यह स्कॉलरशिप न सिर्फ़ क्लाइमेट सॉल्यूशन में स्वदेशी ज्ञान को सबसे आगे रखती हैबल्कि जामिया मिल्लिया इस्लामिया और यूनिवर्सिटी ऑफ़ बाथ के बीच संबंधों को भी मज़बूत करती है।

जामिया मिल्लिया इस्लामिया के रजिस्ट्रार प्रो. महताब आलम रिज़वी ने देश के लिए ज़रूरी रिसर्च करने के लिए रिसर्च स्कॉलर और सुपरवाइज़र की सराहना की। उन्होंने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि ग्लोबल समस्याओं को हल करने के लिए दुनिया भर की यूनिवर्सिटीज़ के बीच रिसर्च कोलेबोरेशन को बढ़ाया जाना चाहिए।

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